इसे LBA परिवार के एक ब्लागर की ऐसी शादी को देखकर जाना जा सकता है जो कि वैलेंटाइन डे पर अंजाम पाई ।
डाक्टर अयाज़ साहब के दाढ़ी भी है और वो नमाज़ भी पाबन्दी से अदा करते हैं लेकिन फिर भी एक पढ़ी लिखी लड़की ने उनसे निकाह करना क़ुबूल कर लिया, कारण यह रहा कि वे दूसरी ख़ूबियों के अलावा आत्मनिर्भर भी हैं ।
आजकल लोग यह समझते हैं कि जो दाढ़ी रखता है उसका रिश्ता होना भी मुश्किल है , शादी की बात तो बहुत दूर है.
इसी वजह से लोग दाढ़ी नहीं रखते या रखते हैं तो आमिर खान स्टाइल में रखते हैं .
लेकिन भाई डाक्टर अयाज़ साहब ने विवाह और फिर अपनी नई नवेली पत्नी से प्रेम करके साबित कर दिया कि दाढ़ी शादी में बाधक नहीं है.
अब जो भी चाहे दाढ़ी बेखटके रख सकता है.
डाक्टर साहब का निकाह बरोज़ इतवार 13 फ़रवरी 2011 को दिल्ली कि एक लड़की से दस्तूर के मुताबिक हुआ और उनका वलीमा कल बरोज़ मंगल हुआ .
उनका भी मंगल हुआ और दावत खाने वालों का भी मंगल हुआ और अब जो कुंवारे बचे रह गए हैं , मालिक जल्दी से उनका भी मंगल कर दे .
दोस्तों , जितनी जल्दी हो सके विवाह प्रेम कर लो वरना प्रेम विवाह के लायक बचोगे नहीं और ढलती हुई उम्र में कोई विवाह आपसे करेगा नहीं.
आजकल लड़कियों का टोटा वैसे ही चल रहा है.
LBA परिवार की तरफ से हम डाक्टर अयाज़ साहब को मुबारकबाद देते हैं .
उम्मीद है कि जल्दी ही उनकी रचनात्मक प्रवृत्ति का पता भी चल जायेगा .
Please see also
The meaning of love in Islam
IT is so common that the meaning of love has been restricted in the modern age to the love relationship between a man and a woman. This is a very narrow-minded view of love. Islam has is own comprehensive view of love.The first type of love that Islam calls for is the Love of Allah, praise be to Him. This love makes you avoid committing sins in order not to make whom you love, Allah, get angry with you. This love also urges you to contemplate all the different aspect of nature that usually lead you to have a deeper faith in the Creator who created all this beauty round us.
The second type of love is the love of Prophet Muhammad (peace be upon him). This love also makes you follow the example of Prophet Muhammad (peace be upon him) in all his dealings and manners. Also this love is an indication of the love of Allah as stated in the Holy Qur'an, "Say: 'If you do love Allah, Follow me: Allah will love you and forgive you your sins: For Allah is Oft-Forgiving, Most Merciful.'" Say: "Obey Allah and His Messenger: But if they turn back, Allah loves not those who reject Faith." (Qur'an, 3:31-32)
The third type of love is human love. It means that the Muslim has to love his other fellow men regardless of their ethnic, linguistic or cultural background. This includes love of neighbors, colleagues, relatives and even strangers. This type of love persuades the Muslim to help anybody whenever he can. There are numerous of Ahadith that exhort Muslims to help anybody who really needs help because such an altruistic act takes the Muslim one step closer to Allah.
The fourth type of love is the love between a man and a woman, but Islam organizes and regulates these lofty feelings within the framework of marriage because Islam views that marital love leads the couple to have a peaceful and happy family life, which is the core of the Muslim society.
In other words, this love is acceptable as long as it is within the framework of marriage and this is encouraged in a number of verses in the Holy Qur'an, "And among His signs is this, that He created for you wives from among yourselves, that you may find repose in them, and He has put affection and mercy between you: verily in that are indeed signs for those who reflect: (Qur'an, 30:21)
http://thebeautyof-islam.blogspot.com/2008/06/meaning-of-love-in-islam.html
dr.ayaz sahab ko bahut bahut badhai...
@ शालिनी जी ! मालिक वह दिन जल्दी लाए जब हम आप दोनों बहनों को भी बधाई दे सकें ।
हमने आपसे पूछा था कि शिखा जी ऐसा क्यों मानती हैं लेकिन आपने बताया ही नहीं ?
वैसे आप दोनों में बड़ा कौन है ?
और यह कि क्या आप U. P. में ही रहती हैं ?
dr.ayaz sahab ko bahut bahut badhai...
dr.ayaz sahab ko bahut bahut badhai...
शालिनी जी , अनवर साहब, एजाज़ साहब और शिव शंकर जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
कमाल है/ कैसा जमाना आन पडा मियाँ कि गधों के भी निकाह होने लगे/
अल्लाह खैर करे/
वाह कृष्ण जी आपने अपनी बात बता ही दी आपका आचरण सचमुच गधे वाला ही था 16000 से अधिक रानी (रखैल) रखना किसी इंसान का तो काम लगता नही । और उनका सबसे चर्चित प्रेम अपनी मामी राधा के साथ ही था यह किसी गधे का काम ही हो सकता है इसलिए कि इससे तो निकाह संभव ही नही था।