कहा जाता है कि प्रतिष्ठा, प्रशंसा और प्रसिद्धि की चाहत सभी को होती है , किन्तु सही मायने में प्रशंसा तब सार्थक समझी जाती है, जब आप किसी को पहले से नहीं जानते हों अचानक किसी मोड़ पर वह मिल जाए और आप उसके सद्गुणों की प्रशंसा करने को बाध्य हो जाएँ । ऐसा ही हुआ कुछ हमारे साथ ।
विगत दिनों यह घोषणा की गयी थी कि प्रत्येक सोमवार को हम लखनऊ ब्लोगर एसोशिएसन पर प्रकाशित किसी एक पोस्ट को सप्ताह की श्रेष्ठ पोस्ट का अलंकरण देंगे । आज पहला दिन है और हम जिस पोस्ट को सप्ताह की पोस्ट का अलंकरण देने जा रहे हैं उसके पोस्ट लेखक को मैंने पहली बार पढ़ा और उस पहले पोस्ट ने मुझे आकर्षित होने पर मजबूर किया वह पोस्ट है -
श्री अंबरीश श्रीवास्तव की यह कविता सांप्रदायिक सद्भाव को समर्पित है और मुझे इस कविता को सप्ताह की श्रेष्ठ कविता या फिर श्रेष्ठ पोस्ट की घोषणा करते हुए अपार ख़ुशी की अनुभूति हो रही है ।
30 जून 1965 में उत्तर प्रदेश के जिला सीतापुर के “सरैया-कायस्थान” गाँव में जन्मे कवि अम्बरीष श्रीवास्तव ने भारत के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' कानपुर से विशेषकर भूकंपरोधी डिजाईन व निर्माण के क्षेत्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। कवि जनपद सीतापुर के प्रख्यात वास्तुशिल्प अभियंता एवं मूल्यांकक होने के साथ राष्ट्रवादी विचारधारा के कवि हैं। कई प्रतिष्ठित स्थानीय व राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं व इन्टरनेट पर जैसे अनुभूति, हिंदयुग्म, साहित्य शिल्पी, साहित्य वैभव, स्वर्गविभा, हिन्दीमीडिया, विकिपीडिया, रेनेसा, ड्रीमस-इंडिया, शिक्षक प्रभा व मज़मून आदि पर अनेक रचनाएँ प्रकाशित हैं। ये देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित तकनीकी व्यवसायिक संस्थानों जैसे "भारतीय भवन कांग्रेस" , "भारतीय सड़क कांग्रेस", "भारतीय तकनीकी शिक्षा समिति", "भारतीय पुल अभियंता संस्थान" व अमेरिकन सोसायटी ऑफ़ सिविल इंजीनियर्स, आर्कीटेक्चरल इंजीनियरिग इंस्टीटयूट, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग इंस्टीटयूट आदि व तथा साहित्य संस्थाओं जैसे "हिंदी सभा", हिंदी साहित्य परिषद्" (महामंत्री ) तथा "साहित्य उत्थान परिषद्" आदि के सदस्य हैं। प्राप्त सम्मान व अवार्ड:- राष्ट्रीय अवार्ड "इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी अवार्ड 2007", "अभियंत्रणश्री" सम्मान 2007 तथा "सरस्वती रत्न" सम्मान 2009 आदि
.....इस अवसर पर श्री अंबरीश श्रीवास्तव जी के लिए ऋग्वेद की दो पंक्तियां समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले। |
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अनंत आत्मिक शुभकामनाओं के साथ-
शुभेच्छु-
रवीन्द्र प्रभात
अध्यक्ष : लखनऊ ब्लोगर एसोशिएसन
इस अलंकरण के लिए अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई. वास्तव में रचना ऐसी है की जिसके लिए निष्पक्ष रूप से कहा जा सकता है की देश और धर्म से ऊपर उठकर अगर भारतीय हैं तो उसको सिर्फ मानव धर्म ही स्वीकार कर लेना श्रेयस्कर है.
बहुत बहुत बधाई हो अम्बरीश जी ,
और दाद देनी पड़ेगी रवीन्द्र प्रभात जी का जिन्होंने इतने अच्छे लेख को चुना
dabirnews.blogspot.com
बहुत बहुत बधाई अम्बरीश जी को।
mubarakbaad ek behtareen post ko chun ne ke liye.
mubarakbaad ek behtareen post ko chun ne ke liye.
ambarish ji ko badhai
इस अलंकरण के लिए अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई.
अम्बरीश जी को बधाई
Congratulation to MR. AMBARISH !!!
Thanks to Hon'ble Perz. for best election.
बहुत बहुत बधाई हो अम्बरीश जी ,
इस अलंकरण के लिए अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई.
अम्बरीश जी बधाई |
आशा
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
योगदान!, सत्येन्द्र झा की लघुकथा, “मनोज” पर, पढिए!
अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई हो....
आपका यह प्रयास बेहतरीन है रवीन्द्र प्रभात जी
प्रशंसनीय प्रयास ...अम्बरीश जी को बधाई
अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई.
बहुत बहुत बधाई..
इस अलंकरण के लिए अम्बरीश जी को बहुत बहुत बधाई.
प्रशंसनीय प्रयास ...अम्बरीश जी को बधाई
बहुत बहुत बधाई अम्बरीश जी ! खूसूरत और सद्भावना से परिपूर्ण सार्थक लेखन के लिये आभार !
अम्बरीश जी को बधाई
बधाई हो - और रवींद्र जी - आपको भी साधुवाद - हीरों को निखारने का !
हम तो मात्र निमित्त है सब कुछ करते ईश.
वह ही है सबके प्रभू, उन्हें नवायें शीश..
आदरणीय बंधुओं सर्वप्रथम आदरणीय रवीन्द्र प्रभात जी , अध्यक्ष : लखनऊ ब्लोगर एसोशिएसन का इस पोस्ट को सप्ताह की श्रेष्ठ पोस्ट के रूप में चुनने के लिए ह्रदय से बहुत-बहुत आभारी हूँ..... उनका मधुर स्नेहाशीष हमारे सिर-माथे पर....... साथ साथ इन अमूल्य प्रतिक्रियाओं के लिए आप सभी आदरणीय मित्रों का इस सम्पूर्ण ह्रदय से आभार.
अम्बरीश जी को बहुत-बहुत बधाई, बेहतरीन प्रयास लखनऊ ब्लोगर एसोशिएसन का शुभकामनायें ।