
किसी को कविता में महारत हासिल है तो किसी को कहानी या फिर संस्मरण में .....कोई आलेख तो कोई शब्दों की श्रृंखला बनाता है .....कोई करता है उद्घोष अपनी राष्ट्रभाषा का तो कोई जूनून की हद तक जाकर करता है सृजन कर्म ....कोई गीत रचता है तो कोई ग़ज़ल ....सबकी अपनी -अपनी अलग विशेषता है । सभी अपने फन में माहिर है सभी श्रेष्ठ हैं ......हम इन्हीं श्रेष्ठ सृजनकारों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं १२ जुलाई से प्रत्येक दिन परिकल्पना और ब्लोगोत्सव-२०१० पर प्रात: ११ बजे और अपराह्न ३ बजे .........देखना न भूलें !
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