प्रिय ब्लॉगर बन्धुवों ! मैंने मार्च के आखिरी हफ़्ते से ही ब्लोगिंग शुरू की थी. मुझे मेरे एक बहुत ही क़रीबी दोस्त ने ब्लोगिंग करने की सलाह दी थी चूँकि मेरे पास इतना समय बच जाता है कि मैं ब्लोगिंग कर सकता हूँ इसलिए मैंने हामी भर दी. लेकिन शुरू में मैं कच्चा था, इसलिए टोटल उसी ब्लॉगर के बहकावे में आ गया और धार्मिक विद्वेष वाली कुछ पोस्ट्स डाल दी. यकीन मानिये मैं व्यक्तिगत रूप से बेहद भावुक व्यक्ति हूँ और शौक रखता हूँ शेर-शाएरी व कविताओं का. मैं यह सब नहीं करना चाहता था. चूँकि मैंने ब्लोगिंग के इस तरह के नकारात्क स्वाभाव को जानता नहीं था इसलिए नतीजा भी नकारात्मक ही निकला और आप लोगों की निगेटिविटी का सामना करना पड़ा. यही नहीं, ब्लोगवाणी ने भी मुझे अपनी लिस्ट से बहार निकाल दिया था. मैं किसी को बदनाम नहीं करना चाहता हूँ इसलिए उस ब्लॉगर का नाम मैं नहीं बता सकता अथवा समय आने पर मैं बता दूंगा.
लेकिन अब मैं सिर्फ सामयिक लेख ही लिखूंगा और वे लेख जो कि स्वस्थ ब्लोगिंग व हिंदी ब्लोगिंग को बढ़ावा दे सकें.
जय हिन्दुस्तान-जय भारत!
आप सबका
EJAZ AHMAD IDREESI
(Published on लारैब: हर बात, हक़ बात Wednesday, April 07, 2010)
स्वागत है
विद्वेष का मार्ग कभी सफलता का मार्ग नहीं हो सकता। आपने सही निर्णय किया।
आप में सम्मति आई यह खुशी की बात है......
मैंने एक ग़जल में लिखा था.............
सदैव जीवन सदा समस्या,
सदा समस्या का हल मिलेगा।
कुछ और गहरी जमीन खोदो,
मिलेगा मरुथल में जल मिलेगा।।
अगर के बाटोगे आप खुशबू
तो हाथ महकेंगे आप के भी-
अगर किसी से जो छल करोगे
तो छल के बदले में छल मिलेगा।।
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
जधन्य...
स्वागत है.............
स्वागत है।