उसमें वह खुद ही गिरता है । इसलिए सदाचारी महात्माओं ने ऐसा करने से मना किया है । हर काल में , हर देश में और हरेक भाषा के साहित्य में आपको यह सिद्धांत लिखा हुआ मिल जाएगा ।
यह कल भी सत्य था और यह आज भी सत्य है ।
उन्हीं महात्माओं ने यह भी कहा है कि सबसे पहले आदमी को यह जानना चाहिए कि
'मैं कौन हूं ?'
वाक़ई यह बहुत ज़रूरी है।
आप किसी भी ऋषि-नबी-वली-संत से आज भी रूहानी मुलाक़ात कर सकते हैं। आप उनसे ख़ुद पूछ सकते हैं कि जो बातें उनके बारे में कही जाती हैं , उनमें से कौन सी बात सच है और कौन सी बात झूठ ?
योगी जिसे चक्र कहते हैं , मुस्लिम सूफ़ी उसे लतीफ़ अर्थात सूक्ष्म होने के कारण लतीफ़ा कहते हैं और बहुत थोड़े अर्से में ही वे अपने मुरीद के तमाम चक्रों को जगा देते हैं। सबसे बड़े लतीफ़े सहस्राधार चक्र को वे लतीफ़ा ए उम्मुद्-दिमाग़ कहते हैं और इसे भी वे अपनी तवज्जो की बरकत से सहज ही जगा देते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इस काम को सिर्फ़ वही कर सकता है जो कि सचमुच सूफ़ी हो । आजकल बहुत से पाखंडी उनके मेकाप में घूम रहे हैं । उनसे बचने की ज़रूरत है ये लोग ठगों में से हैं।
यह कल भी सत्य था और यह आज भी सत्य है ।
उन्हीं महात्माओं ने यह भी कहा है कि सबसे पहले आदमी को यह जानना चाहिए कि
'मैं कौन हूं ?'
वाक़ई यह बहुत ज़रूरी है।
आप किसी भी ऋषि-नबी-वली-संत से आज भी रूहानी मुलाक़ात कर सकते हैं। आप उनसे ख़ुद पूछ सकते हैं कि जो बातें उनके बारे में कही जाती हैं , उनमें से कौन सी बात सच है और कौन सी बात झूठ ?
योगी जिसे चक्र कहते हैं , मुस्लिम सूफ़ी उसे लतीफ़ अर्थात सूक्ष्म होने के कारण लतीफ़ा कहते हैं और बहुत थोड़े अर्से में ही वे अपने मुरीद के तमाम चक्रों को जगा देते हैं। सबसे बड़े लतीफ़े सहस्राधार चक्र को वे लतीफ़ा ए उम्मुद्-दिमाग़ कहते हैं और इसे भी वे अपनी तवज्जो की बरकत से सहज ही जगा देते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इस काम को सिर्फ़ वही कर सकता है जो कि सचमुच सूफ़ी हो । आजकल बहुत से पाखंडी उनके मेकाप में घूम रहे हैं । उनसे बचने की ज़रूरत है ये लोग ठगों में से हैं।
Om!!!!!!!!! Shanti Shanti>>>>>>>
Yog Hi Dhyan ka Kendra hai.
शुक्रिया भाई तारकेश्वर जी .
आजकल तो हर जगह पाखंडी मिल जाएंगे फिर चाहे वो कोई भी धर्म हो ......
यहा भी स्वागत है :-
धर्म संस्कृति ज्ञान पहेली - 3
जवाब देने का अंतिम समय शुक्रवार 2.00 बजे तक