मैंने श्री रविन्द्र प्रभात जी द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद उनसे पुनर्विचार की विनती की थी लेकिन उनके द्वारा कोई प्रतिक्रया ज़ाहिर न करना बताता है कि Lba का अध्यक्ष पद अब सचमुच ख़ाली हो चुका है जिसे कि ज़्यादा देर तक ख़ाली नहीं रखा जा सकता .
इस सम्बन्ध में हमें गुणों को प्रमुखता देनी चाहिए .
वे क्या गुण हों इस पर हम सभी को सोचना होगा .
इस विषय पर जल्दी ही मैं एक पोस्ट लिखूंगा और आप उस पर अपनी राय दीजियेगा .
धन्यवाद .
जो जहां सुख महसूस करे , मालिक उसे वहां सुखी रखे .
ऐसी हम कामना करते हैं हरेक के लिए .
तब तक आप हमारे ब्लॉग 'प्यारी माँ' की यह भावपूर्ण कहानी पढ़ें और इसके पहले और इसके बाद की पोस्ट्स भी देखें.
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/blog-post_18.html
हमारा नया अध्यक्ष कैसा हो ?,
अब इस पर विचार किया जाना चाहिए .इस सम्बन्ध में हमें गुणों को प्रमुखता देनी चाहिए .
वे क्या गुण हों इस पर हम सभी को सोचना होगा .
इस विषय पर जल्दी ही मैं एक पोस्ट लिखूंगा और आप उस पर अपनी राय दीजियेगा .
धन्यवाद .
जो जहां सुख महसूस करे , मालिक उसे वहां सुखी रखे .
ऐसी हम कामना करते हैं हरेक के लिए .
तब तक आप हमारे ब्लॉग 'प्यारी माँ' की यह भावपूर्ण कहानी पढ़ें और इसके पहले और इसके बाद की पोस्ट्स भी देखें.
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/blog-post_18.html
ब्लॉग पे तो अभी भी लिखा है रविन्द्र प्रभात ओउर प्रेसिडेंट.
वैसे जो भी हो, इन्साफ पसंद हो और समय देने वाला हो...
भाई जो राजा को हरादे उसके सिंहासन का वही हकदार होता है
अब यह तो सब जानें किसने किसको हराया या भगाया
यह तो मायावती की कुर्सी लगती है जनाब, इस पर बैठने की क़ाबलियत हमें आपके सिवा किसी में नज़र नहीं आ रही है.
अरे यार आप लोग ऐसा मत करिए. ई सीटिया तो हमरे सलीम भईया खातिर रिजेर्व हवे.
@ विश्व गौरव जी ! परिवार में हार जीत की बात सोचना बिल्कुल गलत है. श्री रवीन्द्र जी से किसी का कोई मुकाबला कभी हुआ ही नहीं तो हारना जीतना या भगाना जैसा कुछ भी कहना गलत है . कृपया उनके बारे में ऐसे अल्फाज़ इस्तेमाल न करें क्योंकि चाहे वह अब इस संस्था के अध्यक्ष न भी हों तब भी वह इसी परिवार के सदस्य बदस्तूर हैं. उनकी कद्र हम आज भी करते हैं .
@ भाई हरीश जी ! किसी हद तक आप सही पहुंचे लेकिन ...
इस फोटो का फाइल नेम मैंने आप जैसे लोगों के लिए ही ऐसा रखा था .
आप दोबारा फिर ध्यान दीजिये . कहानी भी पढ़िएगा.
मेरी बात की गहराई में आप जितना ज्यादा उतरेंगे उतना ही ज्यादा आपको ज्ञान मिलेगा और इत्मीनान भी .
यक़ीन कीजिये कि कोई है जो मायावती जी से भी बढ़कर है.
मगर सोचने की बात यह है कि--मायावती जी के परिवार में क्या कोई उनसे बढकर है....?
@ भाई श्याम गुप्ता जी ! उनके परिवार में कोई उनसे बढ़कर हो या न हो लेकिन हमारे परिवार में उनसे बढ़कर एक नहीं बल्कि कई बहनें हैं.