कभी मंदिर पर जा बैठे कभी मस्जिद पर जा बैठे
माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद खंडपीठ लखनऊ का फैसला बाबरी मस्जिद प्रकरण पर आगामी 30 सितम्बर को आने जा रहा है। समाज में कुछ तत्वों द्वारा तरह-तरह की अफवाहें उड़ा कर धर्म के नाम पर जहर फैलाया जा रहा है। कोई भी धर्म हिंसा करने की बात नहीं करता है किन्तु उसके प्रचारकगण तरह-तरह से अपने बाहुबल प्रदर्शन करने का प्रयोग धर्म के नाम पर करने लगते हैं। माननीय उच्च न्यायलय का फैसला अन्य फैसलों की तरह एक फैसला ही है, लेकिन जिस तरह से तैयारियां की जा रही हैं। उससे यह लगता है कि न्यायलय का यह फैसला सामान्य प्रक्रिया का अंग नहीं है। दोनों पक्षों को चाहिए की न्यायलय के फैसले का सम्मान करें। असहमत होने पर न्यायिक प्रक्रिया को अपनाये अन्यथा जरा सा भी हो-हंगामा धर्म को बदनाम ही करेगा।धर्म का अर्थ है धारण करने योग्य। काल और परिस्तिथियों के अनुसार जो भी चीजें मानव जाति या सम्पूर्ण जगत को बचाए बनाये रखने में सहायक होती हैं, वही धर्म है। धर्म के प्रचारकों ने अगर धर्म के आधार पर लोगों के मन में घृणा, राग, द्वेष पैदा करते हैं, वह धर्म नहीं हो सकता है। हमने जाति, लिंग, नस्ल, धर्म के आधार पर इंसानी रिश्तों को मानवीय संवेदनाओ को कलंकित करने का कार्य करते हैं तो वहीँ से हम पूरी मानव सभ्यता के साथ खिलवाड़ करते हैं।
आइये हम सब मिलकर और उन्नति शील भारत के निर्माण के लिए सभी जातियों, सभी धर्मों को एकता के सूत्र में बाँधते हुए माननीय उच्च न्यायलय के फैसले का स्वागत करें, सम्मान करें।
आज जरूरत इस बात की है कि रवीन्द्र प्रभात जी की इन पंक्तियों को सार्थक न होने दें।
आज जरूरत इस बात की है कि रवीन्द्र प्रभात जी की इन पंक्तियों को सार्थक न होने दें।
सुमन
लो क सं घ र्ष !
यह मेरी आस्था का प्रश्न है. यह मेरी श्रद्धा है, मेरा विश्वास है, और श्री राम से मेरी यही प्रार्थना है कि अयोध्या में उनके जन्म स्थान पर उनका एक भव्य मंदिर बने. अदालत का क्या निर्णय होता है इस से मेरी आस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. मैं एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक हूँ और देश के कानून का सम्मान करता हूँ. अदालत के फैसले की मानना या अवमानना मेरे एजेंडा में नहीं है.
कुछ भारतीय चाहते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद बने, यह उनकी आस्था का प्रश्न है और मैं उनकी आस्था का सम्मान करता हूँ. मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है. मेरा धर्म मुझे सब से प्रेम करना सिखाता है.
great