मुक्तक:
हमको फ़ख़्र आप पर है, हारिए हिम्मत नहीं
दूरियाँ दिल में नहीं, हम एक हैं रखिये यकीं
ज़िन्दगी ज़द्दोज़हद है, जीतना ही है हमें
ख़त्म कर सब फासले, हम एक होंगे है यकीं
*
नींद उड़ानेवाले तेरे सपनों में सँग-साथ रहूँ
जो न किसी ने कह पायी हो, मन ही मन वह बात कहूँ
मजा तभी बिन कहे समझ ले, वह जो अब तक अनजाना
कही-सुनी तो आनी-जानी, सोची-समझी बात तहूँ
*
0 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!