जगह का नाम है स्याना ज़िला बुलन्दशहर । यहां गांव
जलालपुर में वर्ष 1985 में समाजसेवी असरार ख़ां ने इस मदरसे की नींव रखी थी । यहां अरबी फ़ारसी के साथ संस्कृत अंग्रेज़ी और कम्प्यूटर की तालीम का भी इन्तेज़ाम है ।बच्चों को पवित्र कुरआन याद है तो वे गायत्री मन्त्र भी पूरी तन्मयता से गाते हैं । मदरसे में 600 से भी ज़्यादा छात्र हैं । संस्कृत सभी के लिए अनिवार्य है ।
जलालपुर में वर्ष 1985 में समाजसेवी असरार ख़ां ने इस मदरसे की नींव रखी थी । यहां अरबी फ़ारसी के साथ संस्कृत अंग्रेज़ी और कम्प्यूटर की तालीम का भी इन्तेज़ाम है ।बच्चों को पवित्र कुरआन याद है तो वे गायत्री मन्त्र भी पूरी तन्मयता से गाते हैं । मदरसे में 600 से भी ज़्यादा छात्र हैं । संस्कृत सभी के लिए अनिवार्य है ।
प्रस्तुत रिपोर्टिंग का सार तो यह है और आसार यह है कि अब निकट भविष्य में तर्क और ज्ञान का प्रभाव बढ़ता जाएगा । नफ़रत और दूरियों का ख़ात्मा होगा । समाज में एकता और भाईचारा बढ़ेगा । लोगों को भड़काकर राजनीति करने वाले हरेक समुदाय में दुत्कार दिये जाएंगे । निकट भविष्य में भारत सशक्त होगा और विश्व का नेतृत्व करेगा ।यह रिपोर्ट इसी आशा को बल देती है ।आपको क्या लगता है ?
निकट भविष्य में भारत सशक्त होगा और विश्व का नेतृत्व करेगा ।यह रिपोर्ट इसी आशा को बल देती है ।आपको क्या लगता है ?
नफ़रत और दूरियों का ख़ात्मा होगा । समाज में एकता और भाईचारा बढ़ेगा । लोगों को भड़काकर राजनीति करने वाले हरेक समुदाय में दुत्कार दिये जाएंगे । निकट भविष्य में भारत सशक्त होगा और विश्व का नेतृत्व करेगा ।यह रिपोर्ट इसी आशा को बल देती है ।आपको क्या लगता है ?
जी हाँ । राजनीती खेलनेवालों का खेल ख़ुला हो जाएगा। सही क़दम।
@ Allama Iqbal ke shahin sifat
Janab saleem khan sahab
Apke tawwun ke liye main tahe dil se shukraguzar hun.
apke baghayr ye kaam itne behtar tariqe se mumkin na tha.
Jazakallah.
@Shirin sukhan behan Razia sahiba
APka ek jumla mere bahut qimti samaya hai.
ummid hai ki aap aage bhi apni ataa o bakhshish jari rakhengi.
shukriya
Jazkallah