बाराबंकी में सैकड़ों साल पुराना ठाकुरद्वारा का मंदिर शहर के बीच में स्थित है ठाकुरद्वारा ट्रस्ट के पदाधिकारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आदि पुरुष गण हैं । संघ का परिचय उन्ही के नामो से शुरू होता है इन लोगो ने शहर में दंगा करने के लिए मंदिर के अग्र भाग को प्रोपर्टी ड़ीलर नौशाद आलम उर्फ़ चंदा को बेच दिया जिस पर जैसे ही मंदिर टूटना प्रारम्भ हुआ शहर में तमाम तरह की अफवाहें उड़ना शुरू हो गयीं वो तो कहिये की नगर पुरोहित भाल चन्द्र मिश्र, जमुना प्रसाद त्रिपाठी पूर्व अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, चन्दन मिश्र व समाज सेवी मनीष मल्होत्रा ने स्थित को संभाला और संघ के बाराबंकी के संस्थापको में से एक सूर्य नारायण टंडन को जेल जाना पड़ा।
संघ के लोगो ने प्राचीन मंदिर को प्रोपर्टी ड़ीलर के हाथ कुल रकबा का 60% प्रोपर्टी ड़ीलर को बेच डाला है अब सवाल यह उठता है की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हिंदुत्व सिर्फ हिन्दू धर्म के प्रतीकों को नष्ट करना, धर्म के महान नायकों को राजनीति में उनका इस्तेमाल कर अपमानित करना है । उनका हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं है यह लोग हिटलर की नाजी विचारधारा से प्रेरणा लेते हैं। हिंदुत्व इनकी राजनीतिक विचारधारा है।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
जब हमने आपके लेख को पढ़ना शुरू किया हमें लगा कि आप कोई तथ्य हमारे सामने रख रहें हैं सेकिन सारा लेख पढ़ने के बाद हमें एहसास हुआ कि आप तो विकृत मानसिकता का सिकार हैं। यही वो विकृत मानसिकता है जिसने संघ के हिन्दूसंगठन के पवित्र कार्य में रूकावटें खड़ीकर हिन्दूओं को एकजुट नहीं होने दिया ।परिणामस्वरूप आजाद भारत में पांच लाख हिन्दू वेघर होकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। साठ हजार का कत्ल हुआ सो अलग। अपनी मानसिकता को ठीक रखो बरना कोई गारंटी नहीं जो हिन्दूओं के साथ कशमीर में हुआ वही सारे भारत में न हो ।