भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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भारत की जन वाणी हिंदी, बने विश्व की वाणी हिंदी
वाग-ईश्वरी की वीणा से , प्रगटी शुभ कल्याणी हिंदी
सात समंदर पार ध्वजा हिंदी लहराये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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श्री जी की अनुकम्पा पाई , दर पर धूनी बैठ रमाई
हिंदी गद्य-पद्य की समिधा, संपादन की ज्योति जलाई
अष्ट छाप कवियों के चरित लुभाये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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तेरह अक्टूबर उन्नीस सौ सत्ताईस को प्रगटे
रत्न कुँवर-लक्ष्मीचंद्र सुत सूरज के सम विकसे
बन शिक्षा अधिकारी हिंदी मैया के गुण गाये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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बच्चे - बच्चे के मन में निज देश प्रेम पनपाया
लिख कहानियाँ स्वाभिमान का सबको पाठ पढ़ाया
हिंदी-सौतन अंग्रेजी से हँस जी भर टकराये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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कवि संतों पर दिव्य ग्रंथ संपादित कर छपवाए
भौतिकता के अंधकार में मानस दीप जलाए
अष्टछाप कवियों के जीवन चरित उभरकर आये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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श्री जी के श्री चरणों में शत हरसिंगार चढ़ाए
शारद सुत पाने प्रसाद आकर झूमे हर्षाए
हिंदी शोभा यात्रा ने संकल्प सुदृढ़ करवाये
भगवती प्रसाद जी हिंदी के हित आये
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वीरभूमि के हे सपूत
अभिनंदन
मरुस्थली को बना गए नंदन वन
मधुर याद तव बनी प्रेरणा सलिला
हम सब आए लिए भावना चंदन
भक्त नाथजी के हम शीश नवाएँ
देवपुरी में देवपुरा फिर पाएँ
श्याम संग प्रद्युम्न करें यह वादा
दादा की यादों के दीप जलाएँ
कदम कदम रख साथ हमें चलना है
हिंदी का ध्वज सब जग में फहरायें
दादा के जो काम रहे हैं बाकी
उन्हें पूर्ण कर श्रद्धा सुमन चढ़ायें
भगवती प्रसाद जी हिंदी रत्न हमारे
डाक टिकट उन पर शासक गण लायें
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भगवती प्रसाद देवपुरा
जन्म - १३ - १० १९२७ जहाजपुर, भीलवाड़ा।
आत्मज - रतनकुँवर - लक्ष्मीचंद्र देवपुरा।
पत्नी - लक्ष्मी देवी देवपुरा।
शिक्षा - एम्. ए., बी. एड., साहित्यरत्न।
संप्रति - शिक्षा प्रसार अधिकारी। प्रधानमंत्री साहित्य मंडल नाथद्वारा। सभापति हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग।
पुस्तकें - १. श्री नाथद्वारा दर्शन, २. सुदर्शन कवच, ३. प्रभातिया संग्रह, ४. मुन्ने का कोट, ५. अंतिम उत्तर, ६. दहेज का दानव, ७. उपकार कबूतर का, ८. अंग्रेजी हटाओ आंदोलन, ९. सांप का बदला, १०. सुख की घड़ियाँ, ११. बलिदान पुरस्कार, १२. साहब की कृतज्ञता, १३. ग्लानि और त्याग, १४. मौनी बाबा की करतूत
संपादन - १. अष्ट छाप स्मृति ग्रन्थ, २. गुसाईं विट्ठलदास स्मृति ग्रन्थ, ३. गो. हरिराय स्मृति ग्रन्थ, ४. गो. गोकुलनाथ स्मृति ग्रन्थ, ५. श्रीनाथ जी अंक, ६. हीरक जयंती ग्रंथ, ७. महाकवि बृजकोकिल नंददास, ८. विश्वकवि गो. तुलसीदास, ९. कोकोईलकण्ठी कवि और कीर्तनकार छीतस्वामी, १०. गुरुगोविंद के अनन्य उपासक गोविंददास, ११. गुरु गोविन्द के चरण चंचरीक चतुर्भुजदास, १२. अष्टछाप के कलित कवि और कीर्तनकार अधिकारी श्रीकृष्णदास, १३. अष्टछापिय भक्ति, काव्य और संगीत के रसस्रोत महाकवि परमानंददास, १४. पुष्टिमार्ग के जहाज महाकवि श्री सूरदास, १५. कमनीय कवि और कलित कीर्तनकार श्री कुंभनदास १६-१७ सूरसागर, पत्रिका हरसिंगार।
सम्मान - साहित्य वाचस्पति अभिसंस्तवन ग्रंथ २१०००/-, , महाकवि सूरदास साहित्य सम्मान, मेघ श्याम स्मृति सम्मान ११०००/-, बृज विभूति सम्मान ११०००/-, देवेंसर पुरस्कार ११०००/-, तुलसी पुरस्कार ५०००/-, सन्तभक्त मीरा सारस्वत सम्मान ५०००/-, प्रज्ञाभूषण प्रज्ञानंद सम्मान २१०००/-,
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