tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post1373855016909022728..comments2023-10-29T18:16:26.466+05:30Comments on <center>Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन</center>: अजी छोडिये भी ...हिन्दी -हिन्दी ...Saleem Khanhttp://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-42711422743512188112010-09-15T10:25:35.848+05:302010-09-15T10:25:35.848+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/09/4_15.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें</a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-2630942438119982562010-09-14T14:00:17.651+05:302010-09-14T14:00:17.651+05:30Rekha ji ke mat se sahmat...
....बढ़िया प्रस्तुति ...Rekha ji ke mat se sahmat...<br />....बढ़िया प्रस्तुति ..<br />हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-24271411724524704592010-09-14T13:43:09.675+05:302010-09-14T13:43:09.675+05:30हाँ हिंगलिश को जोर बढ़ रहा है लेकिन कौन बढ़ा रहा है...हाँ हिंगलिश को जोर बढ़ रहा है लेकिन कौन बढ़ा रहा है, हमारी पत्रकारिता ही न. फिर भी उसे हम हिंदी से श्रेष्ठ नहीं बना पायेंगे. नाम को हम उसी रूप में वैसे भी प्रयोग कर सकते हैं. ये हमारे ऊपर निर्भर करता है की हम हिंदी को कहाँ ले जा रहे हैं. भाषा प्रवाहमयी होती है और अपने सबको समेटती चलती है तभी तो उसका विकास होता है. हमारी हिंदी में कितनी बोलियाँ और कितनी भाषायों के शब्द इस तरह से घुल मिल गए हैं कि अब वह हिंदी के प्रतीक ही हैं उसमें रच बस गए हैं. इसके वर्तमान स्वरूप को अंतर्राष्ट्रीय मंच तक जाने का मार्ग बनाने दीजिये और निश्चित तौर पर पहुँच कर रहेगी.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-554106341036687061.post-10408763516760739172010-09-14T10:11:18.235+05:302010-09-14T10:11:18.235+05:30बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....
भाषा का सवाल सत्ता के स...बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....<br /><br />भाषा का सवाल सत्ता के साथ बदलता है.अंग्रेज़ी के साथ सत्ता की मौजूदगी हमेशा से रही है. उसे सुनाई ही अंग्रेज़ी पड़ती है और सत्ता चलाने के लिए उसे ज़रुरत भी अंग्रेज़ी की ही पड़ती है,<br />हिंदी दिवस की शुभकामनाएं<br /><br />एक बार इसे जरुर पढ़े, आपको पसंद आएगा :-<br />(प्यारी सीता, मैं यहाँ खुश हूँ, आशा है तू भी ठीक होगी .....)<br />http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_14.htmlगजेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14299561081216186994noreply@blogger.com