मौत का खौफ अपने दिल से निकालो यारो।
एक चिंगारी बुझाने से फायदा क्या है,
बुझाना है तो पानी आग पर डालो यारो।
यूँ ही अनजान सफ़र पर निकलने से पहले,
अपनी मंजिल के निशां दिल में बसा लो यारो।
अब चिरागों से ये अँधियारा नहीं जाएगा,
अपने हाथों में मशालें तो उठा लो यारों।
तीर छोटा सही पर अपना असर छोड़ेगा,
शर्त ये है कि तीर ज़हर बुझा लो यारों।
- घनश्याम मौर्य
अच्छी संदेशात्मक रचना...
सुन्दर प्रस्तुति
इस पोस्ट के लिेए साधुवाद
kaafii achii achii salahen di hain
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