गाजीपुर के नंदगंज थाने के भीतर बिना अपराध जबरन बंधक बनाकर रखी गईं महिलाएं : लाल साड़ी में खड़ी भड़ास ब्लॉग के संचालक श्री यशवंत सिंह की मां , पैर व कूल्हे में दिक्कत के कारण लेटी हुईं चाची, बैठी हुईं दो स्त्रियों में चचेरे भाई की पत्नी हैं. एक अन्य दूसरे आरोपी की मां हैं...
देश में महिलाओं के साथ खासकर बृद्ध महिलाओं के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा शर्मनाक और कायरता पूर्ण है इस बात का अंदाजा आप U.P के गाजीपुर जिले के नंदगंज थाने के पुलिस के व्यवहार से लगा सकते है जहाँ एक बृद्ध महिला को उसके भतीजे के अपराधी होने के चलते 12 घंटे तक थाने में बंधक बनाकर रखा गया ...ये सिर्फ किसी एक मां की समस्या नहीं बल्कि उन करोड़ों माओं की समस्या है जो इस देश के गांवों में रहती है
जिस प्रदेश की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला हो और देश के शीर्षस्थ पद यानी राष्ट्रपति के ओहदे पर विराजमान हो एक महिला वहां महिलाओं खासकर वृद्ध महिलाओं के विरुद्ध ऐसी कायरता नि:संदेह शर्मनाक है , हम ऐसी कायरतापूर्ण घटना की भर्त्सना करते हैं ........
पूरी घटना के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें-
http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6969-2010-10-16-11-26-00.html
http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6980-2010-10-17-09-05-00.html
http://www.bhadas4media.com/dukh-dard/6982-2010-10-17-09-56-04.html
रविन्द्र जी पुलिस का बृद्ध महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी पुलिस व्यवस्था के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगाती है ..निश्चय ही इस प्रकार की घटना के लिए जिम्मेवार पुलिस वालों को जबतक सख्त से सख्त सजा नहीं दिया जायेगा तब तक पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होगा ...इस दिशा में सामूहिक प्रयास की जरूरत है क्योकि यह किसी के माँ का मामला नहीं मानवता के प्रति जघन्य अपराध का मामला है ..बृद्ध महिला के सम्मान की जिम्मेवारी हमसब की है ...
Ek Sharmnak ghatna
इस तरह का व्यवहार पूरी पुलिस व्यवस्था के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लगाती है
sachmuch nindaniy hai yah ghatanaa
रविन्द्र जी ,
ये पुलिसिया कहर कब क्या कर दे? ये न कहिये ये जनसेवक हैं और पूरी की पूरी
जमात के मुँह पर कालिख पोत देते हैं. यहाँ कानपुर का एक केस है १० वर्षीय बच्ची के साथस्कूल में दुष्कर्म के बाद उसकी मृत्यु का और पुलिस ने पकड़ा पड़ोसी को जो कि उस दिन कानपुर में था ही नहीं. स्कूल प्रबंधक के प्रभाव में मृतका के माँ बाप से समझौते के लिए महिला पुलिस दबाव बना रही है. उसके बाद कह रही है कि बच्ची के घर वाले लिख कर दें कि पड़ोसी निर्दोष है तब छोड़ा जा सकता है. अरे संदेह पर पकड़ा तुमने है और लिखित माँ बाप दें. कहानी ऐसी गढ़ी जा रही है कि लोग क्या कोई भी विश्वास कर ही नहीं सकता है. मामला सीबीआई को दिया जारहा है. इस नाकारा पुलिस का वश बस अबलाओं पर ही चलता है. दबंगों के यहाँ तो ये रोज हाजिरी लगा कर नौकरी पूरी करते हैं.
Ek Sharmnak ghatna
ravindra sir ! aapki dua se main ab swasth ho chuka hoon...
aur rahi baat pulisiya qahar kii to aaj se 5 saal pahle mere bhai samiuddin neelu jo ki lakhimpur se amar ujala se patrakaar hain par bhi pulis ne britania huqumat se bhi zyada krur zyadatadi kii thi...
LANAT HAI PARDESH KI AISI POLICE AUR SARKAR KO,AUR YH SOCHNA KI AK MAHILA MUKHYMANTRI KE HONE PAR MAHILAON PAR ATYACHAR KAM HO JAYENGE ,,BINA MATLAB APNA KALEJA CHAK KARNE WALI BAT HOGI.MAYAWATI AB AAM NAHI HAIN.....JANAB..????SHARMNAK...
सचमुच निंदनीय है यह घटना,आभार जानकारी हेतु !
वाकई अत्यंत शर्मनाक है यह घटना, उफ़ !
ऐसी शर्मनाक घटना का प्रत्येक स्तर पर जबरदस्त विरोध होना चाहिए ताकि भविष्य में कभी भी इसकी पुनरावृत्ति न होने पाये...........
बहुत ही शर्मनाक समाचार ...
इसे 'विचित्र किंतु सत्य' न कहिए। बर्बर है यह! सभ्य समाज के ये प्रहरी स्त्री के प्रति न्यूनतम सम्वेदनशीलता भी नहीं रखते।
प्रेस को भी इसे जोर शोर से उठाना चाहिए ताकि दोषियों को दंड मिले।
वास्तव में हमारी जो पुलिस है वो अंग्रेजों ने अपनी सेवा के लिए बनाया था अर्थात शासन प्रणाली हेतु , जनता के सेवा के लिए वही ढांचा थोड़े बदलाव के साथ अब तक चल रहा है आप हिंदुस्तान के किसी भी भाग पर अपनी दृष्टि डालिए आपको पुलिस का जनता के लिए डंडा या बन्दुक ही का इलाज दिखाई देगा , अधिकांश जनता के लिए पुलिस आज भी खौफ का दूसरा नाम है , पहले सरकार को पुलिसे को जनता के लिए बनाना चाहिए न की केवल अपने लिए , तभी इसमें कुछ सुधार नज़र आएंगे
dabirnews.blogspot.com
aisi ghatnaaon ke liye keval police doshi nahi hai. police ko ek tool ki tarah istemaal kiya jata hai. police tantra isi kaaran sabse bhrasht hissa ban gaya hai shaasan ka. iske liye raajneta aur humara samaaj bhi utne hi doshi hai jitni ki police.