ननिहाल में बच्चों को बहुत छुट मिली होती है, ख़ासकर बचपन और किशोरावस्था में. इसी तरह एक किशोरी को अपने ननिहाल के पडोसी के लड़के से इश्क हो गया. किशोरी ने लड़के से कहा कि तुम टटिया (फूस की दिवार) को खुसराना (खकोड़ना) तो मैं तुमसे मिलने आ जाउंगी.
इस तरह से उस लड़के ने तयशुदा कार्यक्रम के तहत टटिया खुसकाई, तो किशोरी ने कहा-लगता है कुत्ता है और धत-धत बोलते हुए दिवार कि तरफ बढ़ी...
इस पर नानी ने कहा---
ईहे करत मोर जनम सियाने
ईहे करत मोर गयी जवानी
अपने यार से कराs इसारा
हमसे कहत बनाई कहानी
टटिया केs खुसराई नानी
ha.. ha..ha..
chori pakdi gae .
ये ही तो अनुभव की बात है भइये....
अब तो रोज नए टिप्स आ जाते हैं, मोबाइल पर.