अख़बारों की हेड लाइन
फलां मंत्री की हजारों करोड़की संपत्ति पर
पड़ा सी बी आई का छापा
अमुक शिक्षिका की हत्या
वो भी बलात्कार के बाद
रेल के इंजन पर लटके
कीड़ों- मकोड़ों की तरह यात्री
रेल दुर्घटना में डिब्बों से रिसता हुआ खून
आखिर कैसे रुकेगा ये .................
सरकारी अस्पताल के गेट पर
महिला का प्रसव
व उसकी दर्दनाक मृत्यु
पेंशन के लिए दर-दर भटकते बुजुर्ग
अपात्रों को पेंशनचारों ओर फैली भ्रष्टाचार की आग
हर तरफ मानवाधिकारों का हनन
भ्रष्टाचारियों की बल्ले-बल्ले
शरीफों का जीना दूभर
आज हमें मिलकर सोंचना है
आखिर कैसे रुकेगा ये...........
आखिर अब कैसे रुकेगा ये...........
हिंदी कविता: आखिर कैसे रुकेगा ये...........
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bahut sahi aur samwedanshil...
Aapka bahut bahut aabhar! Srijan sarthak hua.
Bahut acchha ambarish.