<-एक जज्वा यह भी.बडा पाव बेच रहे हैं तो क्या हुआ.. . ........तीन लाख गुलाबों से बना,बन्गलूरू में इन्डिया गेट
-रंगोली........ निवासियों से विचार विमर्श करते हुए डा श्याम गुप्त...... निर्विकार व सुषमा गुप्ता जी...
<- --बापू की अर्चना
<------.झंडा रोहण.... १५ अगस्त २०१० को में बंगलौर में था | वहां मैंने देखा कि झंडारोहण समारोह हमारे यहाँ उत्तर भारत की अपेक्षा अधिक प्रभाव पूर्ण व परम्परागत ढंग से मनाया जाता है | डालर कालोनी , जे पी नगर के निबासियों की समिति द्वारा एक पार्क में यह आयोजन किया गया। समस्त कालोनी वासी स्त्रियाँ व पुरुष एकत्र हुए । तिरंगे के सम्मुख बापू महात्मा गांधीजी का चित्र व उसके सामने फल-फूलों से सजी थाली राखी गयी । स्त्रियों द्वारा उनके सम्मुख रंगोली भी सजाई गयी । समिति के अध्यक्ष द्वारा झंडारोहण किया गया तत्पश्चात सामूहिक राष्ट्रगान के बाद स्त्रियों द्वारा राष्ट्र भक्ति का गीत गाया गया एवं
बंगलोर आवास विकास के कमिश्नर की पत्नी द्वारा गांधीजी की आरती तथा वन्दना की गयी । प्रसाद वितरण भी किया गया ।
बहुत अच्छी प्रस्तुति---आभार
आभार जानकारी का. बैगलूतु यात्रा का और विवरण भी दें.
bahut achchha laga jankar ki ham isa tarah se bhi svatantrata ki varshgaanth manate hain anyatha isake vidrup roop men dekhane ko mil jate hain apane desh men.