मौलाना वहीदुददीन ख़ान साहब ने कहा कि मोमिन सबसे ज़्यादा मुहब्बत अल्लाह से करता है।

मौलाना वहीदुददीन ख़ान साहब से सवाल किया गया कि मुहब्बत ए इलाही क्या है ?जवाब में उन्होंने कहा कि मोमिन सबसे ज़्यादा मुहब्बत अल्लाह से करता है।
खुद को जांचिये कि क्या आपका सुप्रीम कन्सर्न अल्लाह है ?
मौलाना ने यह भी बताया कि मेरी दरयाफ़्त ‘इज्ज़‘ है। जब तक आप अपने इज्ज़ को दरयाफ़्त न कर लें तब तक आप न तो आला दर्जे की दुआ कर सकते हैं और न ही आला दर्जे की इबादत कर सकते हैं।इज्ज़ एक गुण है जो घमण्ड का विलोम है।हक़ीक़त तो यही है कि आदमी को चाहिये कि वह अपने आपको जांचता परखता रहे ताकि बेहतरी की तरफ़ उसका सफ़र जारी रह सके।