मैंने इस ब्लॉग के सभी सदस्यों से एक निवेदन किया था और इसको सुचारू रूप से चलाने के लिए एक आचार संहिता की रूपरेखा संयोजक महोदय को प्रेषित की थी और उन्होंने आप लोगों को. लेकिन कई दिनों के बाद भी उस पर आप लोगों की सहमति उन तक नहीं पहुंची है और मैं उसको पोस्ट करने में खुद को असमर्थ पा रही हूँ. एक अनुशासन खुद हमारे बीच होना अत्यंत आवश्यक है . मुझे न तो ये पता है कि हमारे ब्लॉग के कार्यकारिणी के अन्य सदस्य उससे सहमत हैं या नहीं. अगर नहीं तब भी आपको अपने सुझाव देने चाहिए थे.. मौन किसी प्रश्न का उत्तर नहीं होता है.
मैं आप सभी की सहमति या फिर असहमति के साथ सामंजस्य करने के लिए इस उत्तर का इन्तजार कर रही हूँ. अगर मुझे इसका कोई भी उत्तर नहीं मिलता है तो फिर मैं आपकी सहमति समझते हुए आचार संहिता को पोस्ट के रूप में डाल दूँगी.
सहयोग अपेक्षित है.
--रेखा श्रीवास्तव
मैं आप सभी की सहमति या फिर असहमति के साथ सामंजस्य करने के लिए इस उत्तर का इन्तजार कर रही हूँ. अगर मुझे इसका कोई भी उत्तर नहीं मिलता है तो फिर मैं आपकी सहमति समझते हुए आचार संहिता को पोस्ट के रूप में डाल दूँगी.
सहयोग अपेक्षित है.
--रेखा श्रीवास्तव
aap aisa hi karen.
मैं मिथिलेश दुबे कार्यकारिणी सदस्य (एल बी ए) जिनसे एक बार भी नहीं पुछा गया कि प्रभात जी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद ये पद किसे देना चाहिए या कौन इस पद को संभाल सकता है । मुझे रेखा जी, मासूम जी को पद दिए जाने से कोई एतराज नहीं है लेकिन पदाधिकारी या सदस्यों के क्या अधिकार है??? तो क्या भरोसा करना चाहिए कि बनने वाली आचार संहिता सर्वसम्मति से बन पायेगा ??
@रेखा दीदी
आपका मेल मुझे मिला था जिसके प्रत्युत्तर में मैंने आपसे अन्य सदस्यों (पदाधिकारियों) से निति-नियम के सुझाव हेतु मेल करने को कहा था. शयेद आपने पढ़ा होगा !मार्च के प्रथम सप्ताह तक यह लागू हो इससे पहले मुझे अन्य सदस्यों (पदाधिकारियों) से निति-नियम के सुझाव की महति आवश्यकता है. अब चूँकि इस बारे में सार्वजनिक रूप से आपने पोस्ट डाल ही दी है तो इसी पोस्ट के प्रत्युत्तर में मैं आप सभी से यह कहना चाहता हूँ कि अपने अपने सुझाव मुझे swachchhsandesh@gmail.com पर मेल करें. LBA के पदाधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे 28 फ़रवरी के पहले अपने अपने सुझाव मुझे मेल कर दें ताकि उसे लागू किया जा सके.
आपका छोटा भाई
सलीम ख़ान
swachchhsandesh@gmail.com
@मेरे अनुज व दोस्त मिथिलेश !
आप को अच्छी तरह पता है आपका बड़ा भाई कोई भी फ़ैसला ग़लत नहीं लेता जैसा कि आपने अपनी टिपण्णी में भी कहा है कि रेखा जी और मासूम भाई के चयन पर आपको कोई आपत्ति नहीं है. यही नहीं आपके चयन का फ़ैसला भी मेरा निजी मत था जिसके लिए मैंने तात्कालिक अध्यक्ष से भी कोई सहमती नहीं ली, परिवार के मुखिया के कुछ फ़ैसले वही पूर्ण रूप से निजी रूप से लेता है. आप मेरे साथ कंधे से कंधा मिला अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं, उम्मीद है आगे भी निभाते रहेंगे. AIBA के गठन की ख़बर भी सबसे पहले आपको ही दी. आपने भी लक्षमण की तरह मेरे हर एक फैसले का सम्मान किया है और मुझे पूरा यकीन है कि आगे भी ऐसे करेंगे.
@ख़ैर ! अब आपसे यह बड़ा भाई कहता है कि आप 28 फ़रवरी से पहले मुझे अपने सुझाव अवश्य दें दें!!!
आपका बड़ा भाई
सलीम ख़ान
swachchhsandesh@gmail.com
अध्यक्षा जी ,
बड़े खेद के साथ आप को सूचित कर रहा हूँ कि जिस मेल का आपने यहाँ जिक्र किया है वैसी कोई भी मेल मेरे पास नहीं आई है !
क्यों ... इस का जवाब या तो आप दे सकती है या वो जिस को आपने यह ज़िम्मेदारी दी !
क्यों कि सदस्यों की सूचि में अब भी मेरा नाम यहाँ दिख रहा है इसका मतलब है कि मुझे अभी तक LBA का सदस्य माना जा रहा है तो फिर एक सदस्य के रूप में मैं अपने अधिकार सहित यह जानना चाहूँगा कि किस कारण से मुझे मेल नहीं भेजी गई है ?
जब आप यह अच्छी तरह से जानती है कि मैं LBA से केवल आप के कहने के कारण ही रुका हुआ हूँ फिर इस बेरुखी की क्या वजह है ?
एक बात और कहना चाहूँगा आपने अपनी पोस्ट में लिखा है कि आपने सलीम जी को आचार संहिता की रूपरेखा भेजी थी ... पर यहाँ उन्होंने ने बाकी सदस्यों से सुझाव मांगे है ... आखिर मामला है क्या ??
क्या LBA का सदस्य यही तै करता रह जायेगा कि उसको करना क्या है ?
ऐसे में कोई भी आखिर LBA से क्यों जुड़ा रहे ?
एक अध्यक्ष ने अभी अभी इस्तीफा दिया है क्यों यह आज तक पूरी तरह से साफ़ नहीं है ... आपने पद संभाला है और आज आपकी इस पोस्ट से लग रहा है कि आपमें और संयोजक महोदय में ही अभी सामंजस्य नहीं बना है बाकी सदस्यों को तो खैर जाने ही दीजिये !
आशा है आप मुझे यह बताने का कष्ट करेंगी कि यह सब और कितने दिन चलना है !
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
मैनपुरी, उत्तर प्रदेश
संस्थापक और अध्यक्षा मिल के तै कर लें और यहाँ सभी को बता दें . सभी की सहमति या फिर असहमति पूछने की आवश्यकता नहीं.
मासूम भाई,
सबसे पहले आपको मिलाद उल नबी पर मेरी हार्दिक बधाई.
मैंने अपने विचारों को संयोजक जी के पास भेज दिया है और अब उनसे ही सहमति का इन्तजार है. शेष पोस्ट पर आने पर हमारे माननीय सदस्य अपनी राय डे सकते हैं और उसमें संशोधन तदनुसार किया जा सकता है. आचार संहिता कोई ऐसा दस्तावेज नहीं है जिस पर बहुत अधिक बहस की जरूरत हो. आचार सबके लिए समान ही होते हैं .