पति भी कई क़िस्म के होते हैं- कुछ पत्नीव्रता होते है, कुछ खुरचहे होते हैं!!!! अब आप सोच रहे होंगे कि ये "खुरचहे" क्या होता है तो मैं बता दूं कि "खुरचहे" क़िस्म के वे पति होते हैं जो पत्नी के हर काम में कोई न कोई ग़लती निकालते रहते हैं, भले ही पत्नी सही काम करे, भले ही पत्नी एक पैर पर खड़ी रहे लेकिन उन महाशय को हर बात में नुक्स निकालने की आदत होती ही है.
अब हमारे जुम्मन मियाँ को ही ले लीजिये. क़ुतुब मियाँ के घर से निराश जब वो घर लौटे तो बाज़ार जाकर अण्डे ले आये और बेगम से अण्डा खाने की इच्छा ज़ाहिर की. बेगम फ़ौरन ही 2 अंडे का आमलेट बना कर परोस देती है.
जैसे ही जुम्मन मियाँ की नज़र अण्डे के आमलेट की प्लेट पर पड़ती है, वह अपना सर पकड़ कर खूब ज़ोर से बेगम साहिबा पर चीखने लगते है: "अल्लाह की बन्दी, तुझे मैंने अण्डा तल के लाने के नहीं बल्कि उबाल के लाने के लिए कहा. तू मेरी एक बात नहीं सुनती है." और इस तरह से बेगम साहिबा को रोज़ की तरह आज भी बिना कुसूर डांट सुनना पड़ा!
अगले रोज़ जुम्मन मियाँ ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में फिर से अण्डा खाने की इच्छा जताई. बेगम साहिबा दौड़ी दौड़ी गयीं और 2 अण्डे उबाल के ल़ा के दे दिए! बेगम साहिबा आज संतुष्ट थी कि जुम्मन मियां की मर्ज़ी का आज उसने काम किया है, आज तो डांट नहीं पड़ेगी.
लेकिन जैसे ही जुम्मन मियां की नज़र उबले अण्डे की प्लेट पर पड़ती है, वह अपना सर पकड़ कर खूब ज़ोर से बेगम साहिबा पर चीखने लगते है: "अल्लाह की बन्दी, तुझे मैंने अण्डा उबालने के लिए कब कहा था...तू मेरी एक बात नहीं सुनती है." और इस तरह से बेगम साहिबा को रोज़ की तरह आज भी बिना कुसूर डांट पड़ गयी!
अब बेगम साहिबा तैयार थीं, उसने उपाय सोच लिया था अगर आज जुम्मन मियाँ कोई फरमाईश करेंगे तो कैसे हैंडिल करना है. आज फिर जुम्मन मियाँ ने अण्डे खाने की फरमाईश की. बेगम साहिबा अबकी दो प्लेट ल़ा कर रख दीं. और ख़ुशी से मन ही मन मुस्कुराने लगी कि बच्चू आज कैसे बोलोगे...
लेकिन जैसे ही जुम्मन मियाँ की नज़र अण्डे की दोनों प्लेट पर पड़ती है, वह अपना सर पकड़ कर खूब ज़ोर से बेगम साहिबा पर चीखने लगते है: "अल्लाह की बन्दी, जो अण्डे मैंने आमलेट बनाने के लिए लाये थे उसको तुने उबाल दिए और जो अण्डे मैंने उबालने के लिए लाये थे उसकी तुने आमलेट बना डाली !!!!!!!!!! तू मेरी एक बात नहीं सुनती है." और इस तरह से बेगम साहिबा को रोज़ की तरह आज भी बिना कुसूर डांट पड़ गयी!
भई, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ! जुम्मन मियाँ जैसे खुरचहे पति को हैंडिल करने का बूता उनकी बेगम में तो नहीं है.. आपके पास है.......!!!???
ऐसे पति को तो एक बार उल्टा टांग देना चाहिये तभी अक्ल आती है।
ha ha ha
sahi kaha aapne vandanaa jee
wow veri good, achchha vyang.
हा हा
वन्दना जी बिल्कुल सही।
वंदना जी से सहमत हूँ .........बढ़िया पोस्ट लगाई !!