इतिहास - विरासत
नेशनल स्टेडियम के अंदर शाम को हुई थी पहली परेड
आजादी के बाद तत्कालीन गवर्नर सी. राजगोपालाचारी ने सुबह १० बजकर १८ मिनट पर भारत को गणराज्य घोषित किया।
छह मिनट के भीतर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। गणतंत्र दिवस समारोह पहले से तय था। दोपहर २ बजकर ३० मिनट पर राजेंद्र बाबू बग्घी में सवार होकर गवर्मेंट हाउस (राष्ट्रपति भवन) से निकले।
कनॉट प्लेस जैसे नई दिल्ली के इलाकों का चक्कर लगाते हुए ३ बजकर ४५ मिनट पर पुराने किले के पास स्थित नेशनल स्टेडियम पहुंचे। यह मैदान तब इरविन स्टेडियम कहलाता था। राजेंद्र बाबू जिस शाही बग्घी में सवार हुए थे वह ३५ साल पुरानी थी। छह ऑस्ट्रेलियाई घोड़े उनकी बग्घी को खींच रहे थे।
पहले समारोह के लिए प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को न्यौता दिया था। परेड स्थल पर राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू को शाम के वक्त ३१ तोपों की सलामी दी गई थी।
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