tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post5791057538451300646..comments2023-10-29T18:16:26.466+05:30Comments on <center>Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन</center>: हरीश भाई, आप LBA के हनुमान हैं::: सलीम ख़ानSaleem Khanhttp://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-48090534171277075682011-04-13T20:56:02.223+05:302011-04-13T20:56:02.223+05:30waah padh kar achha lga thanx!waah padh kar achha lga thanx!Omraj Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08518682692626833127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-63160089070565261402011-02-22T13:34:37.960+05:302011-02-22T13:34:37.960+05:30धन्यवाद भाई, मैं समझता हू की मान सम्मान मांगने से...धन्यवाद भाई, मैं समझता हू की मान सम्मान मांगने से नहीं मिलता. मेरा मतलब है की यह कोई वस्तु नहीं जो मांगने पर मिल जाय. हमारे अन्दर यह भावना होनी चाहिए की हम दूसरों का सम्मान करें. जब हम सम्मान करेंगे तो निश्चित रूप से लोग हमें सम्मान देंगे. हम किसी को गाली दे और अपेक्षा करे की सामने वाला व्यक्ति. मेरा सम्मान करे तो यह कहा संभव. है. जो लोग यह सोचते थे की सलीम उनके सामने घुटने टेक दे उन्हें यह सोचना चाहिए था की आखिर सलीम क्यों झुके. उन्होंने अपनी विद्वता का ऐसा कौन सा उदहारण पेश कर दिया, कौन सी क़ाबलियत दिखाई जिसके सामने सलीम नतमस्तक हो. अहंकार, घमंड के सामने सलीम तो क्या कोई भी नहीं झुकेगा. सबसे बड़ा काबिल तो इस जगत का पालनहार खुदा है, भगवान है, उसे छोड़कर किसी आम इन्सान के सामने क्यों झुके. <br /><br />सलीम भाई, आप मेरे प्रति यह भाव रखते है, इस बारे में विचार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है. हम लोग साथ है और हमेशा साथ रहेंगे.हरीश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-46048144477682163332011-02-22T10:25:32.942+05:302011-02-22T10:25:32.942+05:30जनाब सलीम ख़ान साहब ! आपकी यह बात हमें भी सही लग रह...जनाब सलीम ख़ान साहब ! आपकी यह बात हमें भी सही लग रही है कि वे मात्र सम्मान पाकर ही खुश और संतुष्ट नहीं थे बल्कि वे चाहते थे कि सलीम उनके सामने दंडवत भी करे और जब सलीम ख़ान ने ऐसा न किया तो इमोशनल ब्लैकमेलिंग पर उतर आए कि उनकी मिन्नतें की जाएंगी और अपनी ऐंठ मरोड़ में वे ख़ुद दूर होते गए । फूट डालने के प्रयास मात्र अपनी खीज मिटाने के लिए किए जा रहे हैं । अफ़वाहों का मक़सद भी यही है ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.com