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नरेंद्र भूषण जी
शेष सभी कवि 'नर' सलिल, अब पढ़ रहे नरेंद्र।
भूषण कविता कुञ्ज के, सुर में पढ़ें सुरेंद्र।।
भूषण कविता कुञ्ज के, सुर में पढ़ें सुरेंद्र।।
गोविन्द रस्तोगी जी
गुरु सम हैं गोविन्द जी, माखन-मिसरी गीत।
सुने धन्य हो हम सभी, शब्द-शब्द है प्रीत।।
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कुलदीप नारायण जी
कवि कुल को उजियारते, उत्तम कवि कुलदीप।
गीत-समुद से लाए हैं, रचना मोती-सीप।।
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मनमोहन बाराकोटी जी
मनमोहन मनमोहते, सुना लखनवी गीत।
बात निकल कर दूर तक, जाती उत्तम रीत।।
दीपिका जी
दीप्ति बिखेरें दीपिका, रचना लिए उजास।
कथ्य भाव रस बिंब लय, दे अधरों को हास।।
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राजीव प्रखर जी
गीत सलिल में खिल रहा, शब्द-शब्द राजीव।
श्रोता-मन को कर रहा, विहँस प्रखर संजीव।।
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मनमोहन माखन लिए, भूषण सम गोविन्द।
प्रखर दीपिका बिखेरें, कुलदीपक अरविन्द।।
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