शिखा कौशिक जी के कई साइट्स पर बहुत से ब्लॉग हैं और वह एक रिसर्च स्कॉलर भी हैं। इसीलिए उनकी नज़र में भी उनके दिल की तरह गहराई बहुत है। वह हरेक चीज़ के उजले पक्ष के साथ उसके काले पहलू पर भी पूरी तवज्जो देती हैं। यही वह तरीक़ा है जिसके ज़रिए इंसान ख़ुद को नुक्सान से बचा सकता है। नए ब्लॉगर्स को नुक्सान से बचाने के लिए ही उन्होंने ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के लिए यह लेख लिखा है। इसके ज़रिए उन्होंने संक्षेप में यह बता दिया है कि ब्लॉगिंग को नशे की लत की तरह न अपनाया जाए बल्कि इसे होशमंदी के साथ बरता जाए और भलाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए।
आपकी क्या राय है ?
...वर्चस्व की लड़ाई से ब्लॉग जगत भी अछूता नहीं है .कुछ ब्लॉगर धन-बल से समस्त ब्लॉग जगत को अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे रहते हैं .वे एक पसंदीदा ब्लॉगर-समूह बना लेते हैं और फिर उन्हें सम्मानित करने के लिए भव्य आयोजन करते हैं . सम्पूर्ण ब्लॉग जगत में वे इसका प्रचार प्रसार भी करते हैं . स्वयं द्वारा सम्मानित ब्लोगर्स को अन्य ब्लोगर्स कि तुलना में श्रेष्ठ घोषित कर देते हैं, जिससे अच्छा लेखन करने वाले ब्लोगर्स हतोत्साहित होते हैं .
आपकी क्या राय है ?
...वर्चस्व की लड़ाई से ब्लॉग जगत भी अछूता नहीं है .कुछ ब्लॉगर धन-बल से समस्त ब्लॉग जगत को अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे रहते हैं .वे एक पसंदीदा ब्लॉगर-समूह बना लेते हैं और फिर उन्हें सम्मानित करने के लिए भव्य आयोजन करते हैं . सम्पूर्ण ब्लॉग जगत में वे इसका प्रचार प्रसार भी करते हैं . स्वयं द्वारा सम्मानित ब्लोगर्स को अन्य ब्लोगर्स कि तुलना में श्रेष्ठ घोषित कर देते हैं, जिससे अच्छा लेखन करने वाले ब्लोगर्स हतोत्साहित होते हैं .
hindi blogging guide ke liye shikha ji ka ye yogdan bahut shandar hai aur ye hamare liye pathpradarshak ki tarah hai.aabhar.
Sahi kaha aapne.
Kripya is baat ka prachar sajha blog par mere saath aap bhi kijiye.
शिखा कौशिक जी को उनके इस विचारणीय लेख हेतु बधाई .