tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post8592717912604168640..comments2023-10-29T18:16:26.466+05:30Comments on <center>Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन</center>: LBA के मार्ग-दर्शक नीति नियम TERMs AND CONDITIONs FOR LBA MEMBERsSaleem Khanhttp://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-70659606583103130672011-01-29T11:06:05.986+05:302011-01-29T11:06:05.986+05:30AGREE WITH Hon. Prez.AGREE WITH Hon. Prez.Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-8011508335384739602011-01-29T10:18:04.367+05:302011-01-29T10:18:04.367+05:30आप सभी का आभार इस स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए , ...आप सभी का आभार इस स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए , आप सभी से यही अपेक्षा है की आपस में सद्भावना का माहौल बनाए रखें और किसी भी परिस्थिति में असंसदीय भाषा का प्रयोग न करें .....किसी पोस्ट के विरुद्ध पोस्ट प्रकाशित न करें, कोशिश करें की कॉमेंट बक्से में ही आपकी प्रतिक्रया प्रकाशित हो , निश्चित रूप से ऐसा करने पर एक स्वस्थ परंपरा का निर्माण होगा !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-8039486783473963882011-01-29T00:20:55.804+05:302011-01-29T00:20:55.804+05:30क्या बात है ?
सरसों के खेत के पीले फूलों की तरह आप...क्या बात है ?<br />सरसों के खेत के पीले फूलों की तरह आप तो एकदम से ही क्षमा से , करुणा से भर उठे हैं .<br />लगता है कि मालिक ने हमारी सुन ली है . आप जितना चाहे उत्पात मचाइए लेकिन मेरे चर्चाशाली मंच पर आकर क्योंकि यहाँ का क़ानून अलग है .<br />यह लोग आपको उत्पात मचाने नहीं देंगे .<br />देखो हमारे आने के बाद से आपके एलबीए की पोस्ट पर टिप्पणियां भी आने लगीं वरना हमारी पोस्ट 'वर्चुअल कम्युनलिज्म' से पहले की अपनी सब पोस्ट्स उठाकर देख लीजिये , लेकिन कौन है जो हमारा शुक्रिया अदा करे ?<br />टिप्पणियों के लिए सलीम जी ने भी शुक्रिया हमें अदा नहीं किया , जिसकी वजह से टिप्पणियाँ आने लगीं हैं .<br />अब मैं कुछ दिन शांत होकर बैठूँगा और फिर आप देखना कितनी टिप्पणियां आपको मिलती हैं .<br />टिप्पणियों का गणित कुछ और ही है बन्धु .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-2680480151724138672011-01-28T23:32:00.432+05:302011-01-28T23:32:00.432+05:30आपकी भावनाए जब भी आहत हो उसे आपको माफ़ करना ही पड़ेग...आपकी भावनाए जब भी आहत हो उसे आपको माफ़ करना ही पड़ेगा क्योंकि . क्षमा बणन को चाहिए छोटन को उत्पात और आप हमें मंदबुद्धि तो पहले ही कह चुके है. अब धीरे ज्ञानवर्धन होगा भाईजान. अब एक साथ सबकुछ कैसे सीख जाऊहरीश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-85630185495377678252011-01-28T23:27:55.812+05:302011-01-28T23:27:55.812+05:30क्यों ख़बरदार करके डरा रहे है भाई, मेरे कहने का तात...क्यों ख़बरदार करके डरा रहे है भाई, मेरे कहने का तात्पर्य वही था, धर्म या धार्मिक शाश्त्रो में कमी की बात नहीं कर रहा हू. बल्कि बदलते ज़माने के साथ नजरिये की बात ही कर रहा हू. कितने लोग है जो अपने धर्म शाश्त्रो के बताये मार्ग पर चल रहे है यह आप भी जानते हैं है हम भी. यदि ऐसा नहीं होता तो शराब का व्यापर करोडो में नहीं होता, कौन धर्म बताता है शराब पीना, नसीमुद्दीन सिद्दीकी आबकारी मंत्री नहीं होते [ ऐसी तमाम बाते है] आपने जो कहा वही सही है बात नजरिये की ही है. मेरा कहने का मतलब वही था, जिसके लिए चेतावनी दी आपने. जो बाते आपको बुरी लगी, वह किसी और को बुरी न लगे लिहाजा बुरी लगने वाली बात मैं वापस लेता हू. अब तो खुश हो जाओ भाई जान गुस्सा थूक दो मेरे भाई ..........अरे एक बात तो कहना भूल ही गया. सरसों के खेत में आपका इतना प्यारा फोटो भी नहीं दीखता क्यों........... अब इतने समझदार तो आप है ही........हरीश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-75180911154335867022011-01-28T23:19:08.715+05:302011-01-28T23:19:08.715+05:30@ हरीश जी ! आपकी बात से हमारी भावनाएं आहत हो रही ...@ हरीश जी ! आपकी बात से हमारी भावनाएं आहत हो रही हैं .<br /><a href="http://commentsgarden.blogspot.com/2011/01/foolproof-dharma.html" rel="nofollow">http://commentsgarden.blogspot.com/2011/01/foolproof-dharma.html</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-27705945305039030262011-01-28T23:10:42.838+05:302011-01-28T23:10:42.838+05:30.हर धर्म में कोई न कोई कमियां होती हैं ???
@ खबरदा...<b>.हर धर्म में कोई न कोई कमियां होती हैं ???</b><br />@ खबरदार हरीश जी ! अगर आप ने हर धर्म में कमी बताई .<br />इस बात पर जब बहस ही नहीं हुई तो आप सार्वजनिक मंच से यह क्यों कह रहे हैं कि हर धर्म में कमियाँ होती हैं ?<br />मैं न हिन्दू धर्म में कमी मानता हूँ और न ही इस्लाम में . अलबत्ता आप अपने निजी नज़रिए में कमी बताएं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है .<br />ऋषि ज्ञानी थे और पवित्र भी . उन पर ईश्वर का ज्ञान अवतरित हुआ था लिहाज़ा ग़लती कि कोई गुंजाईश ही नहीं है , कोई कमी न कल थी और न ही आज है .<br />हिन्दू धर्म कि तरफ से भी मेरा यही कथन है और इस्लाम कि तरफ से भी . धर्म के बारे में यहाँ जब भी कोई statement दिया जायेगा , बहस शुरू हो जाएगी .<br />इसका ध्यान ज़रूर रखें .<br /><a href="http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/truth-about-great-rishies-part-second.html" rel="nofollow">http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/truth-about-great-rishies-part-second.html</a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-77301584009481651022011-01-28T22:33:21.022+05:302011-01-28T22:33:21.022+05:30अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सबको है किन्तु ...अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सबको है किन्तु स्वतंत्रता वही तक सही है जब किसी दूसरे की स्वतंत्रता प्रभावित न हो . यह संगठन प्रबुद्ध लोंगो का संगठन है. इसलिए ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिए जिससे किसी के धर्म को ठेस पहुंचे.हर धर्म में कोई न कोई कमियां होती हैं. क्योंकि उनके नियम कानून तब बने थे जब लोग इतने आधुनिक नहीं थे. समय के साथ लोंगो की सोच बदल जाती है. अच्छा होगा हम लोग दूसरे की कमियों को ढूँढने के बजाय उनमे अच्छाईया ढूंढें, जो बाते समाज के हित में हो, मानवता के हित में हो वही बाते ठीक है. एल बी ए एक परिवार है और हम सभी उसके सदस्य है. सभी की जिम्मेदारी बराबर है. परिवार के मान सम्मान का दायित्व पर्त्येक सदस्य पर होता है. यदि घर का एक व्यक्ति गलत हो जाय तो परिवार के मुखिया का दायित्व है की उसे सुधारने का भरसक प्रयास करे. हमारे हाथ या पैर पर फोड़ा हो जाता है तो उसका हम इलाज करते है. अपने अंग को काट कर निकाल नहीं देते तब तक जब वह आवश्यक न हो जाय. इस विवाद की असली जड़ मैं स्वयं को मानता हू, विवाद की शुरुआत मुझसे हुयी थी लेकिन क्यों? यह भी सोचना होगा. किसी भी धर्म के बारे में टिप्पणिया मुझे अच्छी नहीं नहीं लगती. समाज में जो बुरे लोग हैं उनका काम ही बुरा करना होता है. एक आतंकवादी जब किसी जगह बम विस्फोट करता है तो उसमे मरने वाले आम इन्सान होते है. बम यह नहीं देखता है की हिन्दू ने फेंका तो मुसलमान को मारे और मुसलमान ने फेंका तो हिन्दू को मारे . जो दहसत गर्द है वे वे सिर्फ दहशत गर्द है उनकी कोई जाती कोई धर्म नहीं होता. लेकिन यहाँ पर कुछ लोंगो ने उसे धर्म से जोड़ना शुरू कर दिया और राजनीतिज्ञों की तरह बयान बाजी करने लगे जो सर्वथा अनुचित था. मेरी बात अनवर भाई को बुरी लगी थी लिहाजा मैंने उनसे माफ़ी भी मांगी. बेमतलब इस मामले में डॉ. श्याम गुप्ता जी घसीटा गया. और उन्हें इतने पर भी संतोष नहीं हुआ तो. मिथिलेश जी और अध्यक्ष जी तथा सलीम भाई पर भी आरोप लगाने लगे. और वह भी ललकारने के अंदाज़ में जो सर्वथा अनुचित था. बार-बार हिन्दू मुसलमान की बात करके आपस में फूट डालने का भी प्रयाश किया जो नितांत अनुचित कार्य है. हम चाहे हिन्दू हो या मुसलमान उससे पहले हम सभी भारतीय हैं और इस बात का ख्याल सभी को रखना होगा. हम सभी धर्म के दायरे से बंधे हैं लिहाजा लिहा खुद को कोई भी उस दायरे से अलग नहीं कर सकता. धर्म पर लिखने से रोक लगे किन्तु वही बाते जिसमे विवाद हो. अपने धर्म की अच्छाइयों को सभी को लिखने की छूट देनी चाहिए ताकि हम एक दूसरे के बारे में जो अच्छी बाते है उसे जान सके और यह बिना किसी को नीचा दिखाए भी हो सकता है. <br /><br />ब्लॉग के संयोजक सलीम भाई से एक अनुरोध और है बल्कि सभी पदाधिकारियों से है कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार अवश्य विचार करे, सबकी मनसिकता एक बराबर नहीं होती, कुछ लोंगो को कुछ बाते जल्दी समझ में आ जाती है और वे स्वयं अपनी भूल का एहसास कर लेते है जबकि कुछ लोग बच्चे की जिद करके बैठ जाते है और वही काम अनवर भाई ने किए, जिस प्रकरण का पटाक्षेप बहुत पहले हो जाना चाहिए था वह आज तक चल रहा है, जो किसी भी मायने में ठीक नहीं है., एक पोस्ट अभी मैंने देखी अनवर भाई की जो वंदना जी की खता माफ़ करवा रहे है.<br /><br />मेरे सुझाव........<br /><br />-- यदि किसी के पोस्ट पर किसी को आपत्ति है तो उसे टिप्पणी में ही व्यक्त करे पोस्ट लिखकर नहीं.<br /><br />-- भूल सभी से होती है, उसका सुझाव टिप्पणी के माध्यम से भी हो सकता है, पोस्ट का माध्यम अनुचित लगता है, यह स्वयं की खुन्नस निकलने जैसा लगता है. जो आवागमन करने वाले पाठको को भी बुरा लगता होगा.<br /><br />---- विवादित लेखनी से परहेज करे.<br /><br />--- यदि धर्म के बारे में लिखना है तो लिखने दिया जाय, क्योंकि सभी धर्मो की अच्छी बाते जानने का हक़ सभी को है. इससे ज्ञानवर्धन ही होगा.<br /><br />--- इश निंदा अच्छी बात नहीं है. लिहाजा किसी भी धर्म की बुराई करके अपने धर्म को बड़ा न बताया जाय. हम अच्छे है यह कहना तो ठीक है लेकिन दुसरे बुरे हैं इसका निर्धारण करने का अधिकार किसी को भी नहीं है. " बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोई........ यह दोहा तो सभी ने पढ़ा होगा तो पालन भी करे.<br /><br />--- टिप्पणी करने के दौरान अभद्र भाषा गाली गलौज का प्रयोग कदापि न करे.<br /><br /><br />--- सबसे महत्वपूर्ण बात हो सके तो बेनामी टिप्पणियों पर रोक लगाये. ऐसी टिप्पणी लोग पोस्ट न कर सके, यदि यह संभव नहीं तो उसे डिलेट कर दे, छुपे हुए दुश्मनों से देश परेशान है. और ऐसे लोग ब्लॉग में भी घुस आये है. जो अनुचित है. छुपकर किसी को गाली देना भी आतंकवाद है.<br /><br />बाकी जो सबका निर्णय वही हमारा भी. <br /><br />वन्दे मातरम......... जय हिंद.हरीश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13441444936361066354noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-38515096974891421112011-01-28T22:04:32.479+05:302011-01-28T22:04:32.479+05:30डाक्टर्स का उदाहरण खूब दिया----पोस्ट लिखना कोई नौक...डाक्टर्स का उदाहरण खूब दिया----पोस्ट लिखना कोई नौकरी थोडे ही है....<br />---नियम तो सदा का ही लागू है..सार्वभौम नियम कि...अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिये..... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-1395224527727568692011-01-28T21:28:37.893+05:302011-01-28T21:28:37.893+05:30नियमवाली का प्रभाव समान रूप से सब पर लागू होगा फ़ि...नियमवाली का प्रभाव समान रूप से सब पर लागू होगा फ़िर चाहे वो संयोजक हों, अध्यक्ष महोदय हों या फ़िर LBA के पदाधिकारी अथवा एक आम सदस्य. ग़लती की सज़ा पद अथवा पॉवर देख कर न लेते हुए एक समान आचार संहिता के तहत सब बराबर एक ही नज़र से देखे जायेंगे न कि मुग़ले-आज़म की तरह "शहंशाह कि ज़ुबान से निकला हर लफ्ज़ इन्साफ़ होता है'<br /><br /><br /><br />माननीय अध्यक्ष महोदय जनाब रविन्द्र प्रभात जी,<br />उम्मीद है, शायद सब कुछ इस नियम के लागू होने पर ठीक हो जाये।<br />सारे विवादो पर विराम लग जाये । और हरीश भाई को बार बार जमाल जनाब से माफी मागने की जरुरत न पडे और हरीश जी का नाम जमाल जी के पोस्ट मे न दिखने को मिले । शायद जमाल साहब अपने उत्तेजित लेखो पर नियंत्रण कर ले,और अपने लेख जो धर्म से सम्बन्धित होते थे उससे अलग लेख से हमें रुबरु करायेगें।शिव शंकरhttps://www.blogger.com/profile/12563856370126245256noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-28942114936472046462011-01-28T19:45:47.222+05:302011-01-28T19:45:47.222+05:30सलीम भाई, जाकिर जी, सुमन जी,रेखा जी
इस विषय पर श...सलीम भाई, जाकिर जी, सुमन जी,रेखा जी <br /><br />इस विषय पर शीघ्र ही कोई ठोस निर्णय ले लिया जाएगा, क्योंकि सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय संस्था हित में होता है...मैं आप सभी को विशवास दिलाता हूँ की इस निर्णय में आप सभी की भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा, आप सभी का पुन: आभार !रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-27212907354484061782011-01-28T19:16:32.642+05:302011-01-28T19:16:32.642+05:30अध्यक्ष महोदय, सलीम भाई, जाकिर भाई,
...अध्यक्ष महोदय, सलीम भाई, जाकिर भाई, <br /><br /> आपके विचार अपनी जगह बिल्कुल उचित हैं लेकिन हमें अपने घर में जो आचार संहिता लागू करनी है , उसका उल्लंघन करने का अधिकार किसी को नहीं होना चाहिए. ये साझा मंच प्रबुद्ध लोगों का है और इस पर डाली गयी हर पोस्ट जन, राष्ट्र और ब्लॉग जगत के हित में होनी चाहिए. हमारी प्रस्तुति एक सकारात्मक सन्देश देने वाली होनी चाहिए. आक्षेप जैसे चीज चाहे वह मानव पर लगाया जाए या फिर किसी के विश्वास पर निंदनीय है. विवाद और वैमनस्य बढ़ाने वाले लेखो के प्रति जिम्मिदर लोगों के लिए कुछ दंड -- कुछ हफ्तों के लिए पोस्ट न डाल पाने का प्रतिबन्ध लगाना सबसे बड़ा उपाय हो सकता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-37096717415661067962011-01-28T18:32:20.518+05:302011-01-28T18:32:20.518+05:30manniy sadasygan ji,
apas mein kisi bhi tarike se ...manniy sadasygan ji,<br />apas mein kisi bhi tarike se asansadiy va vyaktigat kastkarak shabdon se bachna chahiye. adhyaksh upadhyaksh ya koi bhi padadhikaari k sambandh mein aachep poorn baat likhna nindaniy hota hai ek arab se adhik abaadi vaale desh mein ham kuch log asiyai samaaj ki visheshtayein chhod kar nahi reh sakte hain. sab niyam kanoon kayde se nahi hota hai ham sabko ek dusare k upar paraspar vishvas k adhaar par lekhan karna chahiye. vicharon se sehmat va ashmat hona alag baat hai lekin apne baap ko saale likhna shobhniy nahi hota hai<br /><br />sumanRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-62253877069069622062011-01-28T18:09:56.232+05:302011-01-28T18:09:56.232+05:30Zakir Bhai, I respect your openion. I am watching ...Zakir Bhai, I respect your openion. I am watching all the matters.<br /><br />Let me give the link of Dr. Anwar Jamal post for the same.<br /><br />Your Younger Brother,<br /><br />Saleem KHAN<br />Founder, LBASaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-79844100317883460622011-01-28T17:55:52.797+05:302011-01-28T17:55:52.797+05:30गाली-गलौज तो प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता की श्रेणी ...गाली-गलौज तो प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है और मैंने कई पोस्ट में डा अनवर जमाल को अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पढ़ा है, जो संस्था के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्तियों का सम्मान नहीं कर सकता उसे संस्था में रहने का कोई अधिकार नहीं है, डा अनवर जमाल को इसके लिए अविलंब बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए था, क्योंकि एक गन्दी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है !Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-80315992503451819122011-01-28T16:55:18.957+05:302011-01-28T16:55:18.957+05:30achhi pahal.....pathkon ko bhi.....pachane ki sakt...achhi pahal.....pathkon ko bhi.....pachane ki sakti badhani paregi.......aur ye gali-galouz jo bhi karta hai.....o jyda bura karta hai......<br /><br />salam....सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-88171210580797150812011-01-28T15:23:30.461+05:302011-01-28T15:23:30.461+05:30अच्छी बात कही है आपने सलीम भाई,
लोकतंत्र में हर क...अच्छी बात कही है आपने सलीम भाई,<br /><br />लोकतंत्र में हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता होती है, किन्तु संस्थागत नियम से ऊपर कोई नहीं होता, अध्यक्ष अथवा संयोजक भी नहीं ....वहीँ अनुशासनहीनता किसी भी परिप्रेक्ष्य में जायज नहीं है, इस बात का ध्यान रखा जाए तबतक जबतक नियमावली बनकर तैयार नहीं हो जाती......मैं शीघ्र ही इस दिशा में समस्त पदाधिकारियों और कार्यकारणी की बैठक बुलाकर संविधान समिति का गठन कर दे रहा हूँ ,जो नियमावली तैयार कर कार्यकारणी के समक्ष रखेंगे और इस नियमावली को आगामी मार्च-अप्रैल में लखनऊ अथवा बाराबंकी में होने वाले वार्षिक अधिवेशन में सर्वसम्मति से लागू कर दिया जाएगा !<br /><br />शुभकामनाओं के साथरवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.com