प्रेरणा अर्गल जी और डॉ.अनवर जमाल जी की ये संयुक्त प्रस्तुति बहुत ही सार्थक पहल है और जिस शालीन ढंग से यहाँ ब्लोग्स की पोस्ट की चर्चा की जाती है वह सारे ब्लॉग जगत में सराहनीय है.सही कहा कि जब त्यौहार साथ साथ हो सकते हैं तो हम उन्हें साथ साथ मनाने से गुरेज़ क्यों करें.हम तो अपने बचपन से ही सारे त्यौहार साथ साथ मनाते रहे हैं और यदि ईश्वर की और इस धरती पर बसे सत्पुरुषों की कृपा दृष्टि यूँ ही बनी रही तो सारी जिंदगी हम मिल जुल कर ही अपने जीवन को हंसी ख़ुशी बिताना चाहेंगे.
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Happy Janmashtami & Happy Ramazan
यही तो हिन्दुस्तान कि खासियत है कि सभी धर्म के लोग यहाँ एक दूसरे के त्योहारों मैं शरीक होते हैं, बधाई देते हैं. इस से आपस का प्रेम बढ़ता है. रमजान के मुबारक दिनों मैं आखरी सप्ताह कि बहुत ही अहमियत है. इस सप्ताह अल्लाह कि इबादात आप कि दुनिया और आखिरत दोनों सुधार देती है. हाँ इस सप्ताह मैं एक दुखद घटना भी है और वो है मुसलमानों के खलीफा हज़रत अली (अ.स) कि शहादत २१ रमजान (इस वर्ष २२ अगस्त को २१ रमजान थी).
unity in diversity... ek desh mazhab anek... kitna achha hai ki hum sab ek doosre ke sath mil ker sare tyohaar manate hain....