AWADH REGAL TIMES
एक और महिला दहेज़ की भेट चढ़ ११/०६/२०१० बलराम पुर हॉस्पिटल में मौत की गोद में सो गई
श्रीमती शकुन्तला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर उसके पति ने ज़िंदा जला दिया
यह वारदात दिनांक ०५/०६/२०१० को दिन शनिवार ११:३० बजे की है! उसके पति ने अपनी पत्नी शकुन्तला पर मिट्टी का तेल डाल कर ज़िंदा जला दिया !
शकुन्तला ग्राम- भूडखेडा ,पोस्ट -मलहेरा , थाना- संडीला जिला -हरदोई की रहने वाली थी ! इनका विवाह ५ वर्ष पूर्व दिनेश पुत्र रामेश्वर निवासी ग्राम- नयागाँव ,पोस्ट -मझिगव , थाना- बेनीगंज जिला -हरदोई के साथ हुआ था ! विवाह के उपरांत ही उसके ससुराल वाले उसे परेशान करते थे !इस गम में उसके पिता का देहांत हो गया था! क्योंकि उसके ससुराल वालो ने विवाह के तुरंत बाद ही उसकेसारे जेवर उससे उतरवा कर अपने पास रख लिए थे !यही नहीं उसका पति उसे अपने मायके में भी नहीं रहने देता था और मारता पीटता था! सोने की चेन और मोटरसाईकिल के लिए प्रताड़ित करता था ! साथ ही साथ उसे बात बात पर मारता पीटता था ! शकुन्तला का परिवार गरीब था इस लिए उसकी माँ उसकी कोई मदद नहीं कर सकती थी ! बस कहती थी कि उसे छोड़ कर घर आ जाओ ! पर बेचारी माँ का मोह उसे मौत के मुँह में ले गया ! शकुन्तला के ३ संतान है दो बेटियाँ और एक एक बेटा जब वह मरी तो ६ महीने के गर्भ से थी !
उसके मायके वालो ने बताया कि इस वारदात के बारे में उन्हें सुबह सूचना मिली कि शकुन्तला को रात ११:०० बजे जला दिया गया है वहाँ जा करा पता चला कि उसके पति ने उसे पहले बहुत मारा पीटा उसके बाद भी उसकी दरिंदगी कम नहीं हुई तो उसने मिट्टी का तेल उठा कर उसके ऊपर डाल कर आग लगा दी वो चिल्लाती रही उसे कोई भी बचाने नहीं आया! रात भर वो बेबस तड़पती रही घर के दरवाजे बंद करके सब लोग वहां से चले गए आसपास के लोगों ने बताया कि वह महिला रात भर पानी पानी चिल्लाती रही पर उपरोक्त अपराधियों के डर से कोई भी पडोसी उसके पास पानी पिलाने नहीं आया !उसका शरीर ९०% जल चुका था जब उसके घर वाले पहुँचे तब उसे लखनऊ लाने की कवायद शुरू हुई !जब शकुन्तला के चचेरे भाई रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने ले जाने लगे तो उपरोक्त अपराधियों ने थाने ले जाने से रोक दिया और ड्राईवर को धमकी दी कि गाडी थाने नहीं जाएगी और लखनऊ के न्यू सर्जिकल सेवा हॉस्पिटल , बगेरिया ,(दुबग्गा )ले चलो ! दुबग्गा पर छोटे लाल और उसके साथियों ने एक घंटे तक वहां रोके रखा और उसे ले जाते समय उसके ससुर और घर वालो ने भावनात्मक धमकी दी कि अपने सास, ससुर, पति जेठ, देवर ननद आदि के खिलाफ अगर बयान दिया तो सोच लो तुम्हारे बच्चों का क्या होगा और तुम्हारे परिवार वालो के पास तो पैसा भी नहीं है इस लिए तुम बेमौत मर जाओगी ! इस लिए उसने कोई बयान नहीं दिया उसका बयान भी वहाँ उसके सामने नहीं लिखा गया बस उस महिला से अन्दर जाकर अंगूठा लगवा लिया गया ! कल सुबहदिनांक ११ /०६ /२०१० को उसकी मौत हो गयी है! जब मैं वहाँ पहुंची तो परिजनों ने बताया कि वहाँ के थाना प्रभारी ने प्रधान के दबाव में आकर पैसा ले देकर पहले तो रिपोट नहीं दर्ज की और जब लड़की के परिवार वालो ने वहाँ के विधायक से दबाव डलवाया तब जाकर रिपोट दर्ज की गई !
हम यह जानते है कि यह खबर जल्द ही अखबारों के दफ्तरों तथा पुलिस थानों और न्यायालयों के चक्कर लगाते लगाते दफन हो कर रह जाएगी क्योंकि शकुन्तला कोई जानी मानी महिला तो है नहीं कि उसके बारे में कोई आवाज उठाएगा , आज सवाल यह नहीं कि एक महिला को जलाकर किसने अमानवीय व्यवहार किया आज सवाल यह है! कि क्या कसूर था उस महिला का? क्या उसका मातृत्व प्रेम उसे मौत के मुँह में ले गया ! अब उसके दुधमुंहे बच्चो का क्या होगा! माँ तो मर गई पिता जेल में! अँधेरे में खोता उन तीनो मासूमो का भविष्य ! कौन जिम्मेदार है इन सब के लिए ! हमारा समाज, हम या हमारी सोच!!!
लानत है ऐसे दरिंदों पर
ऐसे दरिंदों को भी जिंदा जला दिया जाना चाहिए !!