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2 जनवरी 2011 को जयपुर से प्रकाशित डेली न्यूज़ में परिकल्पना-अमरेन्द्र प्रकरण सहित पिछले वर्ष की हिन्दी ब्लॉगिंग का जायजा लेता सुश्री प्रतिभा कुशवाहा का आलेख.......
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लोकसंघर्ष पर पुनर्प्रकाशित परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण-२०१० की चर्चा स्वाभिमान टाईम्स ( 9 जनवरी 2011 को स्वाभिमान टाईम्स के नियमित स्तंभ ‘अन्तर्जाल’ ) में .....
जो मेहनत आप कर रहें हैं उसका प्रतिफल तो ये कुछ भी नहीं है।
बधाई।
आज जब आपकी प्रतिभा और व्यक्तित्व का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है और आपके विश्लेषण को चुनौती देने वाले क्षुद्र मानसिकता के लोग दुम दबाके बिल में घुस चुके हैं, ऐसे में प्रिंट मीडिया में विश्लेषण की चर्चा उनके गाल पर तमाचे से कम नहीं है .....आपके व्यक्तित्व का आकर्षण मैंने काफी करीब से महसूस किया है, इसलिए आप तो मेरे लिए प्रात: स्मरणीय हैं !
आपके व्यक्तित्व को पुन: नमन !
अरे ये तो एक सुखद समाचार है, आँखों को सुख हुआ यह सब देखकर, अच्छा लगा !
बहुत बढ़िया, अपना ब्लॉग में अपना ब्लॉग पंजीकृत कराएं |
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This Vishleshan is Mile Stone of Hindi Bloging, Congretulation !
बधाईयाँ !
आपने विल्कुल सही कहा है कि-
" नकारात्मकता इसकदर यदि बेपरवाह नहीं होती ,
तो सकारात्मकता को पहचान की चाह नहीं होती
यक़ीनन वे आ जाते हाशिये पर एक दिन खुद ही -
जिन्हें अपनी इज्जत की यूँ परवाह नहीं होती !"
nice