![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiPfcdqdjqY_KJRVzpxEQquHoU0_DOuVBr_1H9hmlpKPtvO8iZd9Iq1JFHAAEheXr16gAGwslmu67Lwu4zzQhsXB-jix3UK_RPy1ZPPgnNmbMPqHfxsrYKxNKF1hN_2Kzf4AF3MkHnDXq0/s320/corruption.jpg)
लोकतंत्र के तीन स्तम्भ हैं- इनमें से दो विधायिका और कार्यपालिका के तो रंग ढंग आप देख ही रहे हैं- भ्रष्टाचार में दोनो एक दूसरे को बचाते हैं। तीसरा खम्भा-न्यायपालिका अभी मज़बूत है।
भ्रष्टा उच्च अधिकारयों या नेताओं मुक़दमें चलाने की जब सी0बी0आई, सरकारों से अनुमति चाहती है, तब ऐसी फाइलें आखि़र लम्बे समय तक क्यों रोकी जाती हैं?
केन्द्रीय सतर्कता आयोग नें, सुप्रीम कोर्ट में दायर विनीत नारायण केस के सन्दर्भ में सरकार के विभाग प्रमुखों को एक कड़ा पत्र भेजा है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित वीन माह की समय-सीमा में अनुमति देना सुनिश्चित किया जाय।
इन सब उपायों के बावजूद पिछले नौ महीने में भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के मामले में तीन गुना बृद्धि हुई, अगस्त 09 तक जो संख्या 51 थी वह मई 10 तक 165 हो गई?
भ्रष्टा उच्च अधिकारयों या नेताओं मुक़दमें चलाने की जब सी0बी0आई, सरकारों से अनुमति चाहती है, तब ऐसी फाइलें आखि़र लम्बे समय तक क्यों रोकी जाती हैं?
केन्द्रीय सतर्कता आयोग नें, सुप्रीम कोर्ट में दायर विनीत नारायण केस के सन्दर्भ में सरकार के विभाग प्रमुखों को एक कड़ा पत्र भेजा है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित वीन माह की समय-सीमा में अनुमति देना सुनिश्चित किया जाय।
इन सब उपायों के बावजूद पिछले नौ महीने में भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के मामले में तीन गुना बृद्धि हुई, अगस्त 09 तक जो संख्या 51 थी वह मई 10 तक 165 हो गई?
यह भी खूब रही- तुम डाल-डाल, हम पात-पात
डॉक्टर एस.एम हैदर
फ़ोन : 05248-220866
0 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!