WELCOME

TO LBS

#

बुधवार, जनवरी 12, 2011

बुधवार, जनवरी 12, 2011 4
लोग कहते हैं कि 
अनवर जमाल ! आप हिंदुओं के धर्म पर , उनकी परंपराओं पर क्यों लिखते हैं ?
भाई आपके साधु-सन्यासी से लेकर आम हिंदुओं तक हरेक ईश्वर की न्याय व्यवस्था और उसकी महिमा के खि़लाफ़ सवाल खड़े क्यों करता है ?
आप सवाल खड़े करना बंद कर दीजिए, अनवर जमाल उनके जवाब देना ख़ुद ब ख़ुद बंद कर देगा। अनवर जमाल ईश्वर और अल्लाह में भेद नहीं करता और न ही उसके बंदों में भेद करता है। अनवर जमाल ईश्वर का भक्त है क्योंकि वह अल्लाह का बंदा है और ईश्वर अल्लाह एक ही पालनहार प्रभु के दो अलग भाषाओं में दो नाम हैं लेकिन जिसके ये नाम हैं वह ख़ुद एक है। वही सबको हवा, पानी और भोजन देता है। आज हवा तो सबको मिल रही है लेकिन साफ़ पानी सबको मयस्सर नहीं है। सबको रोटी मयस्सर नहीं है। लोग परेशान हैं। जीवन काटना उन्हें भारी लग रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है ?
लोग भारत में जिन देवताओं को ईश्वर मानकर उनकी पूजा करते हैं, वे जब दुनिया में इंसान को रोटी नहीं दे सकते तो फिर वे स्वर्ग में अनंत सुख कैसे दे सकते हैं ?
यह सवाल कौन कर रहा है ?
क्या अनवर जमाल कर रहा है ?
नहीं यह सवाल कर रहे हैं स्वामी विवेकानंद जी।
...और वे कह रहे हैं कि
1- भारत को ऊपर उठाया जाना हैं ! गरीबों की भूख मिटाई जानी हैं ! शिक्षा का प्रसार किया जाना है ! पंडे पुरोहितो और धर्म के ठेकेदारों को हटाया जाना है ! हमने पंडे पुरोहित और धर्म के ठेकेदार नहीं चाहिए ! हमें सामाजिक आतंक नहीं चाहिए !
2- जनता के आध्यात्मिक उत्थान की एक ही शर्त हैए आर्थिक और राजनीतिक पुनर्निर्माण !
3- ‘किसी के कह देने मात्र से अंधों की तरह करोड़ों देवी-देवताओं पर विश्वास न करो।‘
आप इस पूरे लेख को ‘मेरा देश मेरा धर्म‘ पर देख सकते हैं।
क्या स्वामी जी की बात ग़लत है ?
नहीं, अनवर जमाल उनसे सहमत है। स्वामी जी ने साफ़ कर दिया है कि जिन देवताओं को लोग ईश्वर मानकर पूज रहे हैं ये स्वर्ग तो क्या देंगे, वे एक समय की रोटी भी नहीं दे सकते। ये देवी-देवता किसी की समस्या हल नहीं करते बल्कि इनके नाम पर पंडे-पुरोहित सामाजिक आतंक फैलाते हैं। भारत को उपर उठाने के लिए इन्हें हटाया जाना ज़रूरी है। स्वामी जी आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार आंज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं। आज भी जब लोग देव-स्थलों पर जाते हैं तो लौटकर यही कहते हैं कि
‘यह स्थल निस्संदेह देव रहित हैं' -सतीश सक्सेना
भाई साहब ! जब आपको यह पता चल गया है कि यह स्थल देव रहित है तो आप यहां खड़े क्यों हैं ?
चलिए उस स्थल की ओर जहां देव भी है और देववाणी भी। जहां उसकी पूजा तो होती है लेकिन चढ़ावा कोई नहीं चढ़ाया जाता। आर्थिक और राजनैतिक पुनर्निमाण की पूरी योजना आपको वहीं मिलेगी। जब आप वहां पहुंचेगे तो आप देखेंगे कि हर रंग और नस्ल का आदमी चाहे वह अमीर हो या ग़रीब अपने दाता के सामने एक साथ खड़े हैं और एक साथ ही झुक रहे हैं। जो वाणी वे सुन रहे हैं, उसमें एक दूसरे पर ज़ुल्म करना हराम बताया जा रहा है। एक दूसरे की मदद करना फ़ज़ बताया जा रहा है और ब्याज लेना एक घातक मज़र््ा बताकर उससे मुक्ति दिलाई जा रही है। कहा जा रहा है कि तुम पर हराम है अगर तुम्हारा पड़ोसी भूखा सो रहा है और तुम पेट भरकर खा रहे हो।
हरेक बुराई को पाप ही नहीं बल्कि उसे सामाजिक जुर्म भी बताया जा रहा है और उस पर नर्क की यातना से पहले दुनिया में भी दंड दिया जा रहा है और जब ऐसा हो जाता है तो हरेक आदमी को रोटी मिलना निश्चित हो जाता है। तब आदमी कहता है कि वाक़ई यह ईश्वर जो मुझे रोटी दे रहा है वह मुझे स्वर्ग का अनंत सुख भी दे सकता है।
आदमी ईश्वर को अपने अंदर-बाहर हर जगह महसूस करेगा। तब आनंद के लिए किसी समाधि की ज़रूरत नहीं रह जाएगी। वह स्वयमेव आपको उपलब्ध हो जाएगा।
आज आदमी दुखी है तो उसके पीछे ख़ुद उसका नज़रिया ज़िम्मेदार है। जो वास्तव में ईश्वर है उसे पहचानता नहीं, उसकी योजना को मानता नहीं तो अंजाम तबाही के सिवा क्या होगा ?
तब यही होगा कि उन चीज़ों को ईश्वर माना जाएगा जो कि वास्तव में ईश्वर नहीं हैं। उसके नाम पर सामाजिक आतंक फैलाने वाले पंडे-पुरोहित ऐसी परंपराओं में लोगों का अन्न-धन और आबरू तक स्वाहा कर देंगे जो कि वास्तव में धर्म ही नहीं है बल्कि उनका बनाया हुआ दर्शन मात्र है।
अनवर जमाल का कुसूर यह है कि वह सच को सामने क्यों लाता है ?
वह क्यों बताता है कि ग़रीबी और भूख से तड़प-तड़प कर मरती हुई देश की जनता को कैसे बचाया जा सकता है ?
वह क्यों सबके हित की बात करता है ?
आखि़र कैसे इस धरती पर ही स्वर्ग का आभास किया जा सकता है ?
लोक-परलोक का सुख हरेक को अभीष्ट है। दुनिया में जितने भी धर्म-दर्शन हैं, जितने भी वैज्ञानिक अविष्कार हुए हैं, उन सबके पीछे यही भावना है कि सारे इंसानों को सुख प्राप्त हो जाए।
अनवर जमाल पर ऐतराज़ करने वाले बताएं कि स्वामी जी ने अपने दर्शन का प्रचार विदेशियों में क्यों किया ?
तब वे बताएं कि आखि़र अनवर जमाल अपने ही देशवासियों में ‘अटल सत्य‘ का प्रचार क्यों नहीं कर सकता ?
सबने सोचा कि दुनिया का दुख कैसे दूर किया जाए ?
और जो उन्होंने समझा कि यह हल सही है, उसे सबके सामने पेश किया।
खुद स्वामी जी ने भी यही किया। इस्लाम और मुसलमानों पर उनके विचार उनके साहित्य में संग्रहीत हैं। मुसलमानों को उनके द्वारा लिखे गए पत्र भी सुरक्षित हैं और ऐसा करने वाले वे अकेले विद्वान नहीं हैं।
बहरहाल हम तो यह कह रहे हैं कि देश में करोड़ों देवी-देवताओं की पूजा बंद होनी चाहिए। अगर आप हमारे कहने से ऐसा नहीं करते तो स्वामी जी के कहने से ही ऐसा कर लो।
आज स्वामी विवेकानंद जी जन्म दिवस है। इस अवसर पर गहनता से इस बात पर विचार किया जाए कि उन्हें ढेर सारी इज़्ज़्त और मान्यता देने के बावजूद हिंदू समाज ने उनकी बात पर आज तक अमल क्यों नहीं किया ?
जो हिंदू स्वामी विवेकानंद जी को ज्ञानी मानते हैं वे भी उनके सिद्धांतों का पालन नहीं करते, आख़िर क्यों ?
इसी लेख को मैंने एक और तरह से भी लिखा है। और वास्तव में शुरू में वही लिखा था लेकिन बीच में सिस्टम ठप्प हो गया और जब दोबारा लिखना शुरू किया तो फिर गूगल टाइप में नहीं लिखा। इस तरह आपके विचार व्यक्त करने के तरीक़े और उसकी क्रमबद्धता को यह बात भी प्रभावित करती है कि आप किस टूल का उपयोग कर रहे हैं ?
उस लेख को भी मैं आपके सामने लाऊंगा एक थोड़े से ब्रेक के बाद।
तब तब आप इस लेख का आनंद उठाईये और उस लेख में जो लिंक मैंने दिए हैं। तब तक आप एक नज़र उन पर भी डाल लीजिए।
ये रहे लिंक्स आपके लिए एक ज्ञान भेंट के रूप में। कृप्या स्वीकार करें और इन पर विचार भी करें।
1- http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/standard-scale-for-moral-values.html?showComment=1294670416731#c4645121125829265744

2- Hunger free India क्या भूखों की समस्या और उपासना पद्धतियों में कोई संबंध है ?- Anwer Jamal

3- 'जो ईश्वर मुझे यहाँ रोटी नहीं दे सकता, वो मुझे स्वर्ग में अनंत सुख कैसे दे सकेगा ?' 

4- पछुआ पवन (pachhua pawan)

5- 'क्‍या सांपों को दूध पिलाना पुण्‍य का काम है  ?'
  
6-  http://satish-saxena.blogspot.com/2010/12/blog-post_04.html

7- कहाँ है मानवता ?

8- महंगाई मार गई...!!
अब आप अपने आप से सवाल कीजिए कि-
देश के अन्न में आग लगाना कौन सी समझदारी है ?
एक तो देश में घी का उत्पादन पहले ही कम है और जो है उसे भी देश के फ़ौजियों और बालकों को देने के बजाए आग में डाल दिया जाए। आपकी इन्हीं परंपराओं के कारण पहले भी हमारे देश की फ़ौजे कमज़ोर रहीं और थोड़े से विदेशी फ़ौजियों से हारीं हैं। कम से कम इतिहास की ग़लतियां अब तो न दोहराओ। इन ज्ञान की बातों को समझने की कोशिश ज़रूर करना।
 

4 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!

  1. Anavar jamaal ji.
    ..Aap hinduon ke dharm ki kamiyan, vivekaanad ke saamayik vaktavy, aadi vibhinna baton ko pracharit karake ISLAM ka prachar karana chahate hain...jo islam ke anusar galat hai....
    ----aapne santon, mandir , hinduon ke baare men likhaa---MUMBAI men va vishv men adhikatar MAFIYA va aatankvadi Musalmaan haiN unhen kyon nahee prachar va samjhane ka kary karate.....CHERITY MUST BIGAN FROM HOME---na ki doosaron kaa ghar se...

  2. bahut achchhi bat kah rahe hain aap kintu aapka kataksh jidhar hai vah main to sahi nahi kah sakti kyonki hamare dharm me ye sabhi karya jis uddeshay se kiye jate hain usse sarv-hit juda hai .paryavaran sudhar juda hai yadi aapko kataksh karna hai to hamare un netaon par keejiye jo apne bhare pet me aur anna thoons-thoons kar bhar rahe hain .hamare un vyapariyon par kijiye jinke godam nirantar anna bhandar badhaye ja rahe hain .desh me kisi cheez ki kami nahi hai aur na hi dharm kisi ko bhookha mar raha hai bhookha aadmi hi aadmi ko mar raha hai aur vo bhi apni hawas paise ki shan ki satta ki poori karne ko....

  3. आप कैसे हर लम्हा धीरे-धीरे इस्लाम की ओर बढ़ रहे हैं?
    @ भाई डा. श्याम गुप्ता जी ! आपसे मैं जितना संवाद कर रहा हूं उतना ही ज़्यादा यह साफ़ होता जा रहा है कि आप डाक्टर कहलाते ज़रूर हैं लेकिन आपका अक्षर ज्ञान तक कमज़ोर है। आपने ‘चैरिटी मस्ट बिगिन फ़्राम होम‘ एक अंग्रेज़ी कहावत लिखी और ग़लत लिखी। एक डाक्टर कहलाने वाले व्यक्ति के लिए ऐसी ग़लतियां करना शोभा नहीं देता। लोग देखेंगे तो आपका इम्प्रेशन उन पर ग़लत पड़ेगा।
    आपने बताया नहीं है कि इस्लाम के अनुसार कैसे ग़लत है किसी विद्वान को उद्धृत करके नेकी और भलाई की बात बताना ?
    कृप्या बताएं ताकि मैं उससे बचूं ?
    मैं नहीं चाहता कि मैं कोई काम खि़लाफ़े इस्लाम करूं।
    मेरा संदेश आपकी ही तरह सभी हिंदी जानने वाले पढ़ते हैं। साधु-संत और वेश्याओं से लेकर मुजरिम भी पढ़ते हैं। इसलिए आप यह नहीं कह सकते कि मैं मुजरिमों को नेकी की बात नहीं बताता।
    इस्लामी सिद्धांतों का प्रचार मैं ही नहीं करता बल्कि आप भी करते हैं। कुछ समय पहले तक भारत में चार वर्णों की व्यवस्था थी, ऊंचनीच और छूतछात थी, विधवा का दोबारा विवाह नहीं हुआ करता था बल्कि उसे सती किया जाता था, औरत को संपत्ति में हिस्सा नहीं दिया जाता था, उसे पढ़ने की मनाही थी वग़ैरह, वग़ैरह। इन सब ज़्ाुल्मों को आप हिंदू धर्म का नाम दिया करते थे लेकिन आज ये सब ज़्ाुल्म बंद हो चुके हैं। ख़ुद आप लोगों ने ही इन सब रीति-रिवाजों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और इन्हें छोड़ दिया। आज आप इंसानों को बराबर मानते हैं और औरतों को वे सब अधिकार देते हैं जो कि आदि शंकराचार्य जी ने भी नहीं दिए आज तक। आपको बराबरी और भाईचारे का उसूल कहां से मिला ?
    ज़रा सोच कर बताईयेगा।
    हो सकता है कि आप अपने तास्सुब और अहंकार के कारण न मानें, तब मैं आपको हिंदू सुधारकों के उद्धृण दूंगा जिनमें वे स्वीकार करते हैं कि ये उसूल हमने इस्लाम से लिए हैं। आप भी इस्लाम के उसूलों को अपनाकर ही काम चला रहे हैं वर्ना आप जी ही नहीं सकते। बस आप इस्लाम का नाम नहीं लेते और मैं नाम लेता हूं और बताता हूं कि हां यह उसूल इस्लाम का है।
    काफ़ी सारे इस्लामी उसूल आपकी ज़िंदगी में आ चुके हैं। आपकी धोती, चोटी और जनेऊ आपसे रूख़्सत हो चुके हैं। सबका मालिक एक है, यह भी आप मानने लगे हैं। पहले आप मूर्ति में शक्ति माना करते थे और अब उसे मात्र ध्यान जमाने का एक माध्यम भर मानने लगे हैं। देश में इस्लामी बैंकिंग आने ही वाली है यानि कि आर्थिक व्यवस्था भी इस्लाम के प्रभाव में आने वाली है। ग़र्ज़ यह कि बहुत से चेंज आ चुके हैं लेकिन जिनके पास सोचने समझने की ताक़त नहीं है या फिर उनमें मानने का हौसला नहीं है वे कैसे इस बात को मान सकते हैं कि वे हर लम्हा धीरे-धीरे इस्लाम की ओर बढ़ रहे हैं?

  4. इस्लाम एक प्राकृतिक व्यवस्था है
    @ बहन शालिनी कौशिक जी ! धर्म का उद्देश्य कल्याण है। यज्ञ में अन्न-धन जलाना एक आडंबर है। इसके विरोध में महात्मा बुद्ध आदि विचारक आवाज़ भी उठा चुके हैं और उनके तर्क बल के सामने परास्त होकर वेदवादियों द्वारा कलियुग में यज्ञ आदि न करने की व्यवस्था भी निर्धारित की जा चुकी है। राजनीति हो या व्यापार, जब आप आदमी को जीवन का सही मक़सद और जीवन गुज़ारने की सही रीत नहीं बता पाएंगे तो वह ग़लत ही तो करेगा। आज ग़लतियों का अंबार है और उन ग़लतियों को आज परंपरा का नाम दिया जा चुका है जैसे कि पूस के महीने में नवविवाहित हिंदू दंपत्ति न अपने किसी रिश्तेदार के जा सकते हैं और न ही आप में शारीरिक आनंद ले-दे सकते हैं। आखि़र क्या औचित्य है ऐसे आडंबर का ?
    मेरा एक परिचित युवक है सुदामा यादव। बेचारे की अभी ताज़ी शादी हुई है और दोनों तरफ़ है आग बराबर लगी हुई और तब भी बेचारे आपस में मिल नहीं सकते जबकि इस्लाम में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। सारे सुधारों का मूल इस्लाम है। चाहे आप सीधे मान लें या फिर हल्के-हल्के करके। ये परंपराएं अब और चलने वाली नहीं हैं। आप भी एक नारी हैं। ‘ख़ास दिनों‘ में हिंदू धर्म की जो व्यवस्था है उसे आज आप नहीं मानती हैं और वैसे रहती हैं जैसे कि ‘उन दिनों‘ में इस्लाम बताता है। चाहे आपको पता भी न हो। इसी को कहते हैं प्राकृतिक व्यवस्था। इस्लाम एक प्राकृतिक व्यवस्था है।
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/01/hungers-cry.html

footer

भईया-जन को ये सलाह है की वह LUCKNOW BLOGGERS' ASSOCIATION को Google Chrome ब्राउज़र पर ही खोले जिससे उन्हें ब्लॉग पढने में और अधिक आनंद आएगा !

पाठक आवाजाही

Founder & Convener (संस्थापक व संयोजक)

Founder & Convener (संस्थापक व संयोजक)
SALEEM KHAN

Mr. President

Mr. President
Dr. Mahfooz Ali

Labels

Suman सलीम ख़ान acharya sanjiv 'salil' 'DR. ANWER JAMAL' samyik hindi kavita नवगीत रवीन्द्र प्रभात DR. ANWER JAMAL मुक्तक मुक्तिका लेख शिव ब्लोगोत्सव-2010 contemporaray hindi poetry acharya sanjiv verma 'salil' geet navgeet नया साल Dabir News गीत jabalpur दोहा संस्‍कृतं- भारतस्‍य जीवनम् कविता समीक्षा india प्रबल प्रताप सिंह hindi gazal chhand muktika दोहा सलिला दुबे सरस्वती contemporary hindi poetry hindi chhand ईश्वर कुण्डलिया जीवन दिवाली विज्ञान विमर्श doha sharda कविताएँ कृष्ण नारी हिन्दी EJAZ AHMAD IDREESI LBA रूबरू hindi jangal madhya pradesh. muktak swatantrata divas अविनाश ब्योहार आलेख इतिहास कर्म कार्यशाला दोहा यमक नरक चौदस नव वर्ष बसंत भारत मन महफूज़ अली माया यमक दोहा राधा व्यंग्य सूरज सृष्टि 'Ayaz' 'कामसूत्र' 007 indian bond Dr.Aditya Kumar anugeet bharat chaupade. hindi chaupade. hindi chhnad de. kamal jauharee dogra devki nandan 'shant haiku gazal hindi sattire. nav varsh panee rang sarasvati shabd vandana अगीत अगीत महाकाव्य अभियांत्रिकी अरविन्द मिश्रा अष्ट मात्रिक छंद आतंक-परिवार एक्य ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ल़ा बोर्ड ओबामा कलह कथा कवि कविता दिया काकोरी कांड कान्हा खुदा खेल गज़ल गणतंत्र दिवस गणेश गन्ना ग्यारस ग़ज़ल छंद गाँधी गीत नया साल गुरु चित्रगुप्त चेतन जज्वात जनगीत : हाँ बेटा जहां ज्ञान डा सत्य तसलीस दक्षिण भारत दिल से दिवाली दोहा दीप देव उठनी एकादशी देश दोहा दिवाली दोहा शिव दोहे धन तेरस धर्म धर्म-संस्कृति नवगीत नया साल नेताजी पत्र परिकल्पना पीस पार्टी पुरातत्व पूर्णिमा बर्मन प्रेम प्लीज़ बसंत शर्मा बेटी ब्लागरमीट भक्ति भजन भवन दोहा भाई दूज मानव माहिया मिथिलेश दुबे मुक्तक सलिला यादें रात रूप चतुर्दशी लखनऊ ब्लॉगर असोसिएशन का अध्यक्ष पद लारैब: हर बात हक़ बात शिव दोहा शुभकामनाएं श्रद्धांजलि षट्पदी संस्कृति सत्य समय समीक्षा नवगीत सरस्वती वंदना सुमन लोकसंघर्ष सोरठा सड़क पर हाइकु हाइकु गीत हाइकु सलिला हाथी हिंदी आरती होली ग़ज़ल ' Association का नया अध्यक्ष ' 'Taj mahal' 'The blessings' 'The nature' 'The purification of human heart ' 'Valentine day' 'charchashalimanch के सदस्य बनें और समाज को बेहतर बनाएँ' 'ibadat puja' 'अनाथ बच्चे-बच्चियों की दिल से सहायता करना' 'इस्लाम एक प्राकृतिक व्यवस्था है' 'एलबीए 'एलबीए और हिन्दी की बेहतरी के लिए विदुषी महिला अध्यक्ष' 'औरत' 'कविता' 'कितने ही दर्शन तो ईश्वर का वजूद ही नहीं मानते' 'कीटनाशक' 'क्या ईश्वर भी कभी अनीश्वरवादी हो सकता है ?' 'गुस्सा एक टॉनिक' 'चर्चित ब्लॉगर' 'चौथी दुनिया' 'ज्ञान पाने कि रीत' 'ज्वलंत समस्याओं का निवारण' 'देवता और अवतार' 'देश की अखंडता की रक्षा करने वाले मुसलमान''देश की अखंडता की रक्षा करने वाले' 'देश के शिक्षण तंत्र' 'धरती पर स्वर्ग का साक्षात्कार' 'धर्म पर पाबंदी 'न्याय के गुण से युक्त राजा ' 'पंडित और शास्त्री' 'पसंदीदा ब्लॉगर-समूह' 'पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में पंजाबी भाषा बोली जाती है' 'भाई-बहनों' 'मनोरंजन' 'मुझे सवाल दीजिए मैं आपको जवाब दूंगा' 'मुन्नी बदनाम हुई' 'मुसलमानों का दमन' 'यादगार पोस्ट' 'रामायण की कहानी' 'वर्णवादी' 'विदेशी मुद्रा' 'वेश्यालयों के देश में' 'वफ़ादारी' 'शक है जिन्हें भी दोस्तो हक़ की ज़ात में माँ की नज़ीर ला न सके कायनात में' 'शांति के लिए वेद कुरआन' 'शिरडी' 'शीला की जवानी' 'समाज का सबसे बड़ा विनाशक कट्टरता' 'सय्यद मुहम्मद मासूम साहब को ब्लॉग जगत में एस. एम. मासूम के नाम से' 'सरवरे कायनात' 'हठयोगी शठ योगी महायोगी' 'हिंदी ब्लॉगिंग' 'हिजड़े और तवायफ़ें' 'हृदयरोगियों के लिए' -काफ़िया और व्याकरण 1098 2010 2011 3MUSLIMs 786 : दुबे Article in Print Media DUDHWA Distance Education Dr Zakir Naik ELEPHANT Frauds Ghanshyam Maurya Hazrat Ali (RA) Historical IIT Kanpur Iman Internet Kafir Kisan. bharat LBA की नई समस्यां LBA की नयी अध्यक्षा LBA के मार्ग-दर्शक नीति नियम LBA के हनुमान LBA परिवार Lucknow Lucknow Bloggers' Association Natural way Part Time Instructor Poetess Radio Rishi Sarva Siksha Abhiyan Shorthand Society Standup comedy Stenography TIGER. WILDLIFE. JUNGAL. Tips & Tricks WILDLIFE aag aankh aarati ajadee alankar alvida aman ka paigham amrit anchal anugeet chhand arab india relation arth asmyik hindi kavita atal biharee ayodhya balidan banee basant bhagat azad. bhajan bhasha bhav bimb bhojpuree bhojpuri doha bhoo bhopal book review bundelee chatushpadee chhatisgarhee chunautiyan chunav creation creatior daman dandkala chhand dard dard una ladakon ka desh dharm aur lekhan dhool dhuaan dil doha gazal dohe durmila chhand educational institute in india elegy emaan falak fasal galib ganesh datt sarasvat gantantra divas garal gas treagedy geeta chhand geetika ghalib gulf news haiku hamara dharm harish singh harsh hindee ke haiku hindi laghu katha hindi short story. kargil hindi shortstory hindi smriti geet hinsa aur ham http://sajiduser.blogspot.com/ http://www.sajiduser.blogspot.com/ imarat. india is great india. indian women and arabian shekh indipendence day jabalpur. jannah is man's destination jantantra jhulna chhand kabeer kaikeyee kamand chhand kamlinee kamroop chhand khalish khazana. kiran kriti charcha laghukatha lakhnaoo laloo laxmi lay lokneeti. loktantra lotus love manav mandir manhagaayee marhatha chhand maut meeran krishna megh mekal mirza ghalib narmada neta pakistan pita father's day prakriti prarthna pratibandh pratibha prem pyar quran and gayatri mantra rachna rachnakar radha rajneeti ram janm bhoomi ras sabab sada sakhee salgirah. sanjiv sansadji.com saraswati sat satyagrahee. sanjiv 'salil' shaheed shakeel badyoonee ship shiv shok geet shok samachar sincerity in intention sitasat siya soniya gandhi stuti sundar svasthya aur uchit ilaj svatantrata swaroopanand tadbeer talent. tam taqdeer the world is not enough tomorrow may be or not may be toofan tribhangi chhand ujala ummeed ved and quran ved mantra veenapanee vidyarthiji vivadit maamale aur ham vivek ranjan wildlife DUDHWA अ ध्यक्ष अंग्रेज़ी अंचरा अंतराग्नि अंतर्द्वंद्व अंतर्मंथन अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन अंतस अंधविश्वास अंशकालिक अनुदेशक अखंडता अगीतायन अग्ने अग्रवाल अचेतन अठखेली अति सुखा अभिलाषा अतीत अतुकांत कविता अदा अदावत अनमन अनवर जमाल अनाहत नाद. अनाहिता अनुकूला छंद अनुप्रास अनैतिकता अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस अन्धविश्वास अन्न अन्नकूट अन्ना हज़ारे अन्य कविताएँ अप:तत्व अपरा-शंभु संयोग अपराधीकरण अपशब्द अभिभावक अभियंता अभियान २६-२-२०२१ अभेद बुद्धि अमरकंटक छंद अमरेंद्र अनारायण अमोघ अस्त्र अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' अरमां अर्धनारीश्वर अल्पना अल्लाह अवतार अशांति अशोभनीय - धन अश्वती तिरुनाळ गौरी लक्ष्मीभायी असार असीम आस्था अहं आँख आँवला आंकिक उपमान आंसू आचार्य भगवत दुबे आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" आज आजादी आणविक परिवार आतंक की समस्या आतंक हैरान नज़रें आदत आदि-वाणी आदिशक्ति आभा सक्सेना आभूषण आरक्षण आर्टेमिस आलिंगन आलेख- मत करें उपयोग इनका आल्हा गीत भारतवारे बड़े लड़ैया आवश्यक सूचना आशनां आस्था आज़ाद शहीद दिवस इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर इंडियन ब्लॉगर्स असोसिएशन इच्छा इच्छाएं इन्डली इन्डियन धारावाहिक इन्डिया गेट इमली ईषत इच्छा उ. प्र. राजनीति के ये घोटाले उक्ति उचित मार्ग उत्तर प्रदेश असोसिएसन उत्तर प्रदेश का सच उत्तर प्रदेश ब्लॉगर्स एसोसियेशन उदारीकरण उदासीनता उधार उपन्यासकार और पटकथा उमन्ग उर्दु उल्लाला छंद उषा ऋचाएं ऋतु ऋषि ऋषि अनंग एक तत्व एक रचना आगे मत जा एकाक्षरी श्लोक एतबार एश्वर्य एसिड की शीशी एसे गीत ऐसी तान ओउम ओमप्रकाश तिवारी औरत क्या है कंगना कछारन कथा निराली | कथा-गीत बूढ़ा बरगद कन्घा कन्या भ्रूण-हत्या कब क्या : जनवरी कब्र कर्नाटक कलम कलियुग के मोहन कलुष कल्पना कल्पना रामानी कवि लखनऊ कविता दिया २ कविता दुबे कवित्त कांता रॉय जबलपुर में कागतन्त्र है कागज़-कलम कानून काफिया काम-सृष्टि कामनाएं कामरूप छंद कामिनि कायदे कायस्थ कारण कारण-ब्रह्म कारोबार कार्य कार्यशाला दोहा से कुण्डलिया कार्यशाला : मुक्तक कार्यशाला दोहा से कुण्डलिया कार्यशाला पद कार्यशाला- ​​​​छंद बहर का मूल है- २ कार्यशाला: दोहा - कुण्डलिया कालकांज काव्य और छंद काव्य गोष्ठेी काव्य छंद काव्य शाला काव्यानुवाद किसान किसान माहिया कीर्तिदा कुंभ कुञ्ज गली कुरआन कृष्ण कुमार "बेदिल" कृष्ण कुमार 'बेदिल' कृष्णमोहन छंद कोरोना कौन क्यूं न हुआ क्रमिक विकास क्षणिका खुरचहा पति खुशबू खुशियों की थिरकन खुशी खेल-व्यवसाय खेळ खौफ गंगटोक सवैया गंगा दोहा गंगोदक सवैया गणतंत्र गणतंत्र दोहे गणितीय मुक्तक गरिमा सक्सेना गरीबी ग़ज़ल अंदाज़े-बयाँ गाँव की गोरी गांव की समस्या; लेख;शिव गाय की रोटी गाली गीत चिरैया गीत - सियाहरण गीत : नया साल गीत अम्बर का छोर गीत काम तमाम तमाम का गीत कौन हैं हम? गीत छंद क्या है? गीत जयकार कीजिए गीत दोहा गीत प्रीत की बात गीत राम कहानी गीत सलिला गीत सुग्गा बोलो गीत सूरज उगाएँ गीत हिमालय गीत ज़ुल्फ़ गीत-नवगीत संग्रह सूची २०२० गीत. मोगरा गीत: तुमने बुलाया गीता अध्याय ४ गीता छंद गीति रचना गीतिका छंद गुफ़्तगू गुब्बारे गुमाँ गुमां गूढ़ प्रश्न गेट माहिया गोरस गोष्ठी गौ गौ-रक्षा गौधूली ग्रह ग्लोबलाइजेशन ग्वाल | घण्टा-घर चतुष्पदी चला जारहा कौन चाँद-चकोरी चाहत चिंतन चिकित्सा चित्रगुप्त वंदना चिद-बीज चुनाव और मतदान चूल्हे चौके की खटपट चोंच में आकाश चौपइया छंद छंद विजाति छंद - बहर दोउ एक हैं छंद : कथ्य लय भाव रस छंद अनुकूला छंद अमरकंटक छंद उल्लाला छंद कामरूप छंद काव्य छंद कृष्णमोहन छंद गीत छंद गीता छंद गीतिका छंद चौपइया छंद दोही छंद पीयूषवर्ष छंद बह्र दोउ एक है छंद मानव जातीय छंद विधाता छंद शंकर छंद शाला छंद शाला १ छंद सप्तमात्रिक छंद सलिला १ छंद सवैया गंगोदक छत छत्तीसगढ़ी छाया जग जगदीश व्योम जनतंत्र जनरल जनवरी कब क्या जन्म जन्माष्टमी जप जय हिन्द का सच जल जल -युद्ध ज़ाकिर अली 'रजनीश' जाति धर्म जिंदगी जीवन-घृत जोक्स joks जौहर ज्योति झन्डा रोहण झर-झर टुकड़े टेक्ट टॉप ब्लॉगर टोपी डंके की चोट पर डर डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट में हाथियों की मौत के बाद सरकार को आया होश elephant डॉ. अव्यक्त अग्रवाल डॉ. रविशंकर शर्मा अभिनन्दन डॉ. संतोष शुक्ला तनहाई तन्मात्राएँ तांका सलिला तार्किक तुम तुम कहीं भी हो तुलसी चौरा तूलिका तृप्ति तेरा स्वर नर्तन तेरेी तेवरी त्रिआयामी पदार्थ सृष्टि त्रिपदिक गीत त्रिपदिक छंद त्रिपदिक नवगीत त्रिपदियाँ दक्ष दम दयानंद सरस्वती दरी दर्शन दलाल और खरीददार दलित समाज दहेज़ दायित्व दावानल से गड़बड़ाया दुधवा का पारिस्थितिकीय तंत्र दिया दिया कविता दिल टुकड़े दिल दास्ताँ दिवाली नवगीत दिवाली माहिया दिवाली हाइकु दीप-पर्व दीपक दीपावली दीपित दीया दीवाली दीवाली और दीवाला दुनिया दुबे -कविता दुर्योधन दृष्टा देवता देवी भक्त देश एकता देशद्रोहियों और आतंकवादियों देशफरोश देह व्यापार दोषों को त्याग दोहा ममता दोहा नया साल दोहा भवन दोहा गंगा दोहा गाथा सनातन १ दोहा गीत दोहा दुनिया दोहा भवन दोहा मुक्तिका दोहा सलिला गणतंत्र दोहा सावरकर दोहा स्वास्थ्य दोहा ग़ज़ल दोहांजलि दोही छंद दोहे गणतंत्र दौलत के पुजारी द्रष्टा -दृष्टि द्रोपदी द्रौपदी द्वंद्व द्विपदियाँ द्विविधा धंधा धन धनार्जन धरती धर्म निरपेक्षिता धर्म मानव-धर्म धर्म या अधर्म ?' धर्म राज धर्मराज धांसू धूप -छाँव नए शब्द नक्षत्र नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे नया साल गीत नया साल दोहा नरसंहार नर्मदा नर्मदाष्टक मणिप्रवाल नव अन्न नव गीत आभा सक्सेना नव गीत: सांताक्लाज नव वर्ष काव्य गोष्ठी २०२१ नव-स्रिजन... नवंबर २०२० नवगीत दिन घूरे के नवगीत ना मिटहै अंधेरा नवगीत - गुरु विपरीत नवगीत अपना अपना सच नवगीत अभी नहीं सच हारा नवगीत उठो पाखी! नवगीत और देश नवगीत करना ... सही नवगीत काल है संक्रांति का नवगीत कुछ तो कीजिए नवगीत कौन है जो नवगीत क्यों? नवगीत गोल क्यों? नवगीत घोंसले में नवगीत छोडो हाहाकार मियाँ! नवगीत जगो सूर्य आता है नवगीत त्रिपदिक नवगीत दर्पण का दिल नवगीत दिवाली नवगीत नव वर्ष नवगीत नागफनी उग आयी नवगीत निर्माणों के गीत नवगीत पहले गुना नवगीत भटक न जाए नवगीत भीड़ में नवगीत मिली दिहाडी नवगीत में नए रुझान नवगीत राम बचाए नवगीत रार ठानते नवगीत लोकतंत्र का पंछी नवगीत वह खासों में खास है नवगीत शिव नवगीत संक्रांति काल है नवगीत संग्रह नवगीत सत्याग्रह के नाम पर नवगीत समय वृक्ष नवगीत समीक्षा नवगीत सड़क पर नवगीत सड़क पर... नवगीत: उगना नित नवगीत: उड़ चल हंसा नवगीत: दीन प्रदर्शन नवगीत: नाम बड़े हैं नवगीत: भाग्य कुंडली नवगीत: लोकतंत्र का पंछी बेबस नवगीत: कुण्डी खटकी नवगीत: छोडो हाहाकार मियाँ! नवगीत: बजा बाँसुरी नवगीत: भारत आ रै नवगीत: रब की मर्ज़ी नवभारत टाईम्स नशा नाक की सर्जरी नाग नाभिक ऊर्जा नारि नारी मुक्ति नारी-भाव नाश प्रकृति का निर्निमेष निर्विकार निष्काम कर्म निष्ठुरता नीति व्यवहार नीति-नियम नीति-व्यवहार नीलकंठ नेकियां नेह नर्मदा तीर पर नेह-नाता नैतिकता नैन-डोर नैना नौ कन्या न्यू-ईयर गिफ्ट नज़र नज़ारा पंचौदन अजः पद चिन्ह पद-चिन्ह पद्मिनी परब्रह्म परम-पिता परमाणु परमानंद परमार्थ परलोक परहित पराग पराया-धन पल- छिन पशु पहलू पाँच पर्व पायल पिचकारी पीयूषवर्ष छंद पीर पुरुषार्थ पुरोवाक : यह बगुला मन पुरोवाक ओस की बूँद पुरोवाक केरल एक झाँकी पुरोवाक बुधिया लेता टोह पुरोवाक् पुलिस पूजा पूर्ण-ब्रह्म पूर्णकाम पृथ्वी पैरोडी पोखर ठोके दावा प्यार प्रकृति प्रकृति दोहन प्रकृति बादल प्रजापति प्रणम्य शहीद प्रणय प्रणय -दीप प्रणय के पल प्रतिकण प्रतियोगिता प्रत्रकार प्रदूषण प्रभाव प्रभु प्रभु ज्ञान प्रश्न मन के प्राण शर्मा प्रातस्मरण स्तोत्र प्रिय प्रवास प्रीति के रंग प्रीति-चलन प्रेम के छःलक्षण प्रेम प्याला प्रेम ममता फरवरी कब क्या? फागुन बंगलोर . कर्णाटक बंगालूरू बंधन व मुक्ति नारी बगीचा बच्चे बजरंग बली बद्दुआ बन्गलूरू बबिता चौबे बयान बरसाना बरसानौ बलि बसंत पंचमी बसंत मुक्तक बसंतोत्सव/मदनोत्सव बहादुरी बहु बहुरंगी संस्कृति बांगला बाढ़ ने बिगाड़ा पशुपालन कारोबार बात बापू बाबा अम्बेडकर साहब बाबा संस्कृति बारह-सोलह वर्णिक छंद बाल कविता बाल कविता : तुहिना-दादी बाल कविता अंशू-मिंशू और भालू बाल कविता कौआ स्नान बाल गीत : ज़िंदगी के मानी बाल गीत पाई शाल बाल नवगीत सूरज बबुआ! बासंती दोहा ग़ज़ल बिग-बेंग बिगबेंग बिरसा मुंडा बुंदेली नवगीत बूढ़ा बरगद कथा-गीत बेटियाँ बेदिल बेनज़ाइटन ब्रह्म ब्रह्मजीत गौतम ब्रह्मा ब्रह्माण्ड ब्रिषभानु ब्लागिंग ब्लॉगरों का सम्मान ब्लोग नगरी ब्लोगोत्सव- २०१० भगवती प्रसाद देवपुरा भगवा रंग भवन निर्माण भविष्य भारत आरती भारत की रमणियाँ भारत जय हिन्द भारत भूमि भारत माता भारत रत्न भारतीय मुद्रा पर गाँधी भाव सप्रेषण भाषा भाषा सेतु भाषाविज्ञान भूख भेदाभेद परे भ्रष्टाचार मंजिल मंदिर मस्जिद मटुकी मतदाता मत्तगयंद सवैया मथानी मथुरा मदरसे मधु कल्पना मधुपुरी मधुर मधुर निनाद मन का निर्मलेी मन विहग मन-मीत मनाना मनुहार मनोरंजन मनोरजंन मन्त्र पल मर्दों में यौन कुंठा मर्यादा मलेशिया मस्ज़िद-मन्दिर महक महात्मा गाँधी पर मार्टिन लूथर किंग महादेवी महान देश महिला सेवा समिति महेश महफ़िल माखन माघ माता मात्रा गणना माधुरी गुप्ता मानव -कृत्य मानव के विस्तार मानव जातीय छंद मानो या न मानो माहिया किसान माहिया गीत माहिया दिवाली माहेश्वरी-प्रजा मिट गये मिथिलेश मिथिलेश दुबे मिथिलेश दुब मिथिलेश दुबे लेख महिंला मिलन मिस्र में विद्रोह मीरा मुकतक मुक्तक कार्यशाला मुक्तक छंद सलिला मुक्तक बसंत मुक्तक भूगोलीय मुक्तक में गणित मुक्तक हाइकु मुक्तिका मन से डरिए मुक्तिका हे माधव ! मुक्तिका किस्सा नहीं हूँ मुक्तिका बसंत मुक्तिका मन मुक्तिका यमक मुक्तिका राजस्थानी मुक्तिका रात मुक्तिका व्यंग्य मुक्तिका: न होता मुजाहिद मुन्ना भाई मुरारीलाल खरे मुलाक़ात मुस्कराहट मुहब्बत ए इलाही मुहब्बतनामा मूल मूलभूत सुविधाएं मूल्यांकन मेघ मेरा देश मेरे भैया मेरे मन मेले मैं -तू मैं करता तब मैथुनी-भाव मॉल संस्कृति मोक्ष मोमिन मोर मुकुट मोहन शशि मौसम मौसम अंगार है यकीं यक्ष प्रश्न यक्ष प्रश्न २ यक्ष प्रश्न ३ - जात और जाति यक्ष-प्रश्न यम-यमी यमकमयी मुक्तिका यश मालवीय यशवंत याद में तेरी जाग-जाग के युवा दिवस युवा प्रतिभा सम्मान युवावर्ग यूपीखबर 'DR. ANWER JAMAL' योग भ्रष्ट रंग रस रचना-प्रतिरचना रत्न रपट रमज़ान रवींद्र प्रभात रवींद्रनाथ ठाकुर रवीन्द्र प्रभात रस दोहा रस-राज रागिनी राघवयादवीयम् राजस्थानी मुक्तिका राजेंद्र प्रसाद राणा प्रताप राधा-कान्हा राम राम भक्त राम सेंगर राष्ट्र गान राष्ट्र-प्रेम राष्ट्र-भाषा रिपोर्ट रूह रेलगाड़ी का इतिहास रोजगार रोला रोशन सिंह लक्ष्मी लखनऊ के ब्लॉगर लखनऊ ब्लोगर एसोसिएशन पर विवादित पोस्टों का वहिष्कार होगा--------मिथिलेश लघु नाटिका लघु व्यंग्य विकास लघुकथा लघुकथा एकलव्य लघुकथा लक्ष्यवेध लघुकथा खाँसी लघुकथा समानाधिकार लघुकथा - कब्रस्तान लघुकथा : खिलौने लघुकथा करनी-भरनी लघुकथा खिलौने लघुकथा गुरु जी लघुकथा छाया लघुकथा निर्दोष लघुकथा मुस्कुराहट लघुकथा: निपूती भली थी लज्जा ललिता लहर लाइब्रेरी लाल किला दिल्ली लालू लावणी लास लीला लेख विश्वास का संकट लेख : भाषा और लिपि लेख इलाहाबाद और छायावाद लेख दोहा लेख फागें लेख भाषा लोकसभा वतन वन नीति में बदलाव की जरूरत वन्दे मातरं वन्दे मातरम वरदान वर्णिक छंद बारह-सोलह वर्तमान वह कल वाक्-आउट वादाये वफ़ा वायु वार्तालाप वासव जातीय छंद वासवी-निषंग वास्तव जातीय छंद वास्तु सूत्र विकास विकृति विखंडन-संयोजन विचार सलिला विचित्र किन्तु सत्य विजाति छंद वितान विद्वान् विधाता छंद विधिना विधु बदनी विमर्श नवगीत में पंक्ति विभाजन विमर्श हिंदी- समस्या और समाधान विमर्श - कविता क्या विमर्श : जौहर विमर्श : शब्द और अर्थ विमर्श गाँधी विमर्श- श्रवण कुमार विरज़ विरासत विलोम काव्य विलोम पद विवेकानंद विश्लेषण विष्णु विष्णु का चक्र विहान वीर वीर जवान वीर-प्रसू वीराना वीरों के गीत वेंकटाध्वरि वैदिक ज्ञान व्यंग्य कविता व्यंग्य मुक्तिका व्यक्त वफ़ादारी शंकर शंकर छंद शक्ति शब्द चित्र शब्द सलिला शराबी ब्लॉगर्स शशि शशि पुरवार शास्त्र शिकायत शिक्षक दिवस शिक्षक-दिवस. शिक्षक-स्नातक निर्वाचन शिक्षा शिरीष शिव दोहावली शिव नवगीत शिव हाइकु शिवम् मिश्रा शिशु गीत शील शुद्धतावादी शुभकामना सन्देश शूरवीर शेयर शेर शेष-ब्रह्म शौर्य के स्वर श्याम श्याम लाल उपाध्याय श्याम सवैया श्यामली सखी श्यामा श्यामान्गिनी श्रध्दांजलि श्री कान्त श्रीकृष्ण और जीवन मूल्य श्रुति कुशवाहा श्रुति-सम्मत श्रृंगार श्रृद्धा श्रेय-प्रेय श्रेष्ठता षटपदी षड्यंत्र संकट हरण संक्रांति संक्षिप्तता संत साहित्य संतान संतोष भारतीय संदेह संध्या सिंह संरक्षण संस्कार संस्मरण सखि सखी सत्कर्म सद-नासद सदस्य बनिए सदा सदाधार सद्दाम का इराक सन्त कंवर राम सन्त साहित्य परम्परा सन्देश सपना सप्त मात्रिक छंद सप्ताह की श्रेष्ठ पोस्ट सबरीमाला समता समलैंगिकता समस्या समाचारपत्र कतरन समाधिया समानार्थी शब्द समीक्षा 'गज़ल रदीफ़ समीक्षा - कशमकश समीक्षा अंजुरी भर धूप समीक्षा अप्प दीपो भव कुमार रवीन्द्र समीक्षा एक बहर पर एक ग़ज़ल समीक्षा कहानी समीक्षा चुप्पियों को तोड़ते हैं समीक्षा डॉ. रमेश खरे समीक्षा राजस्थानी साहित्य में रामभक्ति-काव्य समीक्षा ग़ज़ल व्याकरण सम्मान प्राप्त सर सरस्वती चन्दौसी सरस्वती जैन पंथ सर्दी सर्वत एम० सर्वश्री रविन्द्र प्रभात सलिल सलिल की रचनाएँ सलिल २० जून सलीम अख्तर सिद्दीकी सलीम अख्तर सिद्दीक़ी सलीम भाई सलीम भाई और अनव भाई सवैया गंगोदक सवैया सुमुखी सहारनपुर सांझ सांवरी सांस्कृतिक समारोह साक्षात्कार : सलिल - मनोरमा जैन पाखी सागर साड़ी साध्वी सामयिक कविता मचा महाभारत भारत में सामुदायिक ब्लॉग साया सार सार्थकता सावरकर दोहा साहित्य साहित्यकार दिवस साहित्यिक कविताएँ सिंगापुर सिद्धि सिद्धि-प्रसिद्धि सिनेमा सीता सुख सुख-दुःख सुख-शान्ति सुखन सुगति छंद सुधार सुनीता सिंह सुभाष चन्द्र बोस सुभाषचंद्र बोस सुमित्र दोहा संकलन सुमुखी सवैया सुरेश कुमार पंडा सुरेश तन्मय सुहाने रितु सूरज तसलीस सेवा समितियां सेवानिवृत्ति सौर-ऊर्जा स्तवन शरणागत हम स्थित-प्रज्ञ स्थिति-प्रग्य स्नेह और सहयोग स्पर्श स्पेसिंग स्फुरणा स्मरण स्वतंत्रता दिवस पर लेख प्रतियोगिता स्वतन्त्रता प्रश्न स्वामी स्वार्थ सड़क हरबिंदर सिंह गिल हरसिंगार हरियाणवी हाइकु हरियाली हरीश सिंह हस्तिनापुर की बिथा कथा हस्तिनापुर की बिथा-कथा हाइकु गीत हिंदी हाइकु दिवाली हाइकु मुक्तक हाइकु शिव हाइकु सलिला:संजीव हाइकु हरियाणवी हाइगा हाइड्रोजन हारि हास्य कविता हास्य कविताएँ हास्य मुक्तिका हास्य रचना मेला हिंदी हिंदी : चुनौतियाँ और संभावनाएँ हिंदी दोहा हिंदी वंदना हिंदी वैभव हिंदी हाइकु गीत हिंदी ग़ज़ल हिंदुस्तान हिंदुस्तान की आवाज़ हिन्दी गुलामी का शिकार हिन्दी सेवा समितियां हिन्दू-मुस्लिम एकता हिन्‍दुस्‍तान हिमवान हिमालय हिरण सुगंधों के हिरण्यगर्भ हीलियम हुमायूँ का मकबरा हुश्ने मतला हे माधव हेमा अंजुली हेमांड होठों की छुअन होली का आमंत्रण LBA परिवार को. होस्टल ग़ज़ल दोहा ज़िंदगी ज़िन्दाकौम फ़ितरत ​​लघुकथा- कतार ‘बिहारी‘ ‘ब्लॉग की ख़बरें‘

ऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
ALL INDIA BLOGGERS' ASSOCIATION

ब्लॉगर्स बन्धुवों !
आप सभी को हर्ष और बधाई के साथ यह सूचना देना चाहता हूँ कि LBA अपनी सफलता के उस मुक़ाम तक आ चुका है कि इसकी सदस्यता संख्या अपने चरण तक पहुँच चुकी है और जो ब्लॉगर्स बन्धु इससे जुड़ने की इच्छा रख रहे हैं और जिनके मेल मुझे मिल रहे हैं उसको मद्देनज़र रखते हुए नयी सदस्यता के इच्छुक ब्लॉगर्स को एक और भी शक्तिशाली और नया मंच का गठन आज किया जा रहा है जिसका नाम है 'ऑल इंडिया ब्लॉगर्स असोसिएशन' अर्थात AIBA ! इस मंच का हिस्सा सभी भारतीय बन सकते है, फ़िर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहें हों !!!
सभी ब्लॉगर्स से निवेदन है कि वे इस मंच के सदस्य बनकर देश, समाज और मानवता के हित में अपना योगदान दें. इच्छुक ब्लॉगर्स यहाँ अपना ईमेल एड्रेस दर्ज करा कर सदस्य बन सकते हैं.
शीघ्र ही इसकी देखरेख के लिए आवश्यक पदों की निर्माण-प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी. ब्लॉग पर पहुँचने के लिए यहाँ क्लिक करें.
Please Email me for more details at swachchhnsandesh@gmail.com