एक बहुत अच्छी बात पता चली है.... तमाम रिसर्च करने के बाद यह साबित हुआ है कि विश्व कि पहली महिला हिंदी ब्लोग्गर .... स्वप्न मञ्जूषा शैल "अदा" जी हैं.... अदा जी विश्व की पहली हिंदी ब्लोग्गर भी हैं... उनका ब्लॉग काव्य मञ्जूषा है ... जो 1995से उनके अपने डोमेन पर चालू है... और आखिरी बार सन 1998 में अपडेट हुआ था... और आज भी यह ब्लॉग है. परन्तु यह ब्लॉग किसी Indiblogger और अग्रीगेटर पर रजिस्टर नहीं है. क्यूंकि ज़रूरी भी नहीं किसी और इन्फो पर रजिस्टर हुआ जाये... अच्छा हुआ कि अदाजी का यह ब्लॉग किसी और प्लेटफॉर्म पर नहीं है... नहीं तो अब तक के Archives में चला गया होता... अदाजी , सन 1995 से हिंदी ब्लॉग्गिंग अपने डोमेन पर कर रहीं हैं जब हिंदी फोंट्स उपलब्ध नहीं थे.... और इमेज बनाकर हिंदी ब्लॉग्गिंग करतीं थीं.... आइये, हम सब अदाजी को मिलकर उनके इस उपलब्धि पर बधाई दें....
आज उम्दा सोच ब्लॉग के सौरभ चैटर्जी से मुलाक़ात हुई लखनऊ में.... हम लोग आज लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध मौल "फन रिपब्लिक" में मिले.... और एक औपचारिक मुलाक़ात हुई.... मौल से ही हमने लखनऊ के गोमती किनारे के फोटो खींचे.... आप भी देखिये....
(मौल के फ़ूड कोर्ट से बाइक स्टैंड का नज़ारा..)
(यह देखिये....गोमती नदी का किनारा...जो कि अब नाला बन चुका है... सरकार का ध्यान अभी मूर्ति में हैं...)
(यह भी गोमती पार का नज़ारा है...)
(कुछ खाते हुए मैं और सौरभ...)
(ऐसे ही रेलिंग के सहारे खड़े थे... एक बेवकूफ को कहा था फोटो खींचने को..)
(यह भी फोटो एक और बेवकूफ से बोली थी खींचने को... )
इस मीट का लुत्फ़ उठाइए.... और अदा जी को बधाई दीजिये.... अगर किसी को अदा जी के पहले ब्लोग्गर होने में में कोई शक भी होगा ...तो कोई बात नहीं.... हम जहाँ खड़े होते हैं... वहीँ से हर चीज़ पहले शुरुआत करती है... इसलिए अगर किसी को ऐतराज़ भी होगा... तो उसका कोई असर नहीं होगा..... तो अदाजी को बधाई दीजिये... उनकी यह उपलब्धि...हमारे सर आँखों पर... जो लोग असहमत होंगे ...तो उनके असहमत होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा... वैसे असहमत नहीं होना चाहिए... क्यूंकि सब कुछ सामने है..
http://www.shails.com/ manjusha/index.htm/">-स्वप्न मञ्जूषा शैल ’
Yah to aapane bahut hi bhadiya baat batai, sabaki chaheti Ada didi ko badhaiyaa!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
बहुत ही सनसनी खेज खबर है यह । दीदी को शुभकामनायें । :)
आपने बहुत ही बढ़िया ख़बर सुनाई है! मुझे बेहद ख़ुशी हुई अदा जी के बारे में सुनकर! अदा जी को मेरी तरफ से ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें!
Ada ji ko meri taraf se bohot shubhkamnaye.....
जय हो! यह खबर भी चैनल से तेज चलती है।
अदा जी का आज मुंह थक गया हमारी तारीफ़ करते करते,
हमारी बहना जो ठहरी,
हमारा भी मुंह थक गया तुम्हारी तारीफ़ करते करते,
हमारे छो्टे भाई जो ठहरे।
जय हो!
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महफूज भाई,
आप कहते हो तो मान लेता हूँ, पर http://www.shails.com/manjusha/index.htm मुझे ब्लॉग नहीं एक वैबसाइट ज्यादा लग रहा है, खोजिये तो हिन्दी की कई साइट मिल जायेंगी १९९८ से पहले की...
और हाँ जो बेचारे आपकी और सौरभ जी की फोटो ले रहे थे, दुनिया के अन्य सारे काम छोड़कर...कम से कम बेवकूफ तो नहीं ही कहना चाहिये उन्हें...धन्यवाद भले ही न दो।......:)
वाणी जी के ब्लॉग से खबर लगी थी ! यहाँ और भी विस्तार से जानना-समझना ठीक है !
अदा जी की साइट का लिंक लगाइये ठीक से। नहीं खुल रहा ।
और यह ब्लॉग न होकर साइट लग रही है ! ब्लॉग तो अपनी प्रकृति में कुछ और ही है ।
खैर, हो जो भी, पर आपकी घोषणा ने हमें मुदित किया ।
बहुत खूब
अदा जी को बधाई और आपको भी बधाई यह ऐलान करने के लिये
बधाई !!
यह साईट भी है तो भी इतने पहले का यह योगदान सचमुच बड़ी बात है बहुत बहुत बधाई !
इस रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए.
शुक्रिया!
हम सच कहें तो १९९५ में कम्यूटर तक नहीं देखा था,
बधाई हो अदा जी को और आपका धन्यवाद इस पोस्ट के लिये
आप तो खोजी प्रत्रकारिता में आ गये. :)
अदा जी को बधाई दिये देते हैं और आपका अभार किये लेते हैं.
मिलन समारोह में फोज लगी है.. :)
अरे वाह यह खबर तो किसी को पता ही नही था..जानकारी के लिए धन्यवाद महफूज भाई...
बधाई !!
Nice
अदा जी को बधाई, आज ही वाणीजी के ब्लॉग पर पढ़ा था
कि महफ़ूज भाई जोरदार आवाज में भोंपू लगाकर घोषणा करने वाले हैं...
वैसे अकेले अकेले मोमोस और सॉफ़्टड्रिंक्स पीना अच्छी बात नहीं है, कम से कम फ़ोटो में तो नहीं दिखाना चाहिये अब इत्ती रात को फ़िर भूख लग आयी है देखकर अब क्या करें?
और हम कसम खाते हैं कि किसी की फ़ोटू नहीं खींचेगे नहीं तो किसी ने महफ़ूज भाई जैसा डॉयलाग मार दिया तो :)
jaan ker aacha laga
यह जानकारी प्रीतिकर लगी !
बधाई !
अरे वाह महफूज भाई कर ही दिया खुलासा, बहुत बढ़िया । चलिए इसी बहाने ये बात भी साफ हो गयी जितना आप कह रहे थे कि आप के डोले-सोले बने है उतना कुछ दिखा नहीं , इतना तो मेरे पास भी है मतलब हम लोग मिल सकते हैं हाहाहाहाहा ,और दूसरी बात मुझे तो शक है कि ये आप और सौरभ भाई दोनों गोलें दे रहे हैं , प्लेट में तो कुछ था ही नहीं , बस खाने का बहाना हो रहा है । और हाँ अदा दीदी ये आपसे कि अगली पोस्ट में मस्त-मस्त भांग वाली मिठाईया होली के मौकौ पर और प्रथम हिन्दी महिला होने के कारण सभी ब्लोगरो को भेजो , आपको बधाई और ढेर सारा प्यार ।
सुमन जी से साभार और सतीश सक्सेना जी की इच्छानुसार,
nice.
साईट या ब्लॉग जो भी हो ...अदा जी को पहली हिंदी महिला ब्लोगर होने की बहुत बधाई ...
और तू रोज रोज ब्लोगर मीट के बहाने कितना खाता है ...बहुत मोटा हो गया है ....ईश्वर बुरी नजरों से बचाए ...
आखिर एक और नदी को नाला बना ही दिया लोगो ने ....!!
Mahfooz ji aur Lucknow Bloggers Association ji,
थैंक्स ..तुमने मेरी साईट का ज़िक्र किया ...ये सही है की मैंने इन्टरनेट पर अपनी चीज़ें डालनी शिरू की शुरू की १९९५ से ..जब हम कनाडा आये...
कनाडा आते साथ सबसे पहला काम मैंने किया था कंप्यूटर खरीदना और ..इन्टनेट कनेक्शन लेना...मैं उन्दिनो carleton univeristy जाती थी ...आप लोगों को हैरानी होगी जान कर कि यहाँ भी अधिकतर लोग इन्टरनेट, scanner , laser printer से उतने वाकिफ नहीं थे...सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब कितने लोग ऐसे मिले जो कभी हवाई जहाज में भी नहीं बैठे थे....इसलिए इस धारणा को बिलकुल हटा दीजिये दिमाग से कि यहाँ सभी technology से वाकिफ है...
खैर, यहाँ की libraries को कुछ ख़ास सुविधाएं प्राप्त थी और कुछ साईट की जैसे ही चीज़ होती थी...जिसे freenet कहा जाता था ... जो बहुत ही साधारण सा होता था...मैं भी library की मेम्बर थी इसलिए यह सुविधा मुझे भी उपलब्ध थी...बहुत ही कम स्पेस मिलता था और सब कुछ रोमन लिपि में होता था...मैं अपनी कविताओं को उसमें डालती....रोमन लिपि में...जिसे library के साईट में होने कि वजह से बहुत लोग पढ़ लेते थे.....यह intranet के द्वारा पूरे कनाडा में connected होता था...मेरी कवितायें लोग पढ़ते और मुझे ईमेल से शाबाशी मिल जाती थी...आपको ये भी बता दूँ कि ईमेल भी बहुत बड़ी चीज़. थी उस समय.... १९९६ में मैंने डोमेन बुक किया www .shail.com ek साल के लिए पैसे भी दे दिए....अगली पेमेंट के लिए थोड़ी देर हो गयी तो साईट बंद हो गयी....और क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कवितायें ही लिखती थी इसलिए उतना ज़रूरी भी नहीं समझा था.....फिर मैं बिना लिखे नहीं रह पायी दुबारा बुक करने कि कोशिश कि तो ...shail.com कोई और ले चूका था ...किसी इंडियन ने ही लिया था ...मैंने बहुत कहा कि ये मेरे पास था....बस एक महीने की वजह से आपके पास चला गया...वो मुझसे ज्यादा पैसे मांग रहा था...मैंने कहा रखो अपने पास....इसलिए मुझे १९९८ में डोमेन http://www.shails.com/ लेना पड़ा.....तब तक भी हिंदी फॉण्ट की वैसी सुविधा नहीं थी ....साईट पर डालने के लिए ...मैं अपनी कवितायें..scan करके पिक्चर फाइल बनाती थी और उसे अपलोड करती थी...पहली बार देवनागरी की लिपि, में अपनी कवितायें बेशक पिक्चर ही सही मैंने डालना शुरू किया ...मुझे बहुत सारे एमैल्स मिलने लगे....इसी बीच हमेशा उसमें बदलाव लाने कि कोशिश करती रही....पहले यहाँ मेरी पुरानी तस्वीर थी...ब्लाग बनाने के बाद भी इसमें कुछ बदलाव किया....क्यूंकि ये है तो है... काव्य मंजूषा के नाम से इसी साईट को लोग जानते हैं...मेरी पुस्तक भी इसी नाम से छपी है....
library की सारी information तो मेरे पास नहीं है ...क्योंकि कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी ज़रुरत भी होगी...
मुझे इतना पता है कि...देवनागरी लिपि में मेरी साईट लोगों को बहुत पसंद थी और यही मेरे साईट का highlight भी था...
हो सकता है कोई और भी हो...लेकिन अच्छा हुआ ये बात आपलोगों ने उठाई है....कमसे कम लोग अपने बारे में बता तो पा रहे हैं...
धन्यवाद...
अदा जी को बहुत-बहुत बधाई और ये अकेले-अकेले काहे को घूम-फिर आते हो?
महफूज़ जी,
मैंने गलती से वाणी के लिए जो कमेन्ट लिखा था आपके लिए भी वही डाल दिया...
ध्यान नहीं दिया...वैसे कंटेंट तो एक ही है..बस भाषा थोड़ी अलग थी...
बुरा मत मानियेगा...माफ़ी चाहती हूँ...
अदा जी को बधाई,
महफ़ुज भाई होली पर यह जानकारी दे्ने के लिए
हम खिलाएंगे आपको गुझिया और मिठाई-बधाई।
अनगिन-अशेष शुभकामनायें..!
बहुत बहुत बधाई 'अदा' जी को
कहा जा सकता है कि यह एक ब्लॉग है या वेबसाईट?
तो मेरी समझ में ब्लॉग एक निजी डायरी की तरह का दो-तरफा संवाद मंच है इंटरनेट पर
अब चाहे उसकी शकल कैसी भी हो, चाहे उसमें कुछ भी हो!
बी एस पाबला
महफूज़ यार,
कनफूज़िया दिया...कल मैंने पोस्ट में हिंट दिया था कि महफूज़ जहां खड़ा होता है, लाइन वहां से शुरू होती है...आज तुमने अदा जी को आगे कर दिया...मियां ये तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी...ऐसा करते हैं गोला बना लेते हैं...सब को ये मुगालता रहेगा कि लाइन में हम आगे, बाकी सब पीछे...रहेंगे न सब खुश...और हम तो हैं ही खुशदीप...चलो अदा जी की उपलब्धि के लिए सीटी बजाते हैं करके मुंह गोल और गाते हैं...के भइया आल इज़ वेल....
जय हिंद...
वाकई यह बड़ी खबर है… अदा जी को हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं…।
आपकी और सौरभ की पर्सनालिटी देखकर किस बेवकूफ़ की हिम्मत होती कि फ़ोटो खींचने से मना कर देता… :) :)
इस आश्चर्यजनक खबर से अवगत कराने का शुक्रिया।
वैसे ये मामला समझ में नहीं आया। हेडिंग कुछ, मैटर कुछ?
और हाँ, इस सम्बंध में आपका अपने बारे में भी तो कुछ कहना था। उसका क्या हुआ?
यह तो तेज खबरीया चैनल वाली खबर हो गई.....
ohh its a marvellouse news...heartiest congratulation to Ada..she has made us women proud..All the Best Ada....Keep up the good work..
(sorry for writing in eng...am unable to copy paste my comments...sorry for that)
बधाई हो अदा जी को .... और महफूज़ भाई को भी ........
अदा दी,
अब महफूज भाई तो इतनी मेहनत करके सारे नंबर ले गए...
अब हम क्या करें ?
बधाई!बधाई! बधाई!!
महफूज भाई आपको भी साधुवाद
Ada ji ko bahut bahut bdhai ....!!
ada ji ! bahut bahut badhai .....chaliye aapke bahane ham bhi thodi si shan maar lenge ki pahli bharteey blogar ek naari hai :) ..
shukriya mahfooz is jaankari ke liye
बधाई
अदा जी को बधाई......
ये ब्लोग उत्तर प्रदेश के ब्लोग्गरों के लिये है...मैं तो इसको आजतक लखनऊ के ब्लोग्गरों के लिये समझता था...
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"हमारा हिन्दुस्तान"
"इस्लाम और कुरआन"
The Holy Qur-an
Unique Collection Of Technology
Coding | A Programmers Area
अदा जी को होली के साथ इस शुरुआत की भी मुबारकबाद!!
बहुत बढ़िया प्रयास
khair pata to pahle se tha.. lekin aapne ye baat sabko bata ke bahut nek kaam kiya bhaia.. proud of u bro.
thanks n best of my Regards..
bahut bahut mubarak ho...!!
वाह इस बात के जितनी बधाई अदा जी को दी जाए उतनी ही बधाई की हकदार आप भी हैं महफ़ूज़ जी ,और ऐसी उपलब्धि पर फ़ख्र करना चाहिए
अजय कुमार झा
bahut bdhai,achha lga .
are..maine bhi ada ji ko bdhayee di thi ..vo kahan gayi mahfooz bhai..ak bar fir meri taraf se mubarakbad....
अदाजी बधाई .बहुत अच्छा लगा जान कर कि ये रिकोस्द हमारी अदा जी के नाम है.समीर दादा के ब्लॉग पर आप दोनों पति पत्नी का गया एक गाना सुना ,आपके पति बहुत अच्छा गाते हैं. कहीं बेसुरा नही हूए.
दोनों को बधाई और जब मैं ११० साल की होउंगी आप दोनों को कहूँगी -'जरा वो गाना सुनाईये तों 'अरे यार मेरी तुम भी हो गजब घूंघट तों जरा ओढो '
आपके लिए नही मेरे लिए
हा हा हा
ada ji aapko lakhon badhaiyan.
waah.....waah......waah......waah.....!!mubaarak ho sabko swpanaa ji ke blog kee vaadi.....sabse pahle inke blog kee hui thee shaadi...blog ki hui thi shaadi....