बाबरी मस्जिद प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायलय इलाहबाद खंडपीठ लखनऊ को अब अपना निर्णय 28 सितम्बर को उद्घोषित करना होगा। ऐसे आदेश माननीय उच्चतम न्यायलय ने जारी किये हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने कस्बों, शहरों से लेकर दूर-दराज तक के इलाकों में बैरिकेटिंग कर दी है। जगह-जगह फ्लैग मार्च व युद्धाभ्यास हो रहा है। सांप्रदायिक राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हुए हैं उसके बाद भी प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव व एकता चट्टान की तरह खड़ी हुई है। प्रदेश सरकार या तो बुरी तरह से डरी हुई है। इस प्रकरण से या समाज को कोई अद्भुद सन्देश देना चाहती है। इस प्रकरण पर इसके पहले भी निर्णय आए हैं। पूरे देश में कोई भी झगडा-झंझट नहीं हुआ है लेकिन झगडा-झंझट तब हुआ है, जब राज्य सरकार व केंद्र सरकार की मशीनरी दंगाइयों के साथ कंधे से कंधा मिला रहे थे। बाबरी मस्जिद के ध्वंस के पश्चात बहुत सारे अधिकारी- कर्मचारी दंगाइयों से हाथ मिला रहे थे। कुछ ऐसी ही स्तिथि पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस तरह की हरकतों से देश की एकता और अखंडता कमजोर होती है। माननीय उच्च न्यायलय को फैसला देना है। दोनों पक्ष कह चुके हैं कि सद्भाव मुख्य है। हमारी एकता को बनाए रखना ही प्रमुख है लेकिन वोटों के सौदागर इसमें अफवाहें फैला कर राजनीति कर रहे हैं और सरकार की भी स्तिथि साफ़ नहीं है। तैयारियों से ऐसा लगता है कि सरकार अब 28 को युद्ध लड़ेगी।
अयोध्या में सद्भाव का एक द्रश्य यह भी है : -
अयोध्या में सद्भाव का एक द्रश्य यह भी है : -
सुमन
लो क सं घ र्ष !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......
ये तो ठीक है पर एक तरफ खेल के नाम पर कटती देश की नाक का क्या ?
कृपया इसे भी पढ़े :-
क्या आप के बेटे के पास भी है सच्चे दोस्त ????
ये हवा कौन फैला रहा है? सरकार सिर्फ सतर्क है कि उन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. हम खुद क्यों नहीं खुद में दृढ होते कि किसी इंतजाम की जरूरत ही न पड़े. अदालत के फैसले में कोई युद्ध की उद्घोषणा नहीं होगी. हमें सद्भाव बनाना है. वे खुद पीछे हट जायेंगे जो इसके लिए कुछ और करने की सोचे बैठे हैं.
सरकार सिर्फ सतर्क है कि उन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. हम खुद क्यों नहीं खुद में दृढ होते कि किसी इंतजाम की जरूरत ही न पड़े
बढ़िया प्रस्तुति .......
यहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?
agree with REKHA DIDI