ब्लाग जगत पर संस्कृत भाषा का विकास अभी अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है ।
इसे और भी आगे ले जाने के लिये हमारे कुछ विद्वद्जन पूरे मनोयोग से सहयोग कर रहे हैं तथापि तकनीकिक ज्ञान न होने के कारण अभी हम सक्षम नहीं हो पा रहे हैं इस कार्य को सुचारू रूप से आगे बढाने में ।
हालाँकि श्री अंकुर जी और श्री नवीन जी यदा-कदा सहायता करते रहते हैं , जिसके लिये हम इनके आभारी हैं ,
किन्तु इनके पास पर्याप्त समय न होने के कारण संस्कृतजगत की आवश्यकताएँ समय पर पूरी नहीं हो पाती हैं ।
और संस्कृत की कक्ष्या भी तकनीकिक न्यून ज्ञान के ही कारण सम्यक गतिमान नहीं हो पा रही है ।
अत: मैं आनन्द आप सब से अनुरोध करता हूँ कि यदि आपमें से कोई भी संस्कृतप्रेमी, जो तकनीकि का जानकार हो संस्कृत सेवार्थ हमें अपना समय दे सके तो आभारी रहूँगा ।
संस्कृत के प्रसार से भारत की जडें मजबूत होंगी और भारत शनै:-शनै: पुन: विश्वगुरू का अपना पुराना रूप प्राप्त कर लेगा ।
अत: यदि आप संस्कृत की सेवा करते हैं तो यह सारे भारत की सेवा होगी ।
मेरा विनम्र निवेदन है तकनीकिजगत के विद्वानों से कि कृपया हमारी सहायता करें ।
आशा है हमारी सहायता के लिये हमारे बंधु आगे अवश्य आएँगे ।
हमें pandey.aaanand@gmail.com संपर्क करें ।
आपका आभार
भवदीय: - आनन्द:
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