भारतवर्ष का धर्म उसके पुत्रों से नहीं , उसकी
संस्कारवान कन्याओं से ठहरा हुआ है | यदि भारत की
रमणियाँ अपना धर्म छोड़ देतीं तो अब तक भारत नष्ट
होगया होता |
संस्कारवान कन्याओं से ठहरा हुआ है | यदि भारत की
रमणियाँ अपना धर्म छोड़ देतीं तो अब तक भारत नष्ट
होगया होता |
---महर्षि दयानंद सरस्वती
hardcore fact n truth of life...but mens also the basic supporting pillars...they r also praiseworthy...why always womens r taken as grant..