नव वर्ष २०११ का अभिनंदन...
हो गम न जहां सुख हो या हो दुःख, एसा इक जग हो अपना।
वो कल कभी तो आयेगा ही,
चाहे आज हो केवल सपना ||
हम जियें जहां औरों के लिए,
कोई न पराया अपना हो।
दुनिया हो दुनिया की खातिर,
बस प्यार ही सुन्दर सपना हो ॥
औरों की खुशी अपने गम हों,
उनके दुःख अपने दर्द बनें ।
हो शत्रु न कोई मीत जहां ,
सब ही सबके हमदर्द बनें ॥
हो झूठ न सच , सत और असत ,
ना स्वर्ग नरक की माया हो ।
बस प्रीति की रीति हो उस जग में,
और प्यार की सब पर छाया हो ॥
हो गम न जहां सुख हो या हो दुःख,
एसा इक जग हो अपना।
वो कल कभी तो आयेगा ही,
चाहे आज हो केवल सपना ||
वो कल कभी तो आयेगा ही,
चाहे आज हो केवल सपना ||
हम जियें जहां औरों के लिए,
कोई न पराया अपना हो।
दुनिया हो दुनिया की खातिर,
बस प्यार ही सुन्दर सपना हो ॥
औरों की खुशी अपने गम हों,
उनके दुःख अपने दर्द बनें ।
हो शत्रु न कोई मीत जहां ,
सब ही सबके हमदर्द बनें ॥
हो झूठ न सच , सत और असत ,
ना स्वर्ग नरक की माया हो ।
बस प्रीति की रीति हो उस जग में,
और प्यार की सब पर छाया हो ॥
हो गम न जहां सुख हो या हो दुःख,
एसा इक जग हो अपना।
वो कल कभी तो आयेगा ही,
चाहे आज हो केवल सपना ||
नव वर्ष की बहुत-बहुत बधाई ।
धन्यवाद , अशोक जी....नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
---धन्यवाद मिथिलेश,
नव-वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं !