केंद्र सरकार के पूर्व रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2008 तक भारतीय रेल को हजारों करोड़ रुपये के मुनाफे में दिखाया था। तब प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने बड़े जोर-शोर से लालू प्रसाद के अर्थ शास्त्र के प्रशंसा के गीत गए थे । रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के समय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे और आज भी प्रधानमंत्री वह हैं और रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने संसद में श्वेत पत्र पेश कर पूर्व कार्यकाल प्रधानमंत्री के समय के घोटाले को संसद के अन्दर बेनकाब कर रही हैं । यह भी हो सकता है कि भविष्य में आने वाला रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी की पोल खोलने के लिए श्वेत पत्र लाये । कबिनेट के फैसले सामूहिक होते हैं। यदि यह सब बाजीगरी हुई है तो प्रधानमंत्री के ऊपर कोई भी जिम्मेदारी नियत है की नहीं। कांग्रेस पार्टी कि सरकार के प्रधानमंत्री रहे पी वी नरसिम्हाराव, बाबरी मस्जिद का ध्वंस होता रहा और वह मूकदर्शक बने रहे। वही स्तिथि वर्तमान प्रधानमंत्री की है कि घोटाले दर घोटाले होते रहे उनको मौन ही रहना है । ऐसे बेबस प्रधानमंत्रियों से क्या देश प्रगति कर सकता है । इस तरह से देश के साथ विश्वासघात हो रहा है । श्री लालू प्रसाद यादव कुछ को कुछ संसद जीता लाये होते तो क्या ममता बनर्जी रेलवे का श्वेत पत्र जारी करती क्योंकि वह भी कबिनेट मंत्री होते । इन वर्तमान राज़नीतज्ञों का दोहरा चरित्र है जब तक कुर्सी नहीं मिलती है तब तक इनसे बड़ा देश प्रेमी कोई नहीं है। कुर्सी आयी की बजट तक में हेरा-फेरी करने लगते हैं।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
"रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के समय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे और आज भी प्रधानमंत्री वह हैं और रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने संसद में श्वेत पत्र पेश कर पूर्व कार्यकाल प्रधानमंत्री के समय के घोटाले को संसद के अन्दर बेनकाब कर रही हैं । यह भी हो सकता है कि भविष्य में आने वाला रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी की पोल खोलने के लिए श्वेत पत्र लाये । कबिनेट के फैसले सामूहिक होते हैं। यदि यह सब बाजीगरी हुई है तो प्रधानमंत्री के ऊपर कोई भी जिम्मेदारी नियत है की नहीं"
"ऐसे बेबस प्रधानमंत्रियों से क्या देश प्रगति कर सकता है । इस तरह से देश के साथ विश्वासघात हो रहा है । श्री लालू प्रसाद यादव कुछ को कुछ संसद जीता लाये होते तो क्या ममता बनर्जी रेलवे का श्वेत पत्र जारी करती क्योंकि वह भी कबिनेट मंत्री होते ।"
Mere dil kee baat kah dee aapne Suman jee, Ish pradhaanmantree kee bhee koi jimmedaaree bantee hai athwaa nahee, yahee sabse badaa muddaa hai !
andher nagari chaupat raja....!!!!!!!!