मूली की नेवार प्रजाति जो कभी जौनपुर कि शान रही थी आज तलाशने पे भी नहीं मिलती.नेवार के नाम से मशहूर मूली का अब अता-पता नहीं .शहरीकरण जौनपुर की पहचान रही इस प्रजाति को निगल गया .यह मूली अपने बड़े अकार और मीठे स्वाद के लिए मशहूर थी. आप को जान के आश्चर्य होगा कि यहाँ की मूली छह से सात फीट लंबी व ढाई फीट मोटी होती थी. इस मूली को जौनपुर की सीमा से लगे आधा दर्जन गांवों में उगाया जाता था. इन सभी गांवों के करीब से गोमती नदी बहती है. लिहाजा सिंचाई के भरपूर साधन रहे हैं. अपनी भौगोलिक परिस्थिति और खास किस्म की मिट्टी के चलते नेवार प्जाति की मूली जौनपुर में ही होती है.
नगर के खासनपुर मोहल्ले के खेतो में पैदा हुई इन मूलियों का कद करीब तीन दषक पूर्व इसका चार गुना हुआ करती थी। लेकिन बदलते जलवायु और तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के चलते आज यह पोलियोग्रस्त हो गया हैं। पहले इन मूलियों की खेती गोमती नदी के किनारे बसे बलुआघाट,ताड़तला,पानदरीबा, मुफ्ती मोहला,मुल्ला टोला समेत दर्जनो गांवो के किसान करते थे। लेकिन बढ़ती आबादी के चलते मूलियों के खेतो में कंकरीट के जंगल बिछ गये हैं। फिलहाल कुछ जागरूक किसान अपने पूर्वजो की खेती और जौनपुर की पहचान को संरक्षित करने के लिए आज भी इन नेवार प्रजाति की मूली की खेती कर रहे हैं।
कृषि वैज्ञानिक एस पी सिंह के अनुसार....
फिलहाल कुछ किसान जौनपुर मूली की पहचान बनाने में कामयाबी हासिल कर रखी है। जल्द ही शासन प्रषासन ने इस तरफ ध्यान नही दिया तो यह पूरी तरह नेस्त नाबूत हो जायेगा।
मूली की इस नेवार प्रजाति को बचाने की हर हाल में कोशिश की जानी चाहिए .
साभार : www.jaunpurcity.in
बदलते पर्यावरण, पैदावार बढ़ाने के चक्कर में हाइब्रिड नस्लों के चलन और भूमि की बढ़ती विषाक्तता के कारण कई पुरानी अनाज एवं सब्जियों की प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। इसका कुछ करना होगा।
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