आपने एक और लेख लिख डाला और 15-20 सवाल और कर डाले। आपके हरेक सवाल का जवाब दिया जाएगा ताकि आपके दिल के हरेक कोने से तमाम ग़लतफ़हमियों के जाले निकल जाएं और आपका मन निर्मल हो जाए लेकिन उससे पहले आपको मेरे केवल एक सवाल का जवाब देना होगा जो कि मैंने आपसे पूछा है कि ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः‘ आपके किस ग्रंथ में है ?
अगर यह किसी हिंदू धर्म ग्रंथ में है ही नहीं तो फिर आप क्यों कह रहे हैं कि यह हमारे धर्म की मान्यता है ?
जो सिद्धांत किसी भी हिंदू धर्म ग्रंथ में नहीं है वह हिंदू धर्म की मान्यता हो कैसे गया ?
अनवर जमाल कभी हिन्दू धर्म का या हिन्दू भाईयों का विरोध नहीं करता बल्कि वह अफ़वाह फैलाने का विरोध करता है जैसे कि हिन्दू धर्म और इस्लाम के बारे में आप अफ़वाह फैला रहे हैं।
जिस सूचना या बात का कोई आधार और स्रोत ज्ञात न हो और वह बात भी बेबुनियाद हो, उसे अफ़वाह कहा जाता है।
‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः‘ आपसे ठीक से लिखा तक नहीं गया है। यह आपका ज्ञान है। चलिए अब आप ब्लाग जगत के सारे विद्वानों को बुला लीजिए अपनी मदद के लिए और बाहरी दुनिया कि ज्ञानियों से भी जाकर पूछ आईये और मेरे सिर्फ़ एक सवाल का जवाब दीजिए।
इस संवाद से आपको पता चल जाएगा कि आपको दूसरों के ही बारे में नहीं बल्कि खुद अपने बारे में भी कितनी बड़ी ग़लतफ़हमियां हैं ?
धर्म में इसी तरह लोगों ने पहले भी हिंदू धर्म में अपनी तरफ़ से बातें मिलाई हैं और यह सिलसिला आज भी बदस्तूर चला आ रहा है। इसी मिलावट के कारण के हिंदू धर्म का स्वरूप विकृत हो चुका है। जब उस स्वरूप विकृत हो गया तो आप जैसे लोगों ने अपना भेष-भाषा और संस्कार सभी कुछ बदल डाले यहां तक कि धर्म का नाम भी आपके पास शेष न बचा। धर्म के लिए हिंदू शब्द किसी भी हिंदू धर्म ग्रंथ में नहीं आया है। आपसे न तो इसकी परंपराएं सुरक्षित रखी गईं और न ही आप इसके संस्कारों का ही पालन आज कर रहे हैं। तब भी आप अपना अहंकार और हठ छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसा क्यों ?
आपका दावा है कि अधिकतर मुसलमान बुरे होते हैं जबकि हिन्दू अच्छे होते हैं।
मैं भी यही मानता हूं कि
मुसलमानों का चरम परम पतन हो चुका है
और
इस विषय में आप नीचे दिए गए दो लिंक्स पर जाकर मेरे विचार देख सकते हैं। मैं कभी पक्षपात नहीं करता। जो हालात मैं देखता हूं उसके आधार पर जो निष्कर्ष निकलता है, मैं वही कहता हूं। हरेक ब्लागर वही कहता है।
हिन्दू भाईयों के बारे में इतने अच्छे विचार रखने के बाद भी मुझे आप जैसे लोगों ने कभी थैंक्स नहीं कहा, ऐसा क्यों ?
अभी भाई खुशदीप जी ने अपनी पोस्ट में यह जानकारी दी है-
आपकी-हमारी गाढ़ी कमाई पर डाका (किस्त-1)
..अब आप बताईये कि ये 1200 राजनीतिक पार्टियां और इसके समर्थक मुसलमान हैं या हिंदू ?चुनाव आयोग का कहना है कि देश में 1200 राजनीतिक पार्टियां पंजीकृत हैंण्ण्ण्इनमें से सिर्फ 16 फ़ीसदी ही यानि 200 पार्टियां ही राजनीतिक गतिविधियों में लगी हैंण्ण्ण्बाकी ज्यादातर पार्टियां राजनीतिक चंदे के नाम पर काली कमाई को धो कर व्हाईट करने में लगी हैं...
देश की बर्बादी का सारा इल्ज़ाम आप मुसलमानों पर डाल रहे हैं तो आप इन्हें क्या कहेंगे और कब कहेंगे ?
इसकी मैं इंतज़ार नहीं करूंगा क्योंकि पहले मुझे उस सवाल का जवाब चाहिए जो मैंने आप से ऊपर पूछा है।
आपको मैं अब भी कोई इल्ज़ाम नहीं दूंगा और आपको भी मैं अच्छा आदमी ही मानता हूं। ग़लतफ़हमियां अच्छे-अच्छों को भ्रम में डाल देती हैं। मेरी कोशिश होगी कि आपकी ग़लतफ़हमियां दूर कर दी जाएं।
आपने सवाल करके मेरी ज़िम्मेदारी को और भी बढ़ा दिया है।
Please see
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/organised-crime-against-india.html
लखनऊ ब्लोगर एसोसिएशन पर धर्म से संबंधित पोस्ट ना लीखिए । ऐसे लेख आप अपने व्यक्तिगत ब्लोग पर लिखिए ।
सही कहा मिथिलेश---धर्म ्के क्रिटिसिस्म से सम्बन्धित लेख अपने स्वयं के ब्लोग पर ही लिखे जाने चाहिये....यूं तो आप अपने धर्म को अच्छा बताइये पर अन्य की बुराई क्यों.....नहीं..
@ मिथिलेश जी ! यह कैसा पक्षपात किया जा रहा है यहां ?
इस परिवार के एक सदस्य को तो Hindu mythology के प्रचार की छूट दे रखी है और डा. अनवर जमाल साहब से कह दिया गया कि धर्म से संबंधित पोस्ट यहां न लिखें ।
क्या इसका मतलब यह है कि एक मुसलमान को यहां धर्म प्रचार की इजाज़त नहीं है लेकिन एक हिंदू भाई पर कोई नियम क़ायदा लागू नहीं किया जाएगा ?
या फिर आप लोग कहिए कि डा. श्याम गुप्ता जी की बात धर्म की नहीं है बल्कि अधर्म की है ?
@ श्याम जी ! डा. अनवर जमाल साहब की बात एतराज़ जताकर इस सारे बखेड़े की शुरूआत करने वाले आप ही तो हैं जबकि किसी भी मुसलमान ने आपकी पुराण संबंधी पोसट पर आज तक कोई सवाल नहीं किया ?
मुसलमानों की इस उदारता और सभ्यता के बावजूद आप इस्लाम को रिजिड मत बताते हैं ?
शर्म नहीं आती आपको इस्लाम को बदनाम करते हुए ?
Shame on you .
अब पूछे गये सवालों के जवाब दीजिए।