नारी और पुरूष में प्राकृतिक भिन्नताएं हैं इसी कारण से नारी पुरुष सामान नहीं लेकिन बराबरी का मिलना ही चाहिए और कहीं कहीं तो नारी को पुरुष से भी ऊंचा स्थान देना चाहिए. धार्मिक किताबों मैं भी बहुत सी जगहों पे नारी को पुरुष से ऊंचा स्थान दिया गया है.
अमन का पैग़ाम: अगले जनम मोहे बिटिया नहीं कीजों: औरत माँ है बेटी है पत्नी है पूज्य है, जहां पर नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं " यत्र नारी पूज्यंते, रमंते तत्र देवता "लेकिन इन सबका क्या अर्थ हुआ यदि किसी समाज में महिलाओं को उनके जीवन की सही आज़ादी से वंचित किया जा रहा हो?
नारी और पुरूष में प्राकृतिक भिन्नताएं हैं इसी कारण से नारी पुरुष सामान नहीं लेकिन बराबरी का मिलना ही चाहिए और कहीं कहीं तो नारी को पुरुष से भी ऊंचा स्थान देना चाहिए. धार्मिक किताबों मैं भी बहुत सी जगहों पे नारी को पुरुष से ऊंचा स्थान दिया गया है.
नारी और पुरूष में प्राकृतिक भिन्नताएं हैं इसी कारण से नारी पुरुष सामान नहीं लेकिन बराबरी का मिलना ही चाहिए और कहीं कहीं तो नारी को पुरुष से भी ऊंचा स्थान देना चाहिए. धार्मिक किताबों मैं भी बहुत सी जगहों पे नारी को पुरुष से ऊंचा स्थान दिया गया है.
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