कोई देश तीरथों के लिए जाना जाता है और कोई देश दुनिया में वेश्यालयों के लिए पहचाना जाता है।
वेश्यालयों के देश से कोई तीरथों के देश में आए तो वह अच्छा करता है मगर तीरथों के देश को छोड़कर कोई वेश्यालयों के देश में जाकर नौकर बन जाए तो इसका क्या तुक है ?
कोई तुक हो या न हो मगर लोग ऐसा कर रहे हैं और चलिए कर रहे हैं तो करें लेकिन फिर बड़ी बेशर्मी से वहां बैठकर प्रवचन भी झाड़ रहे हैं।
अरे भई ! आप वहां बैठकर वह कीजिए, जिस काम के लिए तुम वहां पहुंचे हो।
उस काम में माल भी मोटा मिलता है और पाबंदी भी कुछ नहीं होती।
बस गुलछर्रे ही गुलछर्रे हैं।
गुलछर्रे मुबारक हों आपको।
उड़ाओं ख़ूब गुलछर्रे ...

.png) Hire Us
Hire Us
 
 
 
0 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!