एक ऐसा गज़लकार जिनकी ग़ज़लों के शिल्प और कथ्य में गज़ब का तारतम्य होता है । शब्दों का विभाजन विभिन्न घटकों की मात्रा संख्या के अंतर्गत वे ऐसे करते हैं कि पढ़ने वाला कोई भी पाठक उनकी ग़ज़लों का मुरीद हो जाए ।
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने वर्ष के श्रेष्ठ गज़लकार का अलंकरण देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान-२०१० से सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।
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कहा गया है- " वाक्यं रसात्मकं काव्यं " यानी रसों से सरावोर वाक्य ही काव्य है ।
एक ऐसा प्रवासी भारतीय कवि जिनकी कविता तो आकर्षित करती ही है , आवाज़ भी कम आकर्षित नहीं करती ।
उस आवाज़ में यदि कविता रूपी महुए का स्वाद आपने एक बार चख लिया तो समझिये हमेशा के लिए आप उनकी आवाज़ में आबद्ध हो जायेंगे ।
जिन्हें ब्लोगोत्सव की टीम ने ब्लोगोत्सव पर प्रसारित उनकी कविता "गड़बड़झाला" को आधार बनाते हुए उन्हें वर्ष के श्रेष्ठ कवि (कविता पाठ ) का अलंकरण देते हुए लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।
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ब्लोगोत्सव-२०१० पर अवश्य पढ़ें-
सितारों की महफ़िल में आज दिगंबर नासवा
सितारों की महफ़िल में आज अनुराग शर्मा
आप शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो उसी पोस्ट के लिंक पर क्लिक करके परिकल्पना ब्लॉगोत्सव 2010 की संबंधित पोस्ट पर ही देंगे तो पाने वाले और देने वाले - दोनों को भला लगेगा। यह भलापन कायम रहे।
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bahut sahi!