एक बात मुझे समझ न आ सकी तो सोचा आपसे शेयर करके कुछ मशविरा ले लूं. ब्लॉग जगत के इस चर्चित ब्लॉगर के फ़ोटो को आप गॉर से देखिये. सिलसिलेवार उनका फ़ोटो मैं यहाँ प्रदर्शित कर रहा हूँ, यह सब फ़ोटो मुझे उनके ब्लॉग से ही प्राप्त हुए हैं.
फ़ोटो संख्या (एक)
फ़ोटो संख्या (दो)
फ़ोटो संख्या (तीन)
आपको फ़ोटो देख कर कुछ समझ आया? ये अलग अलग समय की सलीम ख़ान नामक ब्लॉगर की तस्वीरें हैं. मुझे ये समझ नहीं आया कि वो हमेशा 'भगवा रंग' ही क्यूँ पहनते हैं? और तो और हर फोटो में रंग और गहरा होता जा रहा है. अरे अगर सुरेश चिपलूनकर या महफूज़ भाई जैसे लोग पहनते या मैं पहनता तो कुछ तर्क बनता भी!?
कहीं ये चिश्ती रंग का प्रचार तो नहीं
आमिर खान वाले गजनी की तरह वह भी अपने दुश्मनों को ऐसे ही याद रख पाते हैं.
एक और बकवास भरी पोस्ट, पहले भी पढ़ चुके हैं, क्या कुछ और लिखने के लिए नहि बचा?
सादर वन्दे!
मजेदार, एक कहावत है की शेर की खाल पहनने से गीदड़ शेर नहीं बन जाता, मैंने सिर्फ कहावत कही है, मुझे नितिन गडकरी ना समझे.
salim bhai sandesh de rahe hain ki rastra ke prati samarpan hamara dharm hai. ya phir unhone dekha hoga ki bhagwadhari sadhuo ko kanyaye ghere rahti hai. ho sakta hai bhagwa ka hi asar ho. isiliye azma rahe hain.