
राम व खुदा ....
एक अनुकरणीय व विचार योग्य उद्दरण ----
"एक हिन्दू व एक मुसलमान साथ साथ जारहे थे। रास्ते में एक नदी पड़ीं । हिन्दू को राम व मुसलमान को खुदा पर विश्वास था। दोनों विश्वास पूर्वक अपने अपने ईश्वर का नाम लेते हुए नदी पार होगये।
एक तार्किक यह दृश्य देख रहा था । उसने सोचा , राम-खुदा का मिश्रण करते हुए तैरा जाय तो आधे समय में ही पार हुआ जा सकता है। श्रृद्धा के अभाव में उसका नाम जप व्यर्थ गया और वह पानी में डूब गया । नाम की नहीं , श्रृद्धा की महत्ता है। "
------गायत्री तपोभूमि पत्रिका "युग निर्माण योजना "से उद्दृत ........
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"एक हिन्दू व एक मुसलमान साथ साथ जारहे थे। रास्ते में एक नदी पड़ीं । हिन्दू को राम व मुसलमान को खुदा पर विश्वास था। दोनों विश्वास पूर्वक अपने अपने ईश्वर का नाम लेते हुए नदी पार होगये।
एक तार्किक यह दृश्य देख रहा था । उसने सोचा , राम-खुदा का मिश्रण करते हुए तैरा जाय तो आधे समय में ही पार हुआ जा सकता है। श्रृद्धा के अभाव में उसका नाम जप व्यर्थ गया और वह पानी में डूब गया । नाम की नहीं , श्रृद्धा की महत्ता है। "
------गायत्री तपोभूमि पत्रिका "युग निर्माण योजना "से उद्दृत ........