हम कौन से Indo-pak peace Initiative की बात कर रहे हैं ? क्या आप को सचमुच लगता है की "अमन की आशा" से दोनों देशों में शान्ति आ पाएगी ? क्या "अमन की आशा " पाकिस्तान के पागलपन को कभी ख़तम कर पाएगी ? ऐसा कभी नहीं होगा, पाकिस्तान एक पागल कुत्ते की तरह है, जो बार बार काटने को आता है. कहते हैं की बन्दर कितना भी बूढा क्यों न हो जाए, वो कभी गुलाटी मारना बंद नहीं करता. पकिस्तान का हाल भी कुछ इसी तरह का है. भारत ने इस तरह के "Indo-pak peace initiative" कई बार लिए हैं, पर इससे क्या हुआ.
जो बुद्धिजीवी लोग आज भी पाकिस्तान के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, मैं उनसे इतना ही कहना चाहूँगा, की अपने इतिहास में झाँक के देखें. इतिहास से हमें सबक लेना चाहिए. मोहम्मद गौरी ने भारत पे १७ (seventeen) बार हमला किया था . और हमारे महान शान्ति प्रिय सम्राट पृथ्वी राज चौहान ने उन्हें हर बार माफ़ी दे दी. नतीजा क्या हुआ ? अट्ठारहवी बार उसने फिर से हमला किया, और पृथ्वी राज चौहान को इस बार हार का सामना करना पड़ा. उस मोहम्मद गौरी ने शान्ति प्रिय सम्राट पृथ्वी राज चौहान की दोनों आँखें निकाल लीं और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. क्या नतीजा निकला बार बार माफ़ी देने का ? उस धूर्त मोहम्मद गौरी को तो ज़रा भी दया नहीं आई, उसने क्रूरता से यहाँ के खजानो को लूटा, और चारों तरफ तबाही फैलाई.
कुछ ऐसा ही हाल पकिस्तान का भी है. कई बार हार का सामना करने के बावजूद वो बार बार ज़हरीले सांप की तरह फुंफकार मारता रहता है. ऐसी हालत में क्या आप उससे दोस्ती की उम्मीद करना चाहेंगे ? ये उसके साथ खेलने की सोचेंगे ? अगर शिव सेना ने SRK के रुख का विरोध किया है तो क्या गलत किया ? शिव सेना के विरोध करने पर मुझे इस बात की ख़ुशी है की आज हमारे देश में कोई तो ऐसा है जिसके विचारों में पारदर्शिता (transparency) है, और जो दोहरी चालें नहीं चलता , और पाकिस्तान का खुल कर विरोध करता है. हालाँकि मैं शिव सेना की हर एक बात का समर्थन नहीं करता, पर इस बात का समर्थन ज़रूर करता हूँ. हमारा (secular) मीडिया जो आज कल जोर- शोर से "अमन की आशा" के नारे लगा रहा है, ये मेरे ख्याल से मनोरंजन से ज्यादा और कुछ भी नहीं. ऐसा करने से ना तो शान्ति आ पाएगी, ना ही पाकिस्तान कश्मीर कश्मीर चिल्लाना बंद करेगा.
शाहरुख़ खान जो की पाकिस्तानी खिलाड़ियों के यहाँ खेलने का समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने शायद ये video नहीं देखा है जिसमे सोहेल तनवीर एक Interview में ये कहते हैं की हिन्दुस्तानियों की नियत ही खराब है. और जब राजस्थान रॉयल्स से खेलकर उसने लाखों रुपये कमाये थे तब उसे हिन्दुस्तानियों की नीयत खराब नहीं दिख रही थी. आप भी देखें ये विडियो. http://www.youtube.com/watch?v=_2IL-6YaCk0
अपने विचारों के समर्थन में मैं यहाँ सुरेश चिपलूनकर( जिनके ब्लॉग का मैं fan हूँ) द्वारा लिखा हुआ एक और ब्लॉग link दे रहा हूँ. इसे ज़रूर देखें: http://blog.sureshchiplunkar.com/2010/02/paki-players-ipl-shahrukh-khan-aman-ki.html
मुद्दा सही उठाया था, मगर उछालने का तरीका गलत था और जिस तरह इनके द्वारा गीदड़ भभकिया दी जाती है उसे पढ़ा लिखा इन्सान आसानी से नहीं पचा पाता , बस !
पाकिस्तान की नींव ही गलत है। कभी नहीं सुधर सकता।
सही बात है लेकिन कमीने कांग्रेस सर्कार के लोग राजनीती कर रहे है मै तो कहता हु की शाहरुख़ के खिलाफ देशद्रोह का ही मुक़दमा लगाना चाहिए
sherhindu,
http://sherhindusthani.blogspot.com/
ap bilkul sahi kah rahe hai mai aapse sahmat hoo
http://mehtablogspotcom.blogspot.com/
बिलकुल सच कहा आपने!!!पाकिस्तान भारत के खिलाफ एक अघोषित युद्ध. छेड़े हुए है!सरकार भी २६/११ के बाद..उसके साथ खेल सम्बन्ध समाप्त कर चुकी है,फिर शिवसेना ने क्या गलत कह दिया?पाकिस्तान के कितने ही कलाकार यहाँ आकर रोज़ी रोटी कमा रहे है..जबकि उनके यहाँ हमारी फ़िल्में दिखाने की भी इज़ाज़त नहीं है!फिर हम क्यों बार बार उन्हें बुलाएँ?क्या उनके बिना आई.पी. एल. नहीं होगा?
विल्कुल सही कहा आपने