अपने विद्यार्थी-जीवन में, मैंने ‘स्काईर्लाक‘ नाम की दो अंग्रेजी कवितायें पढ़ी थी, एक ‘वर्डस्र्वथ‘ की ‘स्काईलार्क‘ नामक चिड़िया आसमान में उड़ती थी परन्तु ज़मीन की खबर भी रखती थी परन्तु ‘शेली की ‘स्काइर्लाक‘ की उड़ान बहुत ऊँची थी, धरातल से उसका कोई नाता न था।
हमारे मीडिया कर्मी चाहे वे प्रिंट के हों, इलेक्ट्रानिक के या अन्य के हों, मुझे माफ करें, ऊँची उड़ान भरने के बड़े माहिर होते है। ख़बरो को चटपता बनाना, बड़ी बात को छोटी करना, छोटी को ‘इनर्लाज‘ करना उनके दाहने हाथ का खेल हैं। चौथे स्तम्भ के हमारे यह मित्र, पाठकों, दर्शकों को पतंग की तरह उड़ाते हैं, उनमें सनसनी पैदा कर देते हैं, उनकी सोच को जिधर चाहें मोड़ देते हैं- पेपर खूब बिकते हैं, दर्शक खाना-पीना भूलकर टी0 वी0 से चिपक जाते हैं, एक बच्चा जो टयूब वेल के गडढे में गिर गया था उसकी दास्तान, महीनों चली थी।
हमारें नौजवान शायद मुझ से सहमत न हों कि भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब की आगामी शादी के मामले को ‘शेली‘ की ‘स्काईर्लाक‘ का रूप दिया गया। बच्चों को ही दोष क्यों दें, बूढ़ो की बासी कढ़ीं में भी खूब उबाल आते देखे गये।
मीडिया वाले भी कमरों में बैठकर चुपके-चुपके हंसते होंगे कि उनके हथकंडे काम आये।
दोनो की शादी के आखि़र ‘इशूज़‘ क्या थे? जितने मुंह उतनी बाते, पहले आयशा से शादी हुई थी या नही। तलाक़ होना चाहिये या नहीं, आयशा और शुएब में कौन सच्चा था कौन झूठा? ये मसला तो अब हल भी हो गया। अब बात यह रह गई कि पाकिस्तानी-हिन्दुस्तानी के बीच रिश्ता होना चाहिये या नहीं ? कुछ लोगों ने इसे साम्प्रदायिक्ता से जोड़ दिया। मौलाना कल्बे सादिक़ मेरी ही उम्र के होंगे (मैं सत्तर के पेटे में हूँ) वह भी पाजामा संभाल कर इस में फाँद पडे़, कुछ छींटे शेरवानी पर भी आये। मैं उनका बहुत सम्मान करता हुँ, वह विहदान हैं परन्तु उन्होंने इसे वतन परस्ती से जोड़ दिया। मैं भी वतन-परस्त हुँ परन्तु जर्मन-नेशनलिज़्म को पसंद नहीं करता मानवता-वादी पूरे संसार को कुटुम्बके समान समझता है। द्वेष-भाव त्याग कर अगर हम देखें तो दो मुल्कों के बीच सद्मावना की यह एक अच्छी शुरूआत मानी जा सकती है। क्या इससे पहले दो देशोंके नागरिकों के बीच ऐसे रिश्ते नहीं क़ायम हुए, क्या नेपल के राज़घराने से भरतीय रिश्ते नहीं रहे? क्या राजीव नें इटली की सोनिया से रिश्ता करके कोई जुर्म किया था। अतः कृपया ऐसा न करें-राई को र्पबत करें, र्पबत राई माहिं।
हमारे मीडिया कर्मी चाहे वे प्रिंट के हों, इलेक्ट्रानिक के या अन्य के हों, मुझे माफ करें, ऊँची उड़ान भरने के बड़े माहिर होते है। ख़बरो को चटपता बनाना, बड़ी बात को छोटी करना, छोटी को ‘इनर्लाज‘ करना उनके दाहने हाथ का खेल हैं। चौथे स्तम्भ के हमारे यह मित्र, पाठकों, दर्शकों को पतंग की तरह उड़ाते हैं, उनमें सनसनी पैदा कर देते हैं, उनकी सोच को जिधर चाहें मोड़ देते हैं- पेपर खूब बिकते हैं, दर्शक खाना-पीना भूलकर टी0 वी0 से चिपक जाते हैं, एक बच्चा जो टयूब वेल के गडढे में गिर गया था उसकी दास्तान, महीनों चली थी।
हमारें नौजवान शायद मुझ से सहमत न हों कि भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब की आगामी शादी के मामले को ‘शेली‘ की ‘स्काईर्लाक‘ का रूप दिया गया। बच्चों को ही दोष क्यों दें, बूढ़ो की बासी कढ़ीं में भी खूब उबाल आते देखे गये।
मीडिया वाले भी कमरों में बैठकर चुपके-चुपके हंसते होंगे कि उनके हथकंडे काम आये।
दोनो की शादी के आखि़र ‘इशूज़‘ क्या थे? जितने मुंह उतनी बाते, पहले आयशा से शादी हुई थी या नही। तलाक़ होना चाहिये या नहीं, आयशा और शुएब में कौन सच्चा था कौन झूठा? ये मसला तो अब हल भी हो गया। अब बात यह रह गई कि पाकिस्तानी-हिन्दुस्तानी के बीच रिश्ता होना चाहिये या नहीं ? कुछ लोगों ने इसे साम्प्रदायिक्ता से जोड़ दिया। मौलाना कल्बे सादिक़ मेरी ही उम्र के होंगे (मैं सत्तर के पेटे में हूँ) वह भी पाजामा संभाल कर इस में फाँद पडे़, कुछ छींटे शेरवानी पर भी आये। मैं उनका बहुत सम्मान करता हुँ, वह विहदान हैं परन्तु उन्होंने इसे वतन परस्ती से जोड़ दिया। मैं भी वतन-परस्त हुँ परन्तु जर्मन-नेशनलिज़्म को पसंद नहीं करता मानवता-वादी पूरे संसार को कुटुम्बके समान समझता है। द्वेष-भाव त्याग कर अगर हम देखें तो दो मुल्कों के बीच सद्मावना की यह एक अच्छी शुरूआत मानी जा सकती है। क्या इससे पहले दो देशोंके नागरिकों के बीच ऐसे रिश्ते नहीं क़ायम हुए, क्या नेपल के राज़घराने से भरतीय रिश्ते नहीं रहे? क्या राजीव नें इटली की सोनिया से रिश्ता करके कोई जुर्म किया था। अतः कृपया ऐसा न करें-राई को र्पबत करें, र्पबत राई माहिं।
डॉक्टर एस.एम हैदर
आपने जो विश्लेषण किया है मैं उससे पूरी तरह सहमत हूँ| सच भी यही है कि इस शादी को इस सद्भावना से देखा जाना चाहिए था ,उसका नितान्त अभाव रहा आभार|कभी समय निकालकर मेरा ब्लॉग और वेबा पेज अवश्य देखें
उचित दृष्टि प्रशंसनीय ।