
विगत दिनों रतिभान वर्मा ने अपने निजी कार चालक सर्वजीत के माध्यम से अपने पडोसी विनोद व कुसमा की हत्या करने के लिए भाड़े के हत्यारे बुलाए। निजी कार चालक सर्वजीत की नियत खराब हो गयी उसने डिप्टी कलेक्टर के बच्चों की हत्या की योजना बना डाली जिसकी भनक रतिभान वर्मा की पत्नी कैलाशा को लग गयी। कैलाशा ने हत्यारों को अपनी ओर लालच देकर मिला लिया फिर नया खेल शुरू हुआ और सर्वजीत को बांके से हत्यारों ने काट डाला। लखनऊ की चिनहट पुलिस ने तेजी से कार्य करते हुए डिप्टी कलेक्टर रतिभान वर्मा, पत्नी कैलाशा व तीनो हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बाराबंकी जनपद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र 27 किलोमीटर दूर है पिछड़ा क्षेत्र होने के नाते नौकरशाहों के अधिकांश फार्म हाउसेज़ यहाँ पर हैं। यहाँ के किसानो की स्तिथि यह हो गयी है की उनको अपने खेत बेचना ही पड़ेगा। नौकरशाह जिन खेतो के ऊपर निगाह रख लेता है उसको वह दो गुने दाम देकर भी खरीद लेते हैं और अगर यही स्तिथि रही कृषि बाहुल्य क्षेत्र में सिर्फ खेतो के चारो तरफ बाउंडी वाल व तारों से घिरे ही नजर आएगी। बाराबंकी जनपद में जब कोई नौकरशाह की नियुक्ति होती है तो अपने कुछ समय के ही कार्यकाल में वह अरबों रुपये की परिसंपत्तियों का मालिक हो जाता है।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
डिप्टी कलेक्टर को तो उनके सही फॉर्म हाउस में भेज दिया गया है, बाकि भ्रष्टाचार का तो ये है कि जो भ्रष्ट नहीं है ,उसे मरना पड़ता है।