बीजयुक्त लक्ष्मी सूक्त- १५
ॐ वं श्रीं वं ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं गृह गृहलक्ष्म्ये स्वाहा श्री ॐ
या सा पदमासनस्या विपुल कटि तटी पदम्पत्रायताक्षी!
गंभीरा वर्तनाभिस्तनधनन मिता शुक्ल वक्त्रोत्तरीया!!
ॐ वं श्रीं वं ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं गृह गृहलक्ष्म्ये स्वाहा श्री ॐ
0 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!