संजीव 'सलिल'
*
झिलमिलायीं
दीपकों की कतारें
खिलखिलायीं.
*
सूरज ढला
तिमिर को मिटाने
दीपक जला.
*
ओबामा बम
नेताओं की घोषणा
दोनों बेकाम.
*
मना दिवाली
हो गयी जेब खाली
आगे कंगाली.
*
देव सोये हैं
जागेंगे ग्यारस को
पूजा कैसे की?.
*
न हो उदास
दीप से बोली बाती
करो प्रयास.
*
दीपों ने घेरा
हारा, भागा अँधेरा
हुआ सवेरा..
*
भू पर आये
सूरज के वंशज
दीपक बन.
* महल छोड़
कुटियों में जलते
चराग हँसते.
*
फुलझड़ियाँ
आशाओं की लड़ियाँ
जगमगायीं.
*
बन अचला
तो स्वागत, वर्ना जा
लक्ष्मी चंचला.
*
किसी की सगी
ये लक्ष्मी नहीं रही
फिर भी पुजी.
*
है उपहार
ध्वनि-धुआँ प्रदूषण
मना त्यौहार.
*
हुए निसार
खुद पर खुद ही
हम बेकार.
*
लिया उधार
खूब मना त्यौहार
अब बेज़ार.
*
१०-११-२०१०
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