बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद शुऐब ने बताया कि केस डायरी में कुछ काल डिटेल्स अभियोजन अधिकारियों ने दिए हैं उस मोबाइल फ़ोन को तारिक के घर से बरामद बताया गया था किन्तु 22 दिसम्बर 2007 को तारिक की गिरफ्तारी सुबह सात बजे रेलवे स्टेशन से बताई गयी व मोबाइल सील करना बताया। किन्तु उसी मोबाइल से 11:49 बजे दिन में अभियुक्तों से बात करना भी बताया गया। जिससे यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस, एस.टी.एफ व ए.टी.एस ने प्रदेश में बम विस्फोट कांड को खोलने के लिये फर्जी मुस्लिम नवजवानों को पकड़ कर बंद कर दिया गया था।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद शुऐब ने बताया कि केस डायरी में कुछ काल डिटेल्स अभियोजन अधिकारियों ने दिए हैं उस मोबाइल फ़ोन को तारिक के घर से बरामद बताया गया था किन्तु 22 दिसम्बर 2007 को तारिक की गिरफ्तारी सुबह सात बजे रेलवे स्टेशन से बताई गयी व मोबाइल सील करना बताया। किन्तु उसी मोबाइल से 11:49 बजे दिन में अभियुक्तों से बात करना भी बताया गया। जिससे यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस, एस.टी.एफ व ए.टी.एस ने प्रदेश में बम विस्फोट कांड को खोलने के लिये फर्जी मुस्लिम नवजवानों को पकड़ कर बंद कर दिया गया था।
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