जब ब्लोगोत्सव की उद्घोषणा की गयी थी तब शायद किसी ने यह उम्मीद नहीं की होगी कि यह उत्सव हिंदी ब्लोगिंग के लिए मील का पत्थर सावित होगा ....मगर उत्सव से जुड़े कुछ सृजनकर्मी ऐसे हैं जिन्होंने इस उत्सव को ऐतिहासिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी .... जिसकी चर्चा अभी करना प्रासंगिक नहीं होगा, मगर एक सृजनकर्मी ऐसे हैं जिनकी चर्चा किये बिना आज की यह बात पूरी ही नहीं होगी . नाम है अविनाश वाचस्पति जिन्होंने इस उत्सव के लिए एक ऐसे पञ्च लाईन सुझाए कि वह आज एक-एक ब्लोगर की जुबान पर अपना डेरा बना चुका है अर्थात "अनेक ब्लॉग नेक हृदय".
यह पञ्च लाईन सुझाते हुए उन्होंने कहा था कि "प्रभात यह उत्सव इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा" ....मात्र दस दिनों में १६२ पोस्ट .....१०० रचनाकार ....५० से ज्यादा महिला चिट्ठाकारों की उपस्थिति....देश के प्रत्येक क्षेत्र के १७ शलाका पुरुषों/ महिलाओं से साक्षात्कार, लगभग १००० प्रतिक्रियाएं और मेल से प्राप्त ढेरों शुभकामनाएं इसकी सफलता की कहानी कह रही है ....है न एक बड़ी उपलब्धि हिंदी ब्लोगिंग के लिए ?
इस खुशी को जश्न के रूप में यादगार बनाने के उद्देश्य से आज सायं ०५ बजे ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है ....इस सांस्कृतिक संध्या में आमंत्रित किया गया है देश की उद्दियमान शास्त्रीय गायिका सुश्री मालविका को ,वही मालविका जिसने सा रे गा मा के मंच से सूनू निगम के साथ परफोर्म करके धमाल मचा दिया था , जी हाँ वही मालविका जिन्होंने कत्थक गुरु बिरजू महाराज और उनके शिष्यों के साथ स्टेज शोस कर चुकी हैं ....देश-विदेश के बड़े स्टेज शोस की शोभा बढाने वाली सुश्री मालविका इस सांस्कृतिक संध्या को यादगार बनाने आ रही हैं आज सायं ०५ बजे . आप सभी आमंत्रित होकर हमें अनुगृहित करें .
कार्यक्रम स्थल का पता है - http://utsav.parikalpnaa.com/
दिनांक : ०७.०५.२०१०
समय : सायं ०५ बजे
आपका-
रवीन्द्र प्रभात
महोदय, मैने अभी आधा घंता पहले ही इस ब्लोग को पहली बार देखा है. देखते ही पहला काम था इस्का सदस्य बनना. हिन्दी ब्लोग्गिंग की दुनिया मे यह एक क्रांतिकारी कदम है.